प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जिस तरह अपने अभिभावकत्व और नेतृत्व से एनडीए को संभालते हुए काम प्रारंभ किया है। वे आसानी से साधारण विवादों का हल भी निकाल ही लेंगे।
इश्क की गली में एंट्री करने वाले मध्य प्रदेश के एक एडिशनल कलेक्टर साहब हैं जो इश्क में गोते लगाने के फेर में माशूका के मकड़जाल में ऐसे फंसे कि अपने दामन पर दाग लगा बैठे।
मोहन यादव का बिहार दौरा SP-RJD के MY फैक्टर की काट के तौर पर देखा जा रहा है और फिर यूपी-बिहार में यादवों को रिझाने महाकाल के मोहन से अच्छा कौन हो सकता था।
गोपी-किशन चार इमली और 74 बंगले के बाहर ऐसे खड़े रहते हैं जैसे कि दोनों बंगले के मुख्य गार्ड ही हों। कुछ अधिकारी अंदर बुला लेते हैं तो कई इनको बाहर से ही रवाना कर देते हैं।