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धार्मिक रूप से खास है दिसंबर का महीना: ये ग्रह बदलेंगे चाल, 16 तारीख से शुरू होगा खरमास

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

December Vrat Tyohar List 2025: साल के आखिरी महीने दिसंबर 2025 का आगमन सिर्फ एक नए साल की शुरुआत का संकेत ही नहीं दे रहा, बल्कि यह महीना धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से भी बेहद खास साबित होने वाला है।

हिंदू पंचांग के अनुसार, यह महीना मार्गशीर्ष और पौष जैसे पवित्र महीनों का साक्षी बनेगा और कई महत्वपूर्ण व्रत-त्योहारों को समेटेगा।

साथ ही, ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक इस महीने सूर्य सहित 6 बड़े ग्रहों की चाल में परिवर्तन होगा, जिसका सीधा असर जीवन पर पड़ सकता है।

महीने की शुरुआत मोक्ष के द्वार से:

दिसंबर महीने का आगाज 1 दिसंबर, सोमवार को मोक्षदा एकादशी के साथ हुआ।

यह भगवान विष्णु को समर्पित एक महत्वपूर्ण व्रत है, जिसे रखने से मोक्ष यानी मुक्ति की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है।

इसी पावन दिन गीता जयंती भी मनाई जाती है, क्योंकि मान्यता है कि इसी दिन कुरुक्षेत्र के मैदान में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को श्रीमद्भगवद् गीता का ज्ञान दिया था।

इसलिए इस दिन गीता पाठ का विशेष महत्व है।

पूर्णिमा और जयंतियों का संगम:

4 दिसंबर, गुरुवार को एक साथ तीन महत्वपूर्ण त्योहार पड़ रहे हैं।

मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी पूर्ण शक्ति में होते हैं और स्नान-दान का विशेष फल मिलता है।

इसी दिन अन्नपूर्णा जयंती और दत्तात्रेय जयंती भी मनाई जाएगी।

मां अन्नपूर्णा भोजन की देवी हैं तो भगवान दत्तात्रेय त्रिदेवों के अवतार माने जाते हैं।

बदलेगी ग्रहों की दिशा-शुरू होगा खरमास:

ज्योतिष की दृष्टि से यह महीना काफी चर्चा में रहेगा।

16 दिसंबर, मंगलवार को धनु संक्रांति के साथ ही सूर्य धनु राशि में प्रवेश करेंगे।

इसी दिन से खरमास (मलमास) की भी शुरुआत हो जाएगी, जो एक माह तक चलेगा।

खरमास के दौरान सभी तरह के मांगलिक कार्य जैसे विवाह, गृहप्रवेश, नामकरण आदि पर रोक लग जाती है।

यह समय आध्यात्मिक साधना और पूजा-पाठ के लिए अच्छा माना जाता है।

महत्वपूर्ण व्रत और तिथियां:

  • 7 दिसंबर: अखुरथ संकष्टी चतुर्थी का व्रत भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए रखा जाएगा।
  • 11 दिसंबर: कालाष्टमी पर काल भैरव की पूजा होगी, साथ ही मासिक कृष्ण जन्माष्टमी भी है।
  • 15 दिसंबर: सफला एकादशी का व्रत सभी मनोकामनाओं को पूरा करने वाला माना गया है।
  • 19 दिसंबर: पौष अमावस्या पर पितरों के तर्पण और दान का विशेष महत्व है।
  • 25 दिसंबर: स्कंद षष्ठी के साथ ही क्रिसमस का त्योहार पूरे विश्व में मनाया जाएगा।
  • 27 दिसंबर: सिखों के दसवें गुरु गुरु गोविंद सिंह जी की जयंती प्रकाश पर्व के रूप में मनाई जाएगी।
  • 30 दिसंबर: पौष पुत्रदा एकादशी संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वाले भक्तों के लिए महत्वपूर्ण है।

साल का सबसे छोटा दिन:

21 दिसंबर को इस साल का सबसे छोटा दिन होगा, जिसे शीतकालीन संक्रांति भी कहते हैं। इस दिन चंद्र दर्शन भी शुभ माना जाता है।

दिसंबर 2025 का महीना आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर है।

ग्रहों की चाल में आने वाले बदलाव नए अवसर और चुनौतियां ला सकते हैं।

ऐसे में इस महीने में व्रत-उपवास, दान-पुण्य और साधना पर ध्यान देकर न केवल आध्यात्मिक लाभ प्राप्त किया जा सकता है, बल्कि ग्रहों के प्रभाव को भी अनुकूल बनाया जा सकता है।

खरमास की अवधि में नए शुभ कार्य शुरू करने से बचना चाहिए और पूर्व निर्धारित धार्मिक कार्यक्रमों में ही भाग लेना चाहिए।

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