Payal Gaming MMS Controversy: 2025 में भारतीय गेमिंग कम्युनिटी में एक नाम अचानक से सुर्खियों में आ गया है पायल गेमिंग।
एक प्राइवेट वीडियो के वायरल होने के बाद वह विवादों के केंद्र में हैं, लेकिन उनके फैंस बेस ने उनके समर्थन में मोर्चा खोल दिया है और वीडियो को डीपफेक (AI जनित) बताया है।
जानिए कौन हैं पायल गेमिंग और क्या है पूरा मामला।
गांव से निकलकर बनीं भारत की टॉप महिला गेमर
पायल गेमिंग, जिनका असली नाम पायल धारे है, भारत की सबसे लोकप्रिय महिला गेमिंग क्रिएटर्स और यूट्यूबर्स में से एक हैं।
उन्होंने साल 2019 में यूट्यूब पर अपना सफर शुरू किया था और PUBG, बैटलग्राउंड्स मोबाइल इंडिया (BGMI), GTA V जैसे गेम्स के गेमप्ले वीडियोज से जल्द ही लोकप्रियता हासिल कर ली।

21 साल की पायल मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के उमरानाला गांव से ताल्लुक रखती हैं।
उनकी सफलता की कहानी प्रेरणादायक है। एक छोटे से गांव से निकलकर उन्होंने गेमिंग की दुनिया में, जहां पुरुषों का दबदबा माना जाता है, अपनी एक अलग पहचान बनाई।
पीएम से मुलाकात, लाखों फॉलोवर्स
उन्होंने यूट्यूब पर 30 लाख सब्सक्राइबर्स का आंकड़ा पार करने वाली पहली भारतीय महिला गेमर होने का रिकॉर्ड भी अपने नाम किया है।
फिलहाल, उनके यूट्यूब पर 4.5 मिलियन से अधिक और इंस्टाग्राम पर 4.2 मिलियन (42 लाख) से ज्यादा फॉलोअर्स हैं, जो कई बड़ी बॉलीवुड अभिनेत्रियों के फॉलोअर्स से भी अधिक है।
उनकी उपलब्धियों में MOBIES जैसे अंतरराष्ट्रीय अवॉर्ड जीतना, ‘डायनामिक गेमिंग क्रिएटर ऑफ द ईयर’ और ‘फीमेल स्ट्रीमर ऑफ द ईयर’ का खिताब हासिल करना शामिल है।

2024 में, वह उन चुनिंदा भारतीय गेमर्स में शामिल थीं, जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने और भारतीय गेमिंग इंडस्ट्री के भविष्य पर चर्चा करने का मौका मिला था।
वह प्रमुख गेमिंग संगठन S8UL Esports से भी जुड़ी हुई हैं।
क्या है प्राइवेट वीडियो लीक का पूरा मामला?
हाल ही में, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे X (ट्विटर), WhatsApp और Telegram पर ‘Payal Gaming MMS Viral’ और ‘Payal Gaming Private Video Leak’ जैसे हैशटैग तेजी से ट्रेंड करने लगे।
दावा किया जा रहा था कि पायल गेमिंग का एक प्राइवेट वीडियो लीक हो गया है, जिससे उनके फैंस और सोशल मीडिया यूजर्स के बीच चिंता और अफवाहों का माहौल बन गया।

फैंस ने किया सपोर्ट
इस वीडियो के सामने आते ही पायल के फैंस ने तुरंत एकजुट होकर उनका बचाव किया।
फैंस का कहना है कि वायरल हो रहा वीडियो पूरी तरह से फेक और AI जनरेटेड (डीपफेक) है।
उन्होंने सोशल मीडिया पर #IStandWithPayalGaming जैसे हैशटैग चलाए और लोगों से अपील की कि बिना पुष्टि के किसी भी वीडियो पर विश्वास न करें और किसी की निजता का सम्मान करें।
फैंस ने स्पष्ट किया कि वीडियो में दिख रही महिला पायल गेमिंग नहीं हैं, बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से किसी और के वीडियो पर पायल का चेहरा फिट किया गया है।
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पुराना दुबई वीडियो भी हुआ वायरल
इसी बीच, पायल गेमिंग का एक पुराना वीडियो भी वायरल हो गया है, जो लगभग एक साल पुराना है।
यह वीडियो दुबई में एक इवेंट के दौरान का है, जहां पायल एक रहस्यमय शख्स (मिस्ट्री मैन) के साथ नजर आ रही हैं। वीडियो में हल्के-फुल्के अंदाज में बातचीत होती दिखाई दे रही है।
हालांकि, इस वीडियो का वर्तमान में वायरल हो रहे डीपफेक वीडियो से कोई सीधा संबंध नहीं है।
यह एक अलग और पुराना क्लिप है, जो किसी तीसरे व्यक्ति के यूट्यूब चैनल पर पहले से ही मौजूद था और अब अचानक से चर्चा में आ गया है।

पायल गेमिंग की प्रतिक्रिया
इस पूरे विवाद पर पायल गेमिंग की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।
उनकी इंस्टाग्राम स्टोरीज से पता चलता है कि वह फिलहाल दुबई में हैं।
उनके चुप रहने के पीछे संभवतः कानूनी सलाह या व्यक्तिगत फैसला हो सकता है।
इंटरनेट विशेषज्ञ और साइबर कानून के जानकारों का मानना है कि डीपफेक कंटेंट बनाना और प्रसारित करना गंभीर अपराध की श्रेणी में आ सकता है, जिसमें साइबर हैरासमेंट, डिफेमेशन और व्यक्ति की निजता के उल्लंघन जैसे आरोप लग सकते हैं।
पीड़ित व्यक्ति कानूनी कार्रवाई का रास्ता भी अपना सकता है।

एक चेतावनी और सावधानी का संदेश
पायल गेमिंग का यह मामला हमें दो महत्वपूर्ण बातें याद दिलाता है:
- सोशल मीडिया पर फैलने वाली हर खबर पर भरोसा न करें: AI और डीपफेक टेक्नोलॉजी इतनी उन्नत हो गई है कि अब झूठे वीडियो बनाना आसान हो गया है। किसी भी वायरल कंटेंट को सच मानने से पहले उसकी पुष्टि जरूर करें।
- निजता और सम्मान का ख्याल रखें: किसी की पर्सनल लाइफ से जुड़ी अफवाहों में शामिल होना या उन्हें आगे बढ़ाना गलत है। सार्वजनिक हस्ती होने का मतलब यह नहीं है कि उनकी निजता का सम्मान न किया जाए।
पायल गेमिंग का करियर उनकी मेहनत और प्रतिभा की बदौलत आज इस मुकाम पर है।
एक विवाद, खासकर जो डीपफेक जैसी तकनीक पर आधारित हो, उनकी उपलब्धियों को कम नहीं कर सकता।
डीपफेक टेक्नोलॉजी के दुरुपयोग की यह घटना एक बार फिर सोशल मीडिया पर फेक कंटेंट के खतरे को उजागर करती है।
अब देखना यह है कि पायल इस मामले में आगे कोई कानूनी या आधिकारिक कदम उठाती हैं या नहीं।


