Ladli Behna Yojana: बीना। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने लाड़ली बहना योजना (MP Ladli Behna Yojana) की सितंबर माह की राशि लाड़ली बहनों के खाते में ट्रांसफर की।
सागर जिले के बीना में आयोजित एक कार्यक्रम में सितंबर माह में प्रत्येक लाड़ली बहना को 1250 रुपये के हिसाब से 54 करोड़ 73 लाख रुपये का अंतरण डिजिटल माध्यम से किया गया।
इसके साथ ही इस राज्य स्तरीय कार्यक्रम में अन्य सरकारी योजनाओं की राशि लाभार्थियों के खातों में सिंगल क्लिक के जरिये जमा की गई।
बता दें, सितंबर माह में प्रत्येक लाड़ली बहना को 1250 रुपये के हिसाब से 54 करोड़ 73 लाख 10 हजार 500 रुपये का भुगतान डिजिटल माध्यम से किया गया।
Ladli Behna Yojana: 1.29 करोड़ बहनों को था इंतजार –
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं को सशक्त करने के लिए शुरू की गई इस योजना का लाभ उठाने वालीं प्रदेश की 1.29 करोड़ बहनों को इसका इंतजार था।
लाड़ली बहनों के साथ ही सामाजिक सुरक्षा पेंशन अंतर्गत लाभ उठाने वाले पात्र लाभार्थियों के खाते में अगस्त माह की राशि का सिंगल क्लिक से ट्रांसफर किया गया।
प्रदेश भर के अन्य जिलों में आयोजित किए जिलास्तर कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये योजना के हितग्राही और संबंधित अधिकारी जुड़े।
Ladli Behna Yojana: पहली बार कोई सीएम विधायक के घर गया –
कांग्रेस से भाजपा में आईं विधायक निर्मला सप्रे की मांगों को जमीन पर उतारने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव बीना पहुंचे।
हेलिकॉप्टर से उतरने के बाद सीएम डॉ. यादव सड़क मार्ग से कृषि उपज मंडी स्थित सभा स्थल पहुंचे और जनता को संबोधित किया।
सभा में संबोधन का कार्यक्रम होने के बाद मुख्यमंत्री यादव विधायक निर्मला सप्रे के घर भी गए।
बता दें कि बीना के इतिहास में यह पहली बार होगा कि प्रदेश का कोई मुख्यमंत्री विधायक के घर गया है।
LIVE : कृषि उपज मंडी बीना, जिला सागर से लाड़ली बहना योजना के अंतर्गत ₹1574 करोड़ की राशि का अंतरण https://t.co/5bnRf2ayq9
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) September 9, 2024
Ladli Behna Yojana: पिता के निधन के कारण टल गया था कार्यक्रम –
बता दें कि सीएम का यह दौरा पहले 4 सितंबर को होना था, जो उनके पिता के निधन के कारण टल गया था।
सीएम के प्रस्तावित दौरे से बीना को जिला बनाने की मांग ने जोर पकड़ लिया था।
इस बीच सत्ता-संगठन ने बीना भाजपा कोर ग्रुप के पदाधिकारियों के साथ बैठकर सीएम की अध्यक्षता में तय किया कि प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग की रिपोर्ट के आधार पर ही नए जिले बनाएंगे।
यह भी पढ़ें – MP में रहने वाले लोगों के बदले जा सकते हैं जिले, नए सिरे से होगा प्रदेश का परिसीमन