Monsoon Tips For Children: देश के कई राज्यों में मानसून ने दस्तक दे दी है।
इसी के साथ बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है। क्योंकि बारिश के मौसम में सबसे ज्यादा संक्रमण होता है और जल जनित बीमारियां तेजी से फैलती हैं।
और छोटे बच्चे तो पानी में खेलने का कोई मौका नहीं छोड़ते। इसलिए उनकी ज्यादा देखभाल करनी पड़ती हैं।
इस मौसम में मच्छरों का खतरा भी काफी बढ़ जाता है, जिनके काटने से कई घातक बीमारियां हो सकती है।
ऐसे में इस बात का ध्यान रखना भी बेहद जरूरी है कि मच्छर बच्चों के आस-पास न भटके।
ऐसे में मांओं की ड्यूटी बढ़ जाती है, क्योंकि उन्हें घर भी संभालना है और बीमारियों से बच्चों को भी बचाना है।
ऐसे में अगर कुछ खास बातों का ध्यान रखा जाए तो आप बच्चों को किसी भी तरह की बीमारी से बचा सकती हैं और आराम से मानसून सीजन को भी एंजॉय कर सकती हैं…
- बारिश के मौसम में बच्चों को मच्छरों और कीड़ो से बचाने के लिए ऐसे कपड़े पहनाएं, जिससे उसकी बांह और पैर पूरी तरह ढकी हो और घर में सोते वक्त हमेशा मच्छरदानी का उपयोग करें।
- मानसून सीजन में बच्चे को गोद में लेने से पहले हाथों को हमेशा अच्छी तरह से धोएं और बीच-बीच में भी हाथों को धोते रहें। बच्चों की इम्यूनिटी कमजोर होती है, जिस वजह से वे जल्दी बीमार पड़ जाते हैं।
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3. बच्चे के हाथों को भी साफ रखें। दरअसल बच्चों की आदत होती है अपना हाथ मुंह में डालने की,
इससे भी वो संक्रमण का शिकार हो सकते हैं।
ऐसे में बच्चों के हाथों की सफाई भी मेडिकेटिड साबुन से करनी चाहिए।
4. छोटे बच्चों की आदत होती है हर चीज को मुंह में डालने की, ऐसे में बच्चे के संपर्क में आने वाली हर चीज की सफाई का खास ख्याल रखें।
खासकर खिलौने की। ठोस खिलौनों को साबुन और गुनगुने पानी की मदद से धो भी सकते हैं।
वहीं, सॉफ्ट खिलौनों को वॉशिंग मशीन में धोया जा सकता है।
5. बच्चों को नहलाने के बाद कपड़े पहनाने से पहले इस बात पर ध्यान दें कि उनका शरीर पूरी तरह से सूख चुका हो,
क्योंकि गीली त्वचा पर बैक्टीरिया पनपते हैं और फंगल इंफेक्शन का खतरा भी बढ़ जाता है।
इस मौसम में कॉटन के ही कपड़े पहनाएं
6. बेबी वाइप्स के साथ उन साबुन का भी इस्तेमाल करें, जो आपके बच्चे की नाजु़क त्वचा के अनुकूल हो।
न्यू बोर्न बेबी के लिए अल्कोहल-फ्री और वॉटर बेस्ड वाइप्स का ही उपयोग करें क्योंकि इस तरह की वाइप्स बच्चे की त्वचा को छिलने से बचाते हैं।
7. मच्छरों को दूर रखने में मॉस्किटो रेपलेंट बहुत ही इफेक्टिव तरीके़ से काम करता है।
इसमें नैचुरल पदार्थ से बने रेपलेंट होता है और ये आसानी से मच्छरों को दूर भगा सकता है,
लेकिन इसका ज़्यादा उपयोग फफोले, मेमोरी लॉस और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याओं को बढ़ा सकता है।
इसलिए बच्चे की सुरक्षा के लिए डीईईटी-फ्री और लेमनग्रास, सिट्रोनेला, नीलगिरी और लैवेंडर जैसी चीजों से बने रेपेलेंट का ही इस्तेमाल करें।
8. रेनी सीजन में मॉस्किटो पैचेस मच्छरों को दूर रखने में इफेक्टिव तरीके से काम करता है।
आप इसे बच्चे के कपड़ों, बेड और स्ट्रॉलर पर भी लगा सकते हैं।
9. मानसून में बच्चे के स्ट्रॉलर, कैरियर या क्रिब को मच्छरदानी से कवर करके रखें, ताकि मच्छर बच्चे तक न पहुंच सके।
घर के अंदर और बाहर जाने पर भी मच्छरदानी कवर का उपयोग कर सकते हैं।
10. घर में साफ-सफाई का विशेष तौर पर ध्यान रखें। एसी के पानी की ट्रे, गमलें, छत, बालकनी जैसी किसी जगह पर पानी जमा न होने दें।
यहां तक कि वॉशरूम में भी बाल्टी में पानी भर कर न रखें।
अगर कहीं से पानी लीक होता हो, तो उसका भी ध्यान रखें। क्योंकि जमे हुए पानी में मच्छर और कीड़ें तेजी से पनपते हैं।
11. बुखार, उल्टी, सिरदर्द, मुंह का सूखापन, पेशाब में कमी, रैशेज और बॉडी में सूजन आना बारिश में बीमार होने के कुछ आम लक्षण हैं।
इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें, बच्चे में इनमें से कोई भी लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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