Dengue Fever in Bihar: पटना। बिहार में बरसात जनित बीमारी डेंगू का कहर दिखने लगा है।
बीते दो दिनों में बिहार में डेंगू के 20 मरीज मिले हैं जिसमें पटना में ही 13 मरीज मिले हैं।
मंगलवार को भी डेंगू के छह मरीज मिले जिनमें तीन पटना के मरीज कंकड़बाग, बहादुरपुर और संदलपुर इलाके के रहने वाले हैं।
बाकी मरीज बिहार के नालंदा, सीतामढ़ी और समस्तीपुर जिलों के रहने वाले हैं।
इसके साथ ही बिहार में डेंगू से पीड़ित होने वाले मरीजों की संख्या 211 हो गई है और अकेले पटना में 54 हो गई है।
पूर्णिया में दो मरीजों की पुष्टि –
पूर्णिया जिले में भी डेंगू (Dengue Fever in Bihar) के मरीजों के मिलने का सिलसिला शुरू हो चुका है।
जिले में दो मरीजों में डेंगू की पॉजिटिव रिपोर्ट मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर आ गया है।
इन दोनों मरीजों की कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं होने के कारण स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के माथे पर बल पड़ने लगे हैं।
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डेंगू के मरीजों की पहचान होने के बाद राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में विशेष तैयारी की गई है और 10 बेड रिजर्व रखे गए हैं।
इसके साथ ही जीएमसीएच में विशेष रूप से जलजमाव एवं साफ-सफाई की व्यवस्था पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है।
रैपिड एंटीजेन और एलिजा टेस्ट से डेंगू की होती है पहचान –
डेंगू (Dengue Fever in Bihar) वायरस से संक्रमित मच्छर के काटने से यह बरसात जनित रोग डेंगू बुखार फैलता है।
एडीस मादा मच्छर जब किसी डेंगू पीड़ित मरीज को काटने के बाद किसी स्वस्थ मरीज को काटती है तो संक्रमण का फैलाव होने लगता है।
डेंगू बुखार में मरीज के खून में प्लेटलेट्स की संख्या काफी कम हो जाती है और आम तौर पर इसके लक्षण फ्लू से मिलते-जुलते होते हैं।
सिर्फ लक्षणों के आधार पर ही डेंगू का संक्रमण नहीं माना जा सकता बल्कि इसके लिए खून की जांच (रैपिड एंटीजेन और एलिजा टेस्ट) जरूरी है जिसकी मदद से इसकी पहचान की जाती है।
परहेज, दवा एवं पौष्टिक भोजन के द्वारा कुछ समय बाद मानव शरीर में डेंगू का प्रभाव धीरे-धीरे खत्म हो जाता है।