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NEET-UG 2024: सुप्रीम कोर्ट का फैसला- दोबारा नहीं होगी परीक्षा, परीक्षा में गड़बड़ी होने के पर्याप्‍त सबूत नहीं

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Manish Kumar
Manish Kumarhttps://chauthakhambha.com/
मनीष आधुनिक पत्रकारिता के इस डिजिटल माध्यम को अच्छी तरह समझते हैं। इसके पीछे उनका करीब 16 वर्ष का अनुभव ही वजह है। वे दैनिक भास्कर, नईदुनिया जैसे संस्थानों की वेबसाइट में काफ़ी समय तक अपनी सेवाएं दे चुके हैं। देशगांव डॉट कॉम और न्यूज निब (शॉर्ट न्यूज ऐप) की मुख्य टीम का हिस्सा रहे। मनीष फैक्ट चैकिंग में निपुण हैं। वे गूगल न्यूज इनिशिएटिव व डाटालीड्स के संयुक्त कार्यक्रम फैक्टशाला के सर्टिफाइट फैक्ट चेकर व ट्रेनर हैं। भोपाल के माखनलाल पत्रकारिता विश्वविद्यालय से पढ़ाई कर चुके मनीष मानते हैं कि गांव और शहर की खबरों को जोड़ने के लिए मीडिया में माध्यमों की लगातार ज़रूरत है।

NEET-UG 2024 No Re-test: नई दिल्ली। NEET-UG 24 मामले की 23 जुलाई 2024 को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई।

कोर्ट ने अभी अपना फैसला सुरक्षित रखा है जिसके लिए कोई डेट जारी नहीं की है।

हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने नीट पेपर लीक मामले में सुनवाई के दौरान दोबारा परीक्षा कराने का आदेश देने से साफ इनकार कर दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले (NEET-UG 2024 No Re-test) में सुनवाई करते हुए IIT दिल्ली की रिपोर्ट पर भी संज्ञान लिया।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रिकॉर्ड में मौजूद डेटा NEET-UG 24 के प्रश्नपत्र के व्यवस्थित लीक होने का संकेत नहीं देता है।

सर्वोच्च अदालत ने कहा कि पूरे NEET-UG 24 परीक्षा को रद्द करने का आदेश सिद्धांतों के आधार पर उचित नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के सीनियर वकील संजय हेगड़े ने अपनी दलील में कहा है कि ये साफ है कि 4 मई को स्टूडेंट्स को पेपर मिल चुका था।

उन्होंने पेपर के सही जवाब याद किए और फिर भी फेल हो गए। पेपर लीक के लिए लंबी टाइमलाइन जरूरी है, कम समय में ये हो ही नहीं सकता।

भारत के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने NEET-UG 2024 से संबंधित मामलों (NEET-UG 2024 No Re-test) की सुनवाई के दौरान, प्रश्न पत्र के भौतिकी भाग में विवादास्पद प्रश्न के सही उत्तर के रूप में विकल्प 4 को चिह्नित करने वालों को पूरे अंक देने और विकल्प 2 को सही उत्तर के रूप में चिह्नित करने वालों के कोई अंक नहीं काटने का प्रस्ताव रखा।

इससे पहले सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने सोमवार को आईआईटी-दिल्ली के निदेशक को भौतिकी के इस विवादित प्रश्न को लेकर तीन विषय विशेषज्ञों की एक टीम गठित करने तथा मंगलवार दोपहर तक सही जवाब पर रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था।

सुनवाई शुरू होने पर सीजेआई ने रिपोर्ट में लिखी बातों का हवाला दिया और कहा कि हमें आईआईटी दिल्ली की रिपोर्ट मिली है।

आईआईटी निदेशक रंगन बनर्जी ने भौतिकी विभाग की एक समिति गठित की। तीन विशेषज्ञों की एक टीम ने प्रश्न की जांच की। टीम का कहना है कि चौथा विकल्प सही जवाब है।

CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि फिलहाल हम दागी स्टूडेंट्स को बेदागी स्टूडेंट्स से अलग कर सकते हैं। अगर जांच के दौरान दागियों की पहचान होती है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अगर कोई स्टूडेंट्स इस फ्रॉड में शामिल पाया जाता है तो उसे एडमिशन नहीं मिलेगा।

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