Shah Bano Case Haq Movie: यामी गौतम और इमरान हाशमी की अपकमिंग फिल्म ‘हक’ रिलीज से पहले ही विवादों में घिर गई है।
यह फिल्म ऐतिहासिक ‘शाह बानो केस’ पर आधारित है, जिसने 1980 के दशक में भारत में मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों को लेकर एक बड़ी राष्ट्रीय बहस छेड़ दी थी।
अब शाह बानो की बेटी, सिद्दिका बेगम खान ने इंदौर हाई कोर्ट में याचिका दायर कर फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग की है और फिल्म निर्माताओं को कानूनी नोटिस भेजा है।

क्या है याचिका में दावा?
शाह बानो की बेटी सिद्दिका बेगम खान की ओर से दायर याचिका में कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
उनके वकील तौसिफ वारसी के मुताबिक:
बिना अनुमति फिल्म निर्माण:
सबसे बड़ा आरोप यह है कि फिल्म निर्माताओं ने शाह बानो के जीवन पर फिल्म बनाने से पहले उनकी कानूनी वारिस, यानी उनकी बेटी सिद्दिका से कोई अनुमति या सहमति नहीं ली।
याचिका में कहा गया है कि सिद्दिका के पास अपनी मां के जीवन के नैतिक और कानूनी अधिकार सुरक्षित हैं।
#WATCH | Indore, Madhya Pradesh: Daughter and legal heir of Shah Bano, Siddiqua Begum, serves a legal notice to ‘Haq’ movie’s Director Suparn Verma, Junglee Pictures, Baweja Studios and Central Board of Film Certification (CBFC) Chairperson “for immediate restraint on the… pic.twitter.com/fnUK3OpLOc
— ANI (@ANI) November 3, 2025
निजी जीवन का चित्रण:
याचिका के मुताबिक, फिल्म शाह बानो के निजी और व्यक्तिगत जीवन, उनके परिवार से जुड़े संवेदनशील पहलुओं और व्यक्तिगत अनुभवों को दर्शाती है, जिसे बिना इजाजत दिखाना गलत है।
धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचने का खतरा:
यह भी आरोप लगाया गया है कि फिल्म मुस्लिम समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत कर सकती है।
दावा किया गया है कि फिल्म में शरिया कानून की नकारात्मक छवि पेश की गई है।
Daughter and legal heir of Shah Bano, Siddiqua Begum, serves a legal notice to ‘Haq’ movie’s Director Suparn Verma, Junglee Pictures, Baweja Studios and Central Board of Film Certification (CBFC) Chairperson “for immediate restraint on the publication, screening, promotion or…
— ANI (@ANI) November 3, 2025
इस याचिका के बाद फिल्म के निर्देशक सुपर्ण एस. वर्मा, प्रोडक्शन कंपनी, प्रमोटर्स और फिल्म को सर्टिफिकेट जारी करने वाली संस्था (सेंसर बोर्ड) को भी कानूनी नोटिस जारी किया गया है।
माना जा रहा है कि इस मामले की सुनवाई जल्द ही होगी।
बता दें कि फिल्म 7 नवंबर को रिलीज होने वाली है।

क्या है ऐतिहासिक शाह बानो केस?
फिल्म के विवाद को समझने के लिए शाह बानो केस को जानना जरूरी है।
यह मामला 1970 के दशक का है, जिसने भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
शाह बानो केस की पृष्ठभूमि:
शाह बानो बेगम मध्य प्रदेश के इंदौर की रहने वाली एक मुस्लिम महिला थीं।
उनके पति मोहम्मद अहमद खान एक वकील थे।
जब शाह बानो की उम्र 60 साल के आसपास थी, तो उनके पति ने उन्हें तीन तलाक देकर घर से निकाल दिया।
रोजी-रोटी के लिए मजबूर शाह बानो ने अपने पति से गुजारा भत्ता (मैंटेनेंस) की मांग करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया। यह मामला अंततः सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा।
ऐतिहासिक फैसला:
1985 में सुप्रीम कोर्ट ने शाह बानो के पक्ष में फैसला सुनाया और कहा कि तलाक के बाद एक मुस्लिम महिला भी भरण-पोषण की हकदार है।
यह फैसला आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 125 के तहत दिया गया, जो सभी नागरिकों पर लागू होती है।

विरोध और राजनीतिक हस्तक्षेप:
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का कई मुस्लिम संगठनों ने जमकर विरोध किया।
उनका तर्क था कि यह फैसला शरिया कानून के खिलाफ है, जिसके अनुसार एक तलाकशुदा महिला को सिर्फ ‘इद्दत’ की अवधि (लगभग तीन महीने) तक ही गुजारा भत्ता मिलना चाहिए।
कानून में बदलाव:
विरोध के दबाव में, तत्कालीन राजीव गांधी सरकार ने 1986 में ‘मुस्लिम महिला (तलाक पर अधिकार संरक्षण) अधिनियम’ पारित किया।
इस कानून ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को प्रभावहीन करते हुए यह स्पष्ट कर दिया कि एक तलाकशुदा मुस्लिम महिला गुजारा भत्ता सिर्फ इद्दत की अवधि तक ही मांग सकती है।
इस कानून को मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों के लिए एक बड़ा झटका माना गया।
यहां देखिए फिल्म का ट्रेलर…
Haq is a powerful movie. pic.twitter.com/wk8JLi4J0j
— Shining Star (@ShineHamesha) October 29, 2025


