71st National Film Awards: 1 अगस्त 2025 को नई दिल्ली में 71वें भारतीय राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की घोषणा की गई।
इस साल के पुरस्कारों में शाहरुख खान, रानी मुखर्जी और विक्रांत मैसी जैसे सितारों ने सुर्खियां बटोरीं।
फिल्म “12th Fail” ने बेस्ट फीचर फिल्म का पुरस्कार जीता, जबकि “जवान” के लिए शाहरुख खान और “12th Fail” के लिए विक्रांत मैसी ने बेस्ट एक्टर का पुरस्कार संयुक्त रूप से मिला।
आइए देखते हैं विजेताओं की पूरी लिस्ट और जानते हैं नेशनल फिल्म अवार्ड्स का इतिहास…
शाहरुख खान का पहला नेशनल अवार्ड
बॉलीवुड के “बादशाह” शाहरुख खान ने 33 साल के अपने करियर में पहली बार नेशनल फिल्म अवार्ड जीता है।
उनकी फिल्म “जवान” (2023) में दमदार अभिनय के लिए उन्हें बेस्ट एक्टर का पुरस्कार मिला।
यह शाहरुख के लिए एक ऐतिहासिक पल है, क्योंकि उन्होंने पहले कई फिल्मफेयर और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार जीते थे, लेकिन नेशनल अवार्ड उनकी झोली में अब जाकर आया।
शाहरुख ने इस मौके पर अपनी टीम और फैंस का शुक्रिया अदा किया।
उनकी फिल्म “जवान” एक एक्शन ब्लॉकबस्टर थी, जिसने दर्शकों का दिल जीता और बॉक्स ऑफिस पर भी धमाल मचाया।
विक्रांत मैसी और रानी मुखर्जी का जलवा
शाहरुख के साथ विक्रांत मैसी ने भी “12th Fail” में अपनी शानदार परफॉर्मेंस के लिए बेस्ट एक्टर का अवार्ड शेयर किया।
यह फिल्म एक आईपीएस अधिकारी मनोज कुमार की जिंदगी पर आधारित थी, जिसने लाखों लोगों को प्रेरित किया।
विक्रांत ने इस पुरस्कार को अपने करियर का सबसे बड़ा सम्मान बताया।
वहीं, रानी मुखर्जी ने “Mrs. Chatterjee vs Norway” में एक मां की भावनात्मक भूमिका के लिए बेस्ट एक्ट्रेस का पुरस्कार जीता।
उनकी यह फिल्म एक सच्ची कहानी पर आधारित थी, जिसमें एक भारतीय मां अपने बच्चों की कस्टडी के लिए विदेशी सिस्टम से लड़ती है।
12th Fail: बेस्ट फीचर फिल्म
विदु विनोद चोपड़ा की फिल्म “12th Fail” को बेस्ट फीचर फिल्म का पुरस्कार मिला।
यह फिल्म ना सिर्फ दर्शकों की पसंद बनी, बल्कि समीक्षकों ने भी इसकी खूब तारीफ की।
कहानी में एक साधारण लड़के की मेहनत और जुनून को दिखाया गया, जो यूपीएससी की परीक्षा पास करने का सपना देखता है।
अन्य बड़े विजेता
- बेस्ट डायरेक्टर: सुदीप्तो सेन को “The Kerala Story” के लिए बेस्ट डायरेक्टर का पुरस्कार मिला।
- बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर: विजयराघवन (“Pookalam”) और मुथुपेट्टई सोमू भास्कर (“Parking”)।
- बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस: उर्वशी (“Ullozhukku”) और जंकी बोडिवाला (“Vash”)।
- बेस्ट पॉपुलर फिल्म: करण जौहर की “Rocky Aur Rani Kii Prem Kahaani” को बेस्ट पॉपुलर फिल्म फॉर होलसम एंटरटेनमेंट का अवार्ड मिला।
- बेस्ट हिंदी फिल्म: “Kathal: A Jackfruit Mystery”।
- क्षेत्रीय फिल्में: “Ullozhukku” (मलयालम), “Parking” (तमिल), “Bhagavanth Kesari” (तेलुगु), और “Vash” (गुजराती) जैसी फिल्मों ने भी अपने-अपने कैटेगरी में पुरस्कार जीते।
तकनीकी पुरस्कार:
“Animal” और “2018: Everyone is a Hero” को साउंड डिजाइन और अन्य तकनीकी कैटेगरी में सम्मान मिला।
नेशनल फिल्म अवार्ड्स का इतिहास
नेशनल फिल्म अवार्ड्स की शुरुआत 1954 में हुई थी, जब इसे “स्टेट अवार्ड्स” के नाम से जाना जाता था।
पहला बेस्ट फीचर फिल्म का पुरस्कार मराठी फिल्म “Shyamchi Aai” को मिला।
शुरूआती सालों में सिर्फ क्षेत्रीय भाषाओं की फिल्मों को पुरस्कृत किया जाता था, लेकिन 1967 से अभिनेताओं और तकनीशियनों को भी पुरस्कार दिए जाने लगे।
पहला बेस्ट एक्टर अवार्ड उत्तम कुमार को “Antony Firingee” और “Chiriyakhana” के लिए मिला, जबकि नर्गिस को “Raat Aur Din” के लिए बेस्ट एक्ट्रेस का सम्मान मिला।
इन पुरस्कारों का सबसे बड़ा सम्मान “दादासाहेब फाल्के अवार्ड” है, जो भारतीय सिनेमा में लाइफटाइम अचीवमेंट के लिए दिया जाता है।
अब तक लता मंगेशकर, सत्यजीत रे, और मिथुन चक्रवर्ती जैसे दिग्गजों को यह सम्मान मिल चुका है।
नेशनल फिल्म अवार्ड्स का आयोजन सूचना और प्रसारण मंत्रालय करता है।
फिल्में सेंसर बोर्ड द्वारा सर्टिफाइड होनी चाहिए, और हर साल 1 जनवरी से 31 दिसंबर तक रिलीज हुई फिल्में ही इसके लिए पात्र होती हैं।
2025 के पुरस्कारों की खासियत
इस साल के पुरस्कारों में बॉलीवुड के साथ-साथ क्षेत्रीय सिनेमा का भी दबदबा रहा।
मलयालम, तमिल, तेलुगु, और गुजराती फिल्मों ने कई बड़े पुरस्कार जीते, जो भारतीय सिनेमा की समृद्धि को दर्शाता है।
“Aatmapamphlet” को बेस्ट डेब्यू फिल्म का पुरस्कार मिला, जिसने नए निर्देशकों की प्रतिभा को सामने लाया।
देखें विजेताओं की पूरी लिस्ट…
- बेस्ट फीचर फिल्म: 12वीं फेल
- बेस्ट फीचर हिंदी फिल्म: कटहल
- बेस्ट एक्टर लीड रोल: शाहरुख खान (जवान)
- बेस्ट एक्टर लीड रोल: विक्रांत मैसी (12वीं फेल)
- बेस्ट एक्ट्रेस लीड रोल: रानी मुखर्जी (मिसेज़ चटर्जी वर्सस नॉर्वे)
फीचर फिल्म्स:
– स्पेशल मेंशन: एमआर राजकृष्णन (एनिमल – री-रिकॉर्डिंग)
– बेस्ट ताई फाके फिल्म: पाई तांग…स्टेप ऑफ होप
– बेस्ट गारो फिल्म: रिमडोट्टियंगा
– बेस्ट तेलुगु फिल्म: भागवंत केसरी
– बेस्ट तमिल फिल्म: पार्किंग
– बेस्ट पंजाबी फिल्म: गोड्डे गोड्डे छा
– बेस्ट ओडिया फिल्म: पुष्करा
– बेस्ट मराठी फिल्म: श्यामची आई
– बेस्ट मलयालम फिल्म: उल्लोझुक्कु
– बेस्ट कन्नड़ फिल्म: कंदीलु
– बेस्ट हिंदी फिल्म: कटहल
– बेस्ट गुजराती फिल्म: वश
– बेस्ट बंगाली फिल्म: डीप फ्रिज
– बेस्ट असमिया फिल्म: रोंगटापु 1982
– बेस्ट एक्शन निर्देशन: नंदू-प्रुध्वी (हनुमान)
– बेस्ट कोरियोग्राफी: वैभवी मर्चेंट (डिंढोरा बाजे रे – रॉकी और रानी की प्रेम कहानी)
– बेस्ट लिरिक्स राइटर: कसारला श्याम (ऊरु पालेट्टुरु – बालागम)
– बेस्ट म्यूजिक डायरेक्टर: जीवी प्रकाश कुमार (वाथी), हर्षवर्धन रामेश्वर (एनिमल)
– बेस्ट मेकअप: श्रीकांत देसाई (सैम बहादुर)
– बेस्ट कॉस्ट्यूम डिज़ाइन: सचिन, दिव्या, निधि (सम बहादुर)
– बेस्ट प्रोडक्शन डिज़ाइन: मोहनदास (2018)
– बेस्ट एडिटिंग: मिधुन मुरली (पूककालम)
– बेस्ट साउंड डिज़ाइन: सचिन सुधाकरन, हरिहरन (एनिमल)
– बेस्ट स्क्रीनप्ले: साई राजेश (बेबी), रामकुमार बालकृष्णन (पार्किंग)
– बेस्ट डायलॉग: दीपक किंगरानी (सिर्फ एक बंदा काफी है)
– बेस्ट सिनेमेटोग्राफी: प्रसंतनु मोहपात्रा (द केरल स्टोरी)
– बेस्ट पार्श्व गायक: शिल्पा राव (चलिया – जवान), रोहित (प्रेमिस्थुन्ना – बेबी)
– बेस्ट बाल कलाकार: सुकृति बंडिरेड्डी (गांधी ताता चेट्टू), कबीर खंडारे (जिप्सी), त्रीशा तोषर, श्रीनिवास पोकले, भर्गव (नाल 2)
– बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर/एक्ट्रेस: उर्वशी (उल्लोझुक्कु), जानकी बोदीवाला (वश), विजयराघवन (पूककालम), मुथुपेट्टई सोमू भास्कर (पार्किंग)
– बेस्ट लीड एक्टर/एक्ट्रेस: रानी मुखर्जी (मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे), शाहरुख खान (जवान), विक्रांत मैसी (12वीं फेल)
– बेस्ट डायरेक्टर: सुदीप्तो सेन (द केरल स्टोरी)
– बेस्ट एवीजीसी फिल्म: हनुमान
– बेस्ट चाइल्ड फिल्म: नाल 2
– राष्ट्रीय और सामाजिक मूल्यों को बढ़ावा देने वाली बेस्ट फिल्म: सैम बहादुर
– बेस्ट पॉपुलर एंटरटेनमेंट फिल्म: रॉकी और रानी की प्रेम कहानी
– बेस्ट डेब्यू फिल्म: आत्मपम्फलेट
– बेस्ट फिल्म: 12वीं फेल
नॉन-फीचर फिल्म्स:
– स्पेशल मेंशन: नेकल – क्रॉनिकल ऑफ द पैडी मैन, द सी एंड द सेवन विलेजेस
– बेस्ट स्क्रिप्ट: सनफ्लावर्स वेयर द फर्स्ट वन्स टु नो
– बेस्ट वॉयसओवर: हरि कृष्णन एस (द सेक्रेड जैक – एक्सप्लोरिंग द ट्री ऑफ विशेज)
– बेस्ट संगीत निर्देशन: प्रणिल देसाई (द फर्स्ट फिल्म)
– बेस्ट एडिटिंग: नीलाद्रि रॉय (मूविंग फोकस)
– बेस्ट साउंड डिज़ाइन: शुभारुन सेनगुप्ता (धुंधगिरी के फूल)
-बेस्ट सिनेमेटोग्राफी: मीनाक्षी सोमन, सरवनमरुथु (लिटिल विंग्स)
– बेस्ट डायरेक्टर: पीयूष ठाकुर (द फर्स्ट फिल्म)
– बेस्ट शॉर्ट फिल्म: गिद्ध द स्कैवेंजर
– सामाजिक और पर्यावरणीय मूल्यों को बढ़ावा देने वाली बेस्ट गैर-फीचर फिल्म: द साइलेंट एपिडेमिक
– बेस्ट डॉक्यूमेंट्री: गॉड वल्चर एंड ह्यूमन
– बेस्ट आर्ट/कल्चर फिल्म: टाइमलेस तमिल नाडु
– बेस्ट डेब्यू फिल्म: द स्पिरिट ड्रीम्स ऑफ चेरो
– बेस्ट गैर-काल्पनिक फिल्म: फ्लावरिंग मैन