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खत्म हुई 40 सेकंड की झुंझलाहट: सरकार ने बंद की अमिताभ बच्चन की आवाज वाली कॉलर ट्यून

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

Amitabh Bachchan Caller Tune Remove: केंद्र सरकार ने साइबर जागरूकता के लिए चलाए गए अमिताभ बच्चन के वॉयस मैसेज वाली कॉलर ट्यून को बंद कर दिया है।

यह मैसेज हर फोन कॉल से पहले 40 सेकंड तक सुनाई देता था, जिससे लोगों को साइबर ठगी से बचने की सलाह दी जाती थी।

हालांकि, इमरजेंसी कॉल्स में देरी की शिकायतों के बाद इसे हटाने का फैसला लिया गया।

क्या थी यह कॉलर ट्यून?

सितंबर 2024 में, भारत सरकार के इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) ने साइबर अपराधों के बढ़ते मामलों को देखते हुए एक जागरूकता अभियान शुरू किया था।

इसमें मशहूर अभिनेता अमिताभ बच्चन की आवाज में एक 40 सेकंड का मैसेज बनाया गया, जिसमें लोगों को फर्जी कॉल, OTP शेयर करने, KYC अपडेट के नाम पर ठगी और अनजान लिंक्स से सावधान रहने की चेतावनी दी गई थी।

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इस मैसेज का उद्देश्य था कि जब भी कोई व्यक्ति किसी को फोन करे, तो उसे साइबर सुरक्षा के बारे में जानकारी मिले।

शुरुआत में इसकी काफी सराहना हुई, क्योंकि भारत में हर दिन हजारों लोग साइबर फ्रॉड का शिकार हो रहे हैं।

क्यों हटाई गई कॉलर ट्यून?

हालांकि, धीरे-धीरे यह मैसेज लोगों के लिए परेशानी का कारण बन गया। मुख्य शिकायतें थीं:

  1. इमरजेंसी कॉल्स में देरी – अगर कोई व्यक्ति पुलिस, एंबुलेंस या फायर ब्रिगेड को फोन करता था, तो उसे पहले 40 सेकंड का यह मैसेज सुनना पड़ता था, जिससे कीमती समय बर्बाद होता था।

  2. बार-बार सुनने से झुंझलाहट – कई लोगों ने शिकायत की कि वे एक ही मैसेज को रोजाना कई बार सुनकर परेशान हो गए थे।

  3. सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग – अमिताभ बच्चन को भी इसकी वजह से ट्रोल किया गया।

एक यूजर ने उनसे कहा, “तो कॉल पर बोलना बंद करो भाई!” जिस पर बिग बी ने जवाब दिया, “सरकार को बोलो भाई, उन्होंने हमसे कहा सो किया।”

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इन शिकायतों के बाद, सरकार ने पहले इस मैसेज को दिन में सिर्फ 2 बार चलाने का निर्णय लिया और इमरजेंसी कॉल्स के दौरान इसे बंद कर दिया। लेकिन अब इसे पूरी तरह से हटा दिया गया है।

कोविड के दौरान भी हुआ था विवाद

यह पहली बार नहीं है जब अमिताभ बच्चन की आवाज वाली कॉलर ट्यून विवादों में घिरी है।

कोविड-19 महामारी के दौरान भी उनकी आवाज में एक मैसेज चलाया गया था, जिसमें मास्क पहनने, सोशल डिस्टेंसिंग और सैनिटाइजर का उपयोग करने की सलाह दी जाती थी।

लेकिन जब खुद अमिताभ बच्चन और उनके परिवार के सदस्य कोरोना से संक्रमित हुए, तो लोगों ने इस मैसेज पर सवाल उठाए।

एक व्यक्ति ने तो दिल्ली हाई कोर्ट में PIL भी दाखिल कर दी थी, जिसमें इस कॉलर ट्यून को हटाने की मांग की गई थी।

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कॉलर ट्यून क्यों इस्तेमाल की जाती हैं?

भारत में कॉलर ट्यून को जन जागरूकता का प्रभावी माध्यम माना जाता है, क्योंकि:

  • टेलीफोन यूजर्स की संख्या बहुत अधिक है (1.2 बिलियन से ज्यादा)।

  • ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट और टीवी की पहुंच सीमित हो सकती है, लेकिन फोन कॉल्स सभी तक पहुंचते हैं।

  • शॉर्ट और सरल मैसेज लोगों को आसानी से समझ में आ जाते हैं।

हालांकि, अगर यह मैसेज बहुत लंबा या बार-बार सुनाई दे, तो लोग इसे झुंझलाहट भरा मानने लगते हैं।

बहरहाल, सरकार का यह कदम लोगों की शिकायतों को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।

हालांकि, साइबर सुरक्षा की जागरूकता अभी भी जरूरी है, इसलिए संभव है कि भविष्य में कोई और तरीका अपनाया जाए।

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