Wetland Virus: चीन में नया वायरस सामने आया है, जिसने दुनिया भर में हड़कंप मच दिया है।
यह वायरस इतना घातक है कि इसका सीधा असर दिमाग पर पड़ सकता है और नुकसान पहुंचा सकता है।
कितना खतरनाक है Wetland Virus ?
कोरोना वायरस के बाद चीन से एक नया वायरस सामने आया है।
यह वायरस इनर मंगोलिया के एक वेटलैंड में मिला है। इसलिए इसका नाम Wetland Virus (WELV) है।
रिसर्च में पता चला है कि कुछ मामलों में यह वायरस बेहद खतरनाक साबित हो सकता है।
कई बार वायरस बेहद घातक हो जाता है और सीधा दिमाग पर असर करता है।
वेटलैंड वायरस नैरोविरिडे परिवार में ऑर्थोनेरोवायरस जीनस का सदस्य है और यह टिक-जनित हजारा ऑर्थोनेरोवायरस जीनोग्रुप का बेहद करीबी है।
यह वायरस मनुष्यों में गंभीर बीमारी का कारण भी बन सकता है।
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मनुष्य में कैसे फैलता है WELV वायरस ?
चीन के इस नए वायरस ने वैज्ञानिकों और स्वास्थ्य अधिकारियों को चिंता में डाल दिया है।
WELV टिक (एक प्रकार का कीड़ा) के काटने से फैलता है, लेकिन इसके परिणाम काफी गंभीर हो सकते हैं।
वैज्ञानिकों ने उत्तरी चीन में गहन अध्ययन किया और पाया कि इस क्षेत्र में पाए जाने वाले लगभग 2% टिक्स में WELV मौजूद था।
इसके अलावा WELV RNA भेड़, घोड़े, सूअर और ट्रांसबाइकल जोकर नाम के रोडेंट्स में भी पाया गया है।
ये वायरस न सिर्फ मानव कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा रहा है, बल्कि जानवरों में भी घातक संक्रमण का कारण बन चुका है।
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संक्रमित होने पर कैसे लक्षण नजर आते हैं ?
2019 में चीन के जिनझोउ शहर में एक 61 वर्षीय व्यक्ति में सबसे पहले ये वायरस मिला था।
पांच दिनों बाद व्यक्ति में बुखार, सिरदर्द और उल्टी जैसे लक्षण नजर आने लगे थे। मरीज में एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस के संकेत भी नजर आ रहे थे।
यह वायरस खासकर बुखार से जुड़ा है। चीन में करीब 17 मरीजों पर यह वायरस मिला है।
इन रोगियों में बुखार, चक्कर आना, सिरदर्द, अस्वस्थता, गठिया और पीठ दर्द जैसे लक्षण देखने को मिले। हालांकि, ज्यादातर मरीज इलाज के बाद ठीक हो गए।
इस वायरस की वजह से कुछ मामलों में गंभीर न्यूरोलॉजिकल समस्याएं भी पैदा हो सकती हैं और ये नर्वस सिस्टम को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है।
लेकिन, चूहों पर किए गए प्रयोगों से पता चला कि WELV घातक इन्फेक्शन का कारण बन सकता है और कुछ मामलों में नर्वस सिस्टम को भी प्रभावित कर सकता है।
इस वायरस से संक्रमित एक मरीज कोमा में भी जा चुका है।
WELV से बचाव के लिए टिक से बचाव के उपायों को अपनाना जरूरी है।
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