HomeTrending NewsBhai Dooj 2024: भाई दूज पर बहन करे यह काम तो बढ़ती...

Bhai Dooj 2024: भाई दूज पर बहन करे यह काम तो बढ़ती है भाई की उम्र और सौभाग्य

और पढ़ें

Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 12 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

Bhai Dooj 2024: हिंदू धर्म में हर रिश्ते को व्रत और त्यौहारों के साथ जोड़ा गया है। जैसे मां और बच्चे, पति-पत्नी, माता-पिता आदि।

ऐसा ही एक रिश्ता है भाई-बहन का जिसके लिए हिंदू धर्म में एक नहीं बल्कि 3-3 पर्व बनाए गए हैं।

ये पर्व है रक्षा बंधन और भाई दूज का। एक भाई दूज होली में मनाई जाती है तो दूसरी भाई दूज दिवाली पर।

आज हम बात करेंगे दिवाली के बाद मनाई जाने वाली भाई दूज की, जानेंगे इसकी प्राचीन कथा और इसका महत्व

भाई दूज को देशभर में भाई फोटा, भाऊ बीज, भाई बिज, भाऊ बीज, भ्रातृ द्वितीय, यम द्वितीया, भतृ दित्य, भाई तिहार और भाई टिक्का के नाम से भी जाना जाता है।

हर साल यह त्योहार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है।

भाई दूज का महत्व

भाई दूज के दिन बहनें अपने भाइयों का तिलक करती हैं और उनके सुख-समृद्धि और लंबी उम्र के लिए भगवान से प्रार्थना करती हैं।

वहीं भाई अपनी बहनों के पैरों को छूकर आशीर्वाद लेते हैं और बहन को उपहार देते हैं।

मान्यता है कि जो भी भाई इस दिन अपनी शादीशुदा बहन के घर जाकर तिलक करवाता है, उसे अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता।

Bhai Dooj 2024, Yam Dev, Yamuna, Shri Krishna, Bhai Dooj, Happy Bhai Dooj,
Bhai Dooj 2024 Katha

क्यों कहते हैं यम द्वितिया

भाई दूज को यम द्वितिया के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल यमराज के वर के अनुसार, जो व्यक्ति इस दिन यमुना नदी में स्नान करके यम पूजन करता है उसे मृत्यु के पश्चात यमलोक में नहीं जाना पड़ता।

भाई दूज पूजा विधि

भाई दूज के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और फिर घर के मंदिर में घी का दीपक जलाकर पूजा करें।

इस दिन यमराज और यमुना के साथ भगवान गणेश और भगवान विष्णु की पूजा का भी विधान है।

इस दिन पिसे चावल से चौक बनाने की परंपरा भी है। इसके बाद बहनें, भाई को तिलक लगाएं और फिर आरती उतारें।

आरती के बाद हाथ में कलावा बांधें और मिठाई खिलाएं। इसके बाद बहनें, भाई के हाथ में नारियल दें और फिर भाई को भोजन करवाएं।

भोजन के बाद भाई, बहनों को उपहार दें और चरण स्पर्श करके आशीर्वाद लें।

Bhai Dooj 2024, Yam Dev, Yamuna, Shri Krishna, Bhai Dooj, Happy Bhai Dooj,
Bhai Dooj 2024 Katha

भाई दूज की कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान सूर्य की दो संतानें थी- एक पुत्र यमराज और दूसरी पुत्री यमुना।

यमराज और यमुना के बीच बहुत प्रेम और स्नेह था। एक बार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितिया तिथि को यमुना ने अपने भाई यमराज को निमंत्रण भेजा।

यमुना के निमंत्रण पर यमराज यमुना के घर आ गए। यमुना ने स्नान और पूजन के बाद यमराज की पूजा की और वस्त्र-उपहार दिए। इस सत्कार से यमराज बेहद प्रसन्न हुए और बहन यमुना को वरदान मांगने को कहा।

यमुना ने कहा कि आप हर साल इस दिन मेरे घर आएं और मेरी तरह जो बहन इस दिन भाई का आदर सत्कार कर टीका करे, उसे आपका भय ना रहे।

यमराज ने यमुना को आशीर्वाद दिया और वस्त्राभूषण देकर यमलोक की ओर प्रस्थान कर गए।

उसी दिन से इस दिन भाई दूज मनाने की परंपरा शुरू हुई।

मान्यता है कि भाई दूज के दिन भाई-बहन को यमराज और यमुना का पूजन अवश्य करना चाहिए।

Roop Chaudas, Roop Chaturdashi, Narak Chaudas, importance of Roop Chaudas, abhyanga snan
Why is Roop Chaudas celebrated

श्रीकृष्ण और सुभद्रा की कथा

एक अन्य कथा के अनुसार नरकासुर का वध करके श्री कृ्ष्ण भाई दूज के दिन ही द्वारिका लौटे थे तब श्री कृष्ण की बहन सुभद्रा ने दिये जलाकर उनका स्वागत किया था।

सुभद्रा ने भगवान श्री कृष्ण के मस्तक पर तिलक लगाकर उनकी दीर्घायु की कामना की थी।

माना जाता है तभी से भाई दूज मनाने की परंपरा शुरू हुई जो आज तक चली आ रही है।

भाई दूज का शुभ मुहूर्त (Bhai Dooj 2024 Tilak Shubh Muhurat)

भाई दूज का त्यौहार इस साल 3 नवंबर, रविवार को मनाया जाएगा।

भाई दूज पर तिलक लगाने का शुभ मुहूर्त दोपहर 1.19 बजे से दोपहर 3.22 बजे तक रहेगा। मतलब भाई दूज के दिन तिलक लगाने के लिए कुल 2 घंटे 12 मिनट तक का समय मिलेगा।

- Advertisement -spot_img