Satish Shah Death: भारतीय सिनेमा और टेलीविजन जगत के मशहूर एक्टर सतीश शाह अब हमारे बीच नहीं रहे।
शनिवार, 25 अक्टूबर को दोपहर 2:30 बजे उन्होंने मुंबई के हिंदुजा अस्पताल में अपनी अंतिम सांस ली।
वह 74 वर्ष के थे और लंबे समय से किडनी संबंधी बीमारी से जूझ रहे थे।
उनके निधन की खबर से बॉलीवुड और टीवी इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई है।
उनके फैंस सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं।
‘साराभाई वर्सेस साराभाई’ से हुए मशहूर
सतीश शाह का नाम आते ही दिमाग में सबसे पहले टीवी शो ‘साराभाई वर्सेस साराभाई’ का शानदार किरदार ‘इंद्रवदन साराभाई’ या फिर ‘इंदु’ घूम जाता है।
उनकी अदाकारी की बदौलत यह किरदार इतना लोकप्रिय हुआ कि आज भी सोशल मीडिया पर उसके क्लिप्स वायरल होते हैं।

इस खबर की पुष्टि खुद फिल्म निर्माता-निर्देशक अशोक पंडित ने की, जिन्होंने इसे मनोरंजन जगत के लिए एक बड़ी क्षति बताया।
किडनी रोग से लंबा संघर्ष
सतीश शाह का स्वास्थ्य पिछले कुछ समय से खराब चल रहा था।
वह लंबे समय से किडनी की बीमारी से पीड़ित थे।
25 अक्टूबर की सुबह हालत बिगड़ने पर उन्हें मुंबई के हिंदुजा अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें बचाने की पूरी कोशिश की।
लेकिन दोपहर करीब 2:30 बजे किडनी फेलियर के कारण उनका निधन हो गया।
अशोक पंडित ने इस दुखद घटना पर कहा, “यह बताते हुए दुख और सदमे का अनुभव हो रहा है कि हमारे प्रिय मित्र और महान अभिनेता सतीश शाह का कुछ घंटे पहले किडनी फेल होने के कारण निधन हो गया। उन्हें हिंदुजा अस्पताल ले जाया गया जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। यह हमारे एंटरटेनमेंट जगत के लिए एक बड़ी क्षति है। ॐ शांति।”
Sad and shocked to inform you that well known actor & a great human being Satish Shah has expired an hour ago due to Kidney failure .
A great loss to the industry .
Om Shanti
pic.twitter.com/tWpXgwZJTr— TheAshokePanditShow (@ashokepanditshw) October 25, 2025
यह बीमारी कोरोना काल के दौरान और भी गंभीर हो गई थी, जब उन्होंने कोविड-19 का भी सामना किया था।
अपनी सेहत के प्रति वह हमेशा सजग रहे, लेकिन उम्र और बीमारी के चलते उनका शरीर अंततः हार गया।
कॉमेडी के बादशाह सतीश शाह का यादगार सफर
- सतीश शाह ने अपने करियर की शुरुआत बॉलीवुड फिल्म ‘भगवान परशुराम’ (1978) से की थी। लेकिन असली पहचान उन्हें 1984 में आए टीवी शो ‘यह जो है जिंदगी’ से मिली।
- इस शो में उन्होंने 55 से भी ज्यादा अलग-अलग किरदार निभाकर दर्शकों को हैरान कर दिया और रातों-रात स्टार बन गए। यह शो उस दौर का एक कल्ट क्लासिक माना जाता है।
- फिल्मों की बात करें तो उन्होंने ‘जाने भी दो यारों’, ‘मासूम’, ‘गमन’, ‘शक्ति’, ‘अरविंद देसाई की अजीब दास्तान’, ‘उमराव जान’ और ‘विक्रम बेताल’,कल हो ना हो (2003), फना (2006) और ओम शांति ओम (2007) जैसी कई मशहूर फिल्मों में काम किया था।
- साल 2008 में उन्होंने अर्चना पूरन सिंह के साथ शो कॉमेडी सर्कस में जज के तौर पर काम किया था।
- साल 2015 में उन्हें फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (FTII) की सोसाइटी का सदस्य भी बनाया गया था।
Boss & employee, teacher & student, or neighbours.
Comment below which duo of theirs you liked the most?#RedChilliesEntertainment #SatishShah #ShahRukhKhan #SRK #ChalteChalte #MainHoonNa #PhirBhiDilHaiHindustani pic.twitter.com/0lRURwk6D2— Red Chillies Entertainment (@RedChilliesEnt) May 10, 2023
‘साराभाई’ से लेकर ‘मैं हूं न’ तक
शाहरुख खान की सुपरहिट फिल्म ‘मैं हूं न’ (2004) में उन्होंने प्रिय का चाचा जे.जे. का रोल प्ले किया था, जो बेहद मशहूर हुआ।
लेकिन, 2004 से 2006 तक प्रसारित हुए शो ‘साराभाई वर्सेस साराभाई’ ने उन्हें एक अलग ही मुकाम पर पहुंचा दिया।
इंद्रवदन साराभाई का किरदार उन पर इतना फबता था कि लगता था जैसे यह रोल उन्हीं के लिए लिखा गया था। उनकी कॉमिक टाइमिंग और डायलॉग डिलीवरी ने इस किरदार को अमर बना दिया।
Open challenge to #Coldplay #SarabhaiVsSarabhai #SatishShah #SumeetRaghvan #comedy #funny #reel #sitcom pic.twitter.com/1ArfXMMRdD
— DEVEN BHOJANI (@Deven_Bhojani) September 23, 2024
खेलों में थी दिलचस्पी
- सतीश रविलाल शाह का जन्म 25 जून, 1951 को मुंबई के एक गुजराती परिवार में हुआ था।
- दिलचस्प बात यह है कि बचपन में उनकी रुचि एक्टिंग में नहीं, बल्कि खेलों में थी।
- वह क्रिकेट और बेसबॉल के अलावा लॉन्ग जंप और हाई जंप के चैंपियन थे और स्कूल में अपने खेल के कारण ही मशहूर थे।

एक्टिंग में एंट्री
एक्टिंग में उनका आना एक संयोग था।
स्कूल के एक वार्षिक उत्सव में हिंदी नाटक के लिए एक्टर्स की कमी हो गई थी, तब शिक्षकों ने उन्हें मजबूरी में नाटक में डाल दिया।
सतीश शाह इसके लिए बिल्कुल तैयार नहीं थे और काफी घबरा गए।
रिहर्सल के दौरान वह डायलॉग तो याद कर लेते, लेकिन दर्शकों के सामने आते ही भूल जाते।
तब एक शिक्षक ने उन्हें सलाह दी, “लोगों को मत देखो, ऐसे एक्ट करो जैसे कोई है ही नहीं।”
यह सलाह उनके लिए मंत्र साबित हुई और इसी के बाद से उन्होंने एक्टिंग को गंभीरता से लेना शुरू किया।
Jaane Bhi Do Yaaro, Yeh Jo Hai Zindagi, Maalamaal, Hatim Tai, Filmi Chakkar, Hum Aapke Hain Koun, DDLJ, Ghar Jamai, Saathiya, Main Hoon Na, Om Shanti Om, Sarabhai vs Sarabhai..
Thank you for the joy you brought with each role #SatishShah sir. Rest in Peace pic.twitter.com/tRXoZrZmD7
— CinemaRare (@CinemaRareIN) October 25, 2025
उन्होंने मुंबई के सेंट जेवियर कॉलेज से शिक्षा प्राप्त की और इसके बाद पुणे के फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (FTII) से प्रशिक्षण लिया।
यहीं से उनके पेशेवर एक्टिंग करियर की नींव पड़ी।
1972 में उन्होंने डिजाइनर माधु शाह से विवाह किया, जो आजीवन उनके साथ रहीं।

एक अद्भुत विरासत
सतीश शाह सिर्फ एक एक्टर ही नहीं, बल्कि एक ऐसी शख्सियत थे जिन्होंने हंसाने की कला में महारत हासिल की थी।
उनकी खासियत यह थी कि वह बिना ऊंची आवाज़ के, अपने चेहरे के हाव-भाव और सूक्ष्म अभिनय से दर्शकों को हँसा सकते थे।
वह उन कलाकारों में से थे जिन्होंने टेलीविजन के स्वर्णिम दौर को गढ़ने में अहम भूमिका निभाई।
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उनके जाने से एक खालीपन पैदा हो गया है, लेकिन उनकी फिल्में और टीवी शो उन्हें हमेशा हमारे बीच जीवित रखेंगे।
दर्शक आज भी ‘साराभाई वर्सेस साराभाई’ के रीरन्स देखकर उन्हें याद करते हैं और हंसते हैं।
ऐसे महान कलाकार को भावभीली श्रद्धांजलि। ॐ शांति।


