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जुबीन गर्ग डेथ केस में नया मोड़: बैंडमेट ने मैनेजर और ऑर्गेनाइजर पर लगाया जहर देने का आरोप

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

Zubeen Garg Death Case: सिंगर जुबीन गर्ग की मौत के मामले में हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं।

जहां पहले इसे एक दुर्घटना बताया जा रहा था, वहीं अब उनके बैंड के सदस्य और साथी सिंगर शेखर ज्योति गोस्वामी ने पुलिस के सामने ऐसे गंभीर आरोप लगाए हैं जो इस मामले को हत्या और साजिश की ओर मोड़ रहे हैं।

शेखर ने दावा किया है कि जुबीन के मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा और इवेंट ऑर्गेनाइजर श्यामकनु महंत ने ही उन्हें जहर दिया था और फिर उनकी हत्या को एक हादसा दिखाने की पूरी साजिश रची थी।

क्या कहा शेखर ने? 

शेखर ज्योति गोस्वामी, जो उस दुखद दिन सिंगापुर में जुबीन गर्ग के साथ ही थे, ने अपने बयान में कई महत्वपूर्ण और डरावने खुलासे किए हैं:

  1. जहर देने का आरोप: शेखर का सीधा आरोप है कि मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा और ऑर्गेनाइजर श्यामकनु महंत ने मिलकर जुबीन गर्ग को जहर दिया था।
  2. हादसे का नाटक: दोनों आरोपियों ने इस हत्या को एक स्कूबा डाइविंग हादसा दिखाने की सोची-समझी साजिश रची थी। शेखर के मुताबिक, साजिश को अंजाम देने के लिए सिंगापुर को चुना गया।
  3. मैनेजर का अजीब व्यवहार: शेखर ने बताया कि मौत से पहले मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा का व्यवहार बहुत ही अजीब और संदेहास्पद था। शर्मा पैन पैसिफिक होटल में शेखर के साथ ही रह रहे थे।
  4. याट का कंट्रोल छीना: समुद्र में नाव (याट) पर जाने के बाद, मैनेजर शर्मा ने चालक को हटाकर नाव का कंट्रोल खुद अपने हाथों में ले लिया। इसके बाद नाव खतरनाक तरीके से हिलने लगी, जिससे सभी की जान जोखिम में पड़ गई थी।
  5. “जाबो दे, जाबो दे” का मतलब: सबसे डरावना आरोप यह है कि जब जुबीन गर्ग पानी में उतरे और वे हांफने लगे, उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी, तब भी शर्मा चिल्ला-चिल्ला कर कह रहे थे – “जाबो दे, जाबो दे” (यानी “उसे जाने दो, उसे जाने दो”)। यह बयान इस बात की ओर इशारा करता है कि शर्मा जानबूझकर जुबीन को मुसीबत में छोड़ना चाहते थे।
  6. ड्रिंक्स में जहर: शेखर ने यह भी बताया कि शर्मा ने असम एसोसिएशन (सिंगापुर) के सदस्य तन्मॉय फुकन को ड्रिंक की व्यवस्था न करने के लिए कहा और खुद ही सभी के लिए ड्रिंक देने की जिम्मेदारी ली। इससे जहर दिए जाने के आरोप को और बल मिलता है।
  7. वीडियो छिपाने की कोशिश: शेखर के अनुसार, घटना के बाद मैनेजर शर्मा ने उन्हें नाव पर बने किसी भी वीडियो को किसी के साथ शेयर न करने के लिए कहा था।

“जुबीन ट्रेंड स्विमर थे, डूबने से मौत नहीं हो सकती”

शेखर ने जोर देकर कहा कि जुबीन गर्ग एक प्रशिक्षित और अच्छे तैराक थे।

उन्होंने खुद शेखर और मैनेजर शर्मा को भी तैरना सिखाया था। इसलिए, केवल डूबने से उनकी मौत होना संभव नहीं लगता।

यह बात उस आधिकारिक दावे पर सवाल खड़ा करती है जिसमें मौत का कारण स्कूबा डाइविंग के दौरान हुआ हादसा बताया गया था।

अब तक की गिरफ्तारियां और जांच

इस रहस्यमयी मौत के मामले में अब तक चार लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है:

  • 1 अक्टूबर: इवेंट ऑर्गेनाइजर श्यामकनु महंत और मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा।
  • 2 अक्टूबर: बैंडमेट शेखर ज्योति गोस्वामी और सह-गायिका अमृतप्रवा महंत।

विशेष जांच दल (SIT) इस मामले की जांच कर रही है।

SIT के मुताबिक, इस मामले में अब तक राज्य में 10 लोगों के खिलाफ 60 से ज्यादा एफआईआर दर्ज की गई हैं।

जांच में कुछ महत्वपूर्ण सबूत भी हाथ लगे हैं, जिनमें हादसे से पहले की मोबाइल रिकॉर्डिंग भी शामिल है।

कहा जा रहा है कि अमृतप्रवा महंत ने पूरी घटना को अपने मोबाइल फोन में रिकॉर्ड किया था।

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पोस्टमॉर्टम और विसरा रिपोर्ट का इंतजार

मौत की असली वजह जानने के लिए फोरेंसिक जांच सबसे अहम है। सिंगापुर में हुए पहले पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट परिवार को दी जानी है।

वहीं, गुवाहाटी में दूसरा पोस्टमॉर्टम किया गया है और उसकी रिपोर्ट का अभी इंतजार है।

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि विसरा सैंपल (शरीर के आंतरिक अंगों जैसे आंत, लिवर, किडनी के नमूने) को विस्तृत जांच के लिए दिल्ली की केंद्रीय फोरेंसिक लैब भेजा गया है।

विसरा जांच से ही इस बात की पुष्टि हो सकेगी कि जुबीन के शरीर में जहर जैसा कोई जहरीला पदार्थ था या नहीं।

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असम सरकार ने बनाया न्यायिक आयोग, ED-IT की भी जांच

मामले की गंभीरता को देखते हुए असम सरकार ने जुबीन गर्ग की मौत की जांच के लिए एक न्यायिक आयोग के गठन की घोषणा की है।

इस आयोग की अध्यक्षता गुवाहाटी हाईकोर्ट के जस्टिस सौमित्र सैकिया करेंगे। मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने लोगों से अपील की है कि जिनके पास इस मामले से जुड़ी कोई भी जानकारी या वीडियो है, वे आगे आकर आयोग के सामने अपना बयान दें।

साथ ही, एन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) और इनकम टैक्स (I-T) विभाग भी ऑर्गेनाइजर श्यामकनु महंत की आय के स्रोत और संपत्ति खरीद की जांच करेगा।

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पत्नी गरिमा ने दौरे की बात कही थी

इस पूरे मामले में एक और महत्वपूर्ण पक्ष जुबीन गर्ग की पत्नी गरिमा का है।

उन्होंने मीडिया को बताया था कि जुबीन की मौत दौरा पड़ने से हुई थी।

उनके अनुसार, जुबीन को पहले भी कई बार दौरे पड़ चुके थे और एक बार सिंगापुर में ही उनकी तबीयत बिगड़ी थी, लेकिन तुरंत इलाज से उनकी जान बच गई थी।

हालांकि, अब शेखर के बयान के बाद, ‘दौरा’ पड़ने की असली वजह पर भी सवाल उठ रहे हैं।

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