Dheeraj Kumar Passes Away: हिंदी सिनेमा और टेलीविजन जगत के मशहूर अभिनेता, निर्देशक और निर्माता धीरज कुमार का सोमवार को निधन हो गया।
79 वर्षीय धीरज कुमार को सांस लेने में तकलीफ होने पर मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां निमोनिया के कारण उनकी हालत नाजुक हो गई।
इससे पहले उनके परिवार ने पहले एक बयान जारी कर लोगों से उनकी अच्छी सेहत के लिए प्रार्थना करने की अपील की थी, लेकिन धीरज कुमार जिंदगी की जंग जीत नहीं पाए।
3 दिनों से वेंटिलेटर पर थे धीरज कुमार
धीरज कुमार को 12 जुलाई (शनिवार) को मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल के ICU में भर्ती कराया था।
उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था, लेकिन उनका शरीर जवाब दे गया और सुबह 11:40 बजे उनकी मृत्यु हो गई।

धीरज कुमार के परिवार ने बताया कि उनका पार्थिव शरीर 16 जुलाई (मंगलवार) सुबह 6 से 10 बजे तक उनके घर पर अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा।
इसके बाद उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
Dheeraj Kumar death
इंडस्ट्री ने जताया शोक
धीरज कुमार के निधन से टीवी और फिल्म जगत में शोक की लहर है।
कई कलाकारों और निर्माताओं ने सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
फिल्म निर्माता अशोक पंडित ने उनकी एक तस्वीर शेयर करते हुए लिखा –
“बहुत दुख हुआ ये जानकर कि जाने-माने एक्टर-प्रोड्यूसर धीरज कुमार अब हमारे बीच नहीं रहे। ओम शांति।”
फिल्मों से टीवी तक: धीरज कुमार का शानदार सफर
धीरज कुमार ने अपने करियर की शुरुआत मॉडलिंग से की थी।
1960 के दशक में उन्होंने फिल्मफेयर टैलेंट हंट में हिस्सा लिया, जहां वे राजेश खन्ना (प्रथम) और सुभाष घई (द्वितीय) के बाद तीसरे स्थान पर रहे।
इसके बाद उन्होंने 1970 में फिल्म दीदार से बॉलीवुड में डेब्यू किया।

उन्होंने हीरा पन्ना, रोटी कपड़ा और मकान, क्रांति, बहारों फूल बरसाओ जैसी कई फिल्मों में अभिनय किया।
इसके अलावा, उन्होंने 21 पंजाबी फिल्मों में भी काम किया।
1980 के दशक के बाद उन्होंने निर्देशन और निर्माण के क्षेत्र में कदम रखा।
टीवी इंडस्ट्री में धमाकेदार योगदान
धीरज कुमार ने अपने प्रोडक्शन हाउस क्रिएटिव आई के तहत कई लोकप्रिय टीवी धारावाहिक बनाए।
1997 में प्रसारित ओम नमः शिवाय उनकी सबसे चर्चित रचना थी, जिसने भारतीय दर्शकों के बीच अभूतपूर्व लोकप्रियता हासिल की।
इसके अलावा, उन्होंने मिली, घर की लक्ष्मी बेटियां, मायका, ये प्यार न होगा कम जैसे शोज भी प्रोड्यूस किए।

ओम नमः शिवाय’ के सेट पर बैन थी सिगरेट
‘ओम नमः शिवाय’, जिसने 1997 से 2001 तक दूरदर्शन पर प्रसारित होकर लोगों के बीच अमिट छाप छोड़ी।
इस शो के निर्माता और अभिनेता धीरज कुमार ने इसे बनाने के दौरान कई अनोखे नियम बनाए थे, जिनमें से एक था सेट पर सिगरेट और धूम्रपान पर पूरी तरह प्रतिबंध।
धीरज कुमार और उनकी पत्नी जूबी कोचर इस शो के निर्माता थे।
उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था कि ‘ओम नमः शिवाय’ के सेट पर भगवान शिव के प्रति पूरी श्रद्धा बनाए रखने के लिए कड़े नियम थे।
सेट पर सात्विक भोजन ही परोसा जाता था और धूम्रपान पूरी तरह वर्जित था।
यहां तक कि किसी भी कलाकार या क्रू मेंबर को सिगरेट पीने की इजाजत नहीं थी।
धीरज कुमार का मानना था कि भगवान शिव की पूजा और आस्था के साथ जुड़े इस प्रोजेक्ट में पवित्रता बनाए रखना जरूरी है।

‘ओम नमः शिवाय’ के लिए 9 साल तक रिसर्च की
‘ओम नमः शिवाय’ बनाने से पहले धीरज कुमार ने करीब 9 साल तक रिसर्च की थी।
उन्होंने 1987 से ही इसकी तैयारी शुरू कर दी थी और कई विद्वानों व लेखकों की मदद से इसकी स्क्रिप्ट तैयार की थी।
शूटिंग स्टूडियो में भगवान शिव की एक प्रतिमा स्थापित की गई थी, जिसे कभी हटाया नहीं गया।
हर दिन शूटिंग शुरू करने से पहले पूरी टीम इस मूर्ति के सामने पूजा-अर्चना करती थी।
इसके बाद ही काम शुरू होता था। धीरज कुमार ने बताया था कि यह नियम इसलिए बनाया गया था ताकि सेट का माहौल पवित्र और आध्यात्मिक बना रहे।

धीरज कुमार का संघर्ष और पारिवारिक जीवन
धीरज कुमार का जन्म 1 अक्टूबर 1944 को पटना, बिहार के एक साधारण मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था।
बचपन में वे पोलियो की बीमारी से प्रभावित हुए, जिसके कारण उनके पैरों में कमजोरी रह गई।
लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अपने जुनून को जिंदा रखा।
धीरज कुमार ने जूबी कोचर से शादी की, जो उनकी जीवनसंगिनी और साथी निर्माता बनीं।
उनके दो बच्चे हैं – बेटा सिद्धांत और बेटी सिमरन।
एक प्रतिभाशाली कलाकार को अंतिम विदाई
धीरज कुमार के निधन से हिंदी फिल्म और टीवी उद्योग ने एक प्रतिभाशाली व्यक्तित्व को खो दिया है।
उनके परिवार ने इस दुखद घड़ी में निजता का सम्मान करने की अपील की है।
उनका योगदान सिनेमा और टेलीविजन के इतिहास में हमेशा याद किया जाएगा।
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