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MP के इस शहर में गधों को दी गई गुलाब जामुन की पार्टी, जानिए क्यों

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Manish Kumar
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मनीष आधुनिक पत्रकारिता के इस डिजिटल माध्यम को अच्छी तरह समझते हैं। इसके पीछे उनका करीब 16 वर्ष का अनुभव ही वजह है। वे दैनिक भास्कर, नईदुनिया जैसे संस्थानों की वेबसाइट में काफ़ी समय तक अपनी सेवाएं दे चुके हैं। देशगांव डॉट कॉम और न्यूज निब (शॉर्ट न्यूज ऐप) की मुख्य टीम का हिस्सा रहे। मनीष फैक्ट चैकिंग में निपुण हैं। वे गूगल न्यूज इनिशिएटिव व डाटालीड्स के संयुक्त कार्यक्रम फैक्टशाला के सर्टिफाइट फैक्ट चेकर व ट्रेनर हैं। भोपाल के माखनलाल पत्रकारिता विश्वविद्यालय से पढ़ाई कर चुके मनीष मानते हैं कि गांव और शहर की खबरों को जोड़ने के लिए मीडिया में माध्यमों की लगातार ज़रूरत है।

Gulab Jamun To Donkeys: मंदसौर। मध्य प्रदेश के मंदसौर शहर में गधों को गुलाब जामुन खिलाए जाने के फोटो-वीडियो वायरल हो रहे हैं।

गधों को गुलाब जामुन खिलाए जाने के फोटो-वीडियो देखकर लोग सोशल मीडिया पर तरह-तरह के कमेंट्स कर रहे हैं।

कोई कह रहा है कि यहां इंसानों को खाने के लिए रोटी नहीं मिल पा रही है और गधों को गुलाब जामुन खिलाया जा रहा है।

इसलिए खिलाए गए गुलाब जामुन –

MP News Gulab Jamun Party For Donkey in Mandsaur

दरअसल, मानसून आने के बाद भी मंदसौर शहर में अच्छी बारिश नहीं हो रही थी।

इस वजह से ही लोगों ने पुरानी मान्यताओं के आधार पर अच्छी बारिश की कामना के साथ गधों से श्मशान में हल चलवाया।

फिर इसके बाद मान्यता (Gulab Jamun To Donkeys) का पालन करने वालों ने श्मशान में ही उड़द और नमक की बुआई की थी।

इस अजीबोगरीब मान्यता का पालन करने वालों ने उस समय ही कहा था कि अगर अब मंदसौर में अच्छी बारिश होती है, तो गधों को गुलाब जामुन खिलाए जाएंगे।

Ploughing Crematorium  With Donkeys And Sowing Salt

मानसून के कई वेदर सिस्टम एक्टिव होने के बाद अब मंदसौर और इसके आस-पास के इलाकों में झमाझम बारिश शुरू हो गई है जिसके बाद गधों को गुलाब जामुन खिलाए गए।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले साल भी बारिश नहीं हुई थी, तब भी इसी तरह मान्यता का पालन किया गया और फिर गधों को गुलाब जामुन खिलाए (Gulab Jamun To Donkeys) गए थे।

पार्षद प्रतिनिधि ने गधे पर बैठकर निकाली थी सवारी –

जानकारी के मुताबिक, मंदसौर में पार्षद प्रतिनिधि शैलेंद्र गोस्वामी भी गधों से श्मशान में हल चलवाने के कार्यक्रम में शामिल हुए थे।

पार्षद प्रतिनिधि ने गधों पर बैठकर श्मशान में ही सवारी भी निकाली थी और उनका कहना था कि यह सब अच्छी बारिश के लिए इंद्रदेव को प्रसन्न करने के लिए किया गया है।

गधों से चलवाया हल, करवाई नमक-उड़द की बुआई –

मंदसौर में महू-नीमच रोड पर स्थित श्मशान में गधों से हल चलवाकर उड़द और नमक की बुआई करवाई गई थी।

गधों से इस तरह से हल चलवाने के कार्यक्रम को वहां से गुजर रहे लोग देखने लगे थे और वहां अच्छी खासी भीड़ जमा हो गई थी।

Gulab Jamun To Donkeys in Mandsaur, MP

लोगों को यकीन था कि इस मान्यता को पूरा करने के बाद शहर में अच्छी बारिश होने लगेगी।

पिछले साल भी बारिश नहीं होने पर इसी तरह से गधों से श्मशान में हल चलवाया गया था और नमक-उड़द की बुआई करवाई गई थी।

किसानों के चेहरे पर दिखी खुशी –

मंदसौर और इसके आसपास के इलाकों में पिछले कई दिनों से रूठा मानसून फिर मेहरबान हो गया है जिससे लोगों ने राहत की सांस ली है।

झमाझम बारिश से बुआई के इंतजार में बैठे किसानों के माथे पर उभर रही चिंता की लकीरें हट गई हैं।

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