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Bahraich Wolf Attack: इंसानों की तरह बदला लेता है भेड़िया, जानिए सब कुछ

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 12 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

Bahraich Wolf Attack: UP के बहराइच में इन दिनों भेड़ियों ने आतंक मचा रखा है।

मार्च 2024 से अब तक इन भेड़ियों के हमले में 10 की मौत हो चुकी है। महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों समेत करीब 36 लोग घायल हुए हैं।

बड़ी मशक्कत के बाद बहराइच से चार भेड़िये पकड़े गए हैं।

सरकार ने घोषित किया ‘वन्यजीव आपदा’ क्षेत्र

बहराइच जिले महसी तहसील में मानव-भेड़िये संघर्ष के बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रभावित क्षेत्र को ‘वन्यजीव आपदा’ घोषित कर दिया है।

मत्स्य पालन मंत्री संजय कुमार निषाद ने बताया कि क्षेत्र को वन्यजीव आपदा क्षेत्र घोषित करने से न केवल मनुष्यों पर हमला करने वाले जानवरों को पकड़ने के लिए जारी ‘ऑपरेशन भेड़िया’ में तेजी आएगी,

बल्कि प्रभावित परिवारों को बिना किसी परेशानी के अनुग्रह राशि प्राप्त करने में भी मदद मिलेगी।

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इसलिए आदमखोर बने भेड़िए (That’s why wolves became man-eaters)

बहराइच के प्रभागीय वन अधिकारी अजीत प्रताप सिंह का भी कहना है,

‘शेर और तेंदुओं में बदला लेने की प्रवृत्ति नहीं होती, लेकिन भेड़ियों में होती है। भेड़िये बदला लेने वाले जानवर हैं।

अगर भेड़ियों की मांद से कोई छेड़छाड़ होती है या उन्हें पकड़ने या मारने की कोशिश की जाती है या फिर उनके बच्चों को किसी तरह का नुकसान पहुंचता है, तो वे इंसानों का शिकार कर बदला लेते हैं।’

एक्सपर्ट के मुताबिक, बहराइच में इस बार भी ऐसा ही कुछ हुआ है।

जानिए भेड़िए के बारे में सब कुछ (Know everything about wolf)

भेड़िया कुत्ते के आकार का एक जंगली जानवर है। वैज्ञानिक नजरिए से भेड़िया कैनिडाए (canidae) पशु परिवार का सबसे बड़े शरीर वाला सदस्य है।

किसी जमाने में भेड़िए पूरे यूरेशिया, उत्तर अफ्रीका और उत्तर अमेरिका में पाए जाते थे लेकिन इंसानी आबादी बढ़ने के साथ अब इनका क्ष्रेत्र पहले से बहुत कम हो गया है।

जब भेड़ियों और कुत्तों पर अनुवांशिकी अध्ययन किया गया तो पाया गया के कुत्तों की नस्ल भेड़ियों से ही निकली हुई हैं, यानि दस हजार वर्ष पहले प्राचीन मनुष्यों ने कुछ भेड़ियों को पालतू बना लिया था जिनसे कुत्तों के वंश की शुरुआत हुई।

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भेड़िए की प्रजाति (wolf breed)

वर्तमान में इनकी 38 उपप्रजातिया ज्ञात है।

भूरे या ग्रे भेड़िये दुनिया में सबसे अधिक फैले हुए स्तनधारियों में से एक हैं, जो उत्तरी गोलार्ध के बर्फीले इलाके, जंगलों, रेगिस्तान और घास के मैदानों में पाए जाते हैं।

भेड़ियों के थूथन कोयोट की तुलना में बड़े और अवरुद्ध होते हैं, कान छोटे और अधिक गोल होते हैं, और पूंछ छोटी और झाड़ीदार होती है।

भेड़ियों का रंग अलग-अलग होता है, जिसमें काले, सफेदऔर भूरे रंग शामिल हैं।

भारतीय भेड़िया (कैनिस ल्यूपस पैलिप्स) ग्रे वुल्फ की एक उप-प्रजाति है जो दक्षिण-पश्चिम एशिया से लेकर भारतीय उपमहाद्वीप तक पाई जाती है।

भारत में भेड़ियों की दो उप-प्रजातियां पाई जाती हैं, प्रायद्वीपीय क्षेत्र में भूरा भेड़िया/ग्रे वुल्फ (कैनिस ल्यूपस पल्लिप्स) तथा उत्तर में हिमालयी अथवा तिब्बती भेड़िया (कैनिस ल्यूपस चान्को)।

पालतू नहीं होते भेड़िए (Wolves are not domesticated)

भेड़िए का स्वभाव ऐसा होता है कि उसे अन्य जानवरों की तरह पाला नहीं जा सकता है। भेड़िया पालतू नहीं होता।

भेड़िया अपने इलाके का सर्वश्रेष्ठ शिकारी होता है।

इंसानों और शेरों को छोड़ दिया जाए तो किसी ओर जानवर से इन्हें चुनौती नहीं मिलती।

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झुंड में करते हैं शिकार (Wolves hunt in packs)

भेड़िए अकेले नहीं बल्कि झुंड में शिकार करते है। ये हिरण-गाय जैसे चरने वाले जानवरों को अपना शिकार बनाते हैं।

साथ ही जब यह शिकार पर जाते हैं तो उनके साथ वैसे भेड़िए नहीं जाते जिनकी उम्र अधिक हो गई है।

भेड़िए का शरीर और स्पीड (wolf’s body and speed)

भेड़िये 105 से 160 सेमी लम्बे और 80 से 85 सेमी कन्धे तक ऊंचे होते हैं।

इनका वजन 52 कि ग्राम तक होता है और यह 60 किमी प्रति घण्टे की रफ्तार से कई दूर तक भाग सकते हैं।

भेड़िये की चाल 55-70 किमी/घंटा (34-43 मील प्रति घंटे) है, वह एक ही सीमा में क्षैतिज रूप से 5 मीटर (16 फीट) छलांग लगा सकता है, और कम से कम 20 मिनट तक तेजी से पीछा कर सकता है।

भेड़िये का पैर बड़ा और लचीला होता है, जिसकी मदद से वो अलग-अलग तरह के इलाकों में आसानी से चल पाता है।

भेड़िए कहां सोते हैं? (Where do wolves sleep?)

भेड़िए के समूह को पैक कहा जाता है। भेड़िये घास में, पेड़ों के नीचे या झाड़ियों में आराम करते हैं और सोते हैं।

और जब मादा भेड़िया बच्चे को जन्म देने के लिए तैयार होती है, झुंड एक मांद में चला जाता है, जिसे अक्सर पानी के पास खोदा जाता है।

कभी-कभी तो भेड़िए कई पीढ़ियों तक इस मांद में रहते हैं।

भेड़िये एक नर और एक मादा के परिवारों में रहते हैं जिसमें उनके बच्चे भी पलते हैं।

मादा भेड़िए को शी-वुल्फ कहा जाता है।

नर भेड़िये आमतौर पर मादाओं की तुलना में लगभग 20 प्रतिशत बड़े होते हैं। वे अधिकतम 100 पाउंड तक हो सकते हैं,

जबकि मादा भेड़ियों का वजन अक्सर 80 पाउंड से अधिक नहीं होता है, जो कि प्रजाति पर निर्भर करता है।

ऐसा भी देखा गया है कि भेड़िए, दूसरी भेड़ियों के अनाथ बच्चों को शरण देकर उन्हें भी पालने लगते हैं।

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क्या खाते हैं भेड़िए (what do wolves eat)

भेड़िए मांसाहारी होते हैं। भूरे भेड़िये रोजाना लगभग तीन से चार पाउंड भोजन खाते हैं।

भेड़िये कभी-कभी ऊदबिलाव, खरगोश और मछली जैसे छोटे शिकार भी पकड़ लेते हैं और कोई शिकार न मिलने पर ये कभी-कभार जामुन जैसे फल भी खा लेते हैं।

भेड़िए का चिल्लाना (Howling)

हाउलिंग भेड़ियों के बात करने का एक जरिया है। ये लगातार मुंह से निकलने वाली आवाजे हैं, जो लंबी दूरी तक तेजी से सुनाई देती है।

भेड़िये झुंड के अन्य सदस्यों को अपना स्थान बताने और प्रतिद्वंद्वी झुंडों को उनके क्षेत्र से दूर भगाने के लिए भी चिल्लाते हैं।

भेड़िये प्यार जताने के लिए भी अपने झुंड के सदस्यों पर चिल्लाते हैं।

क्योंकि भेड़िए मुंह ऊपर की तरफ करके चिल्लाते हैं तो ऐसा लगता है कि वो चांद को देखकर ऐसा करते हैं लेकिन इस बात का कोई प्रमाण नहीं है।

भेड़ियों का जीवन चक्र (Life cycle of wolves)

आमतौर पर भेड़िए 13 साल तक जिंदा रह सकते हैं और 10 साल से अधिक उम्र तक प्रजनन कर सकते हैं।

माना जाता है कि कैद में रहने वाले भूरे भेड़िए 18-20 साल तक जिंदा रहते हैं,

जो भेड़िए इतने साल जी पाते हैं उन्हें मानव समाज में 100 साल जीने वालों के बराबर माना जाता हैं।

कब आदमखोर बनता है भेड़िया

कहा जाता है कि अगर कोई भेड़िए का बच्चा उठा ले जाए या नुकसान पहुंचाए तो वो इस बात का बदला जरूर लेते हैं और आस-पास के इलाके को तबाह कर देते हैं।

दंत कथाओं में मानव भेड़िया (man-wolf in legends)

भेड़ियों को कई दन्त कथाओं में भी स्थान मिला है, जिनमें से कुछ में इन्हें बहादुर जीव बताया गया है तो कुछ में आदमखोर शैतानी दरिंदा बताया गया है।

फिल्मों में अक्सर आपने मानव भेड़िए की कहानी देखी होगी।

ये वह व्यक्ति होता है जो इच्छाधारी सांप की तरह अपना रूप बदल लेता है और इंसान से भेड़िया बन जाता है।

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इन्हें वैम्पायर्स (खून पीने वाले मृत इंसान) का दुश्मन माना जाता है।

लेकिन इन सब बातों का कोई स्पष्ट प्रमाण नहीं मिलता।

भेड़िए का सामना कैसे करे (How to face a wolf)

वैसे तो इंसान के लिए भेड़िए का सामना करना आसान नहीं होता लेकिन अगर कभी ऐसा हो जाए इन बातों का ध्यान जरूर रखे।

भेड़िए का सामना करते हुए धीरे-धीरे पीछे हटें और आक्रामक तरीके से कार्य करें।

अगर कोई भेड़िया आप पर हमला करता है तो खड़े रहें और लाठी, पत्थर या स्की डंडे छड़ें जैसी चीज का इस्तेमाल कर भेड़िए को डराने की कोशिश करें।

एयर हार्न या अन्य ध्वनि उत्पन्न करने वाले यंत्रों का प्रयोग करें।

अगर संभव हो तो बियर स्प्रे bear spray या फायर आर्म्स firearms का इस्तेमाल करें।

भेड़िया पालना गैरकानूनी (Keeping wolves is illegal)

भेड़िया वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत एक संरक्षित प्राणी है। इसका मलतब है कि इसे मारना या कैद करना या पालना गैर कानूनी है।

अधिनियम की धारा 39 के तहत किसी भी जंगली जानवर को नुकसान पहुंचाने पर रोक है।

इसके तहत अपराध की सजा या दंड तीन साल की कैद या 25000 रुपये का जुर्माना या दोनों है।

और दूसरी बार अपराध करने पर सात साल की कैद और 10000 रुपये का जुर्माना होगा।

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