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Diwali 2024: इस साल 6 दिन होगा दीपोत्सव, धनतेरस से भाईदूज तक जान लें पूजा का शुभ मुहूर्त

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 12 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

6 Days Deepotsav: हर साल दिवाली उत्सव 5 दिन तक मनाया जाता है, इसमें धनतेरस, नरक चौदस, दिवाली, गोवर्धन पूजा और भाईदूज जैसे पर्व शामिल होते हैं।

लेकिन क्योंकि इस बार अमावस्या तिथि दो दिनों तक रहेगी तो दीपोत्सव भी 5 की बजाय 6 दिन का होगा।

आइए जानते हैं सभी पर्वों की तिथि और पूजा का शुभ मुहूर्त। साथ ही जानेंगे दीपोत्सव के 6 दिनों तक घर में कौन से शुभ कार्य करना चाहिए।

1. धनतेरस- 29 अक्टूबर (Dhanteras 2024)

पंचाग के अनुसार इस बार त्रयोदशी तिथि की शुरुआत मंगलवार 29 अक्टूबर 2024 को सुबह 10 बजकर 34 मिनट पर होगी और समापन बुधवार 30 अक्टूबर 2024 को दोपहर 1 बजकर 17 मिनट पर होगा।

इसी गोधूल काल में भगवान धनवंतरी की पूजा की जा सकती है. ऐसी स्थिति में धनतेरस 29 अक्टूबर को मनाया जाएगा.

पूजा का शुभ मुहूर्त

धनतेरस पूजा के लिए शुभ मुहूर्त मंगलवार 29 अक्टूबर शाम 6.31 बजे से रात 8.13 बजे तक रहेगा।

मतलब पूजा के लिए कुल 1 घंटा 41 मिनट का समय मिलेगा।

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धनतेरस पर मुख्य रूप से भगवान धन्वंतरी, गणेश जी और कुबेर की पूजा की जाती है।

खरीदारी का शुभ समय

धनतेरस के दिन पूजा पाठ के साथ ही खरीदारी का भी विशेष महत्व है। इस दिन लोग सोना, चांदी और बर्तन खरीदना शुभ मानते हैं। इसबार 29 तारीख को 10.34 बजे के बाद से अगले दिन तक 1 बजे तक खरीदारी कर सकते हैं।

2. नरक चौदस, छोटी दिवाली- 30 अक्टूबर (Narak Chaudas 2024)

दिवाली से एक दिन पहले छोटी दिवाली यानी नरक चतुर्दशी का त्योहार मनाया जाता है। कई राज्यों में इसे रूप चौदस और काली चौदस के नाम से भी जाना जाता है।

पंचांग के मुताबिक, हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को छोटी दिवाली के रूप में मनाते हैं। इस बार छोटी दिवाली 30 अक्तूबर को मनाई जा रही है। हालांकि इसकी तिथि 31 अक्तूबर को भी लग रही है।

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30 अक्टूबर को दोपहर 01.15 मिनट पर इस तिथि की शुरुआत होगी और समापन अगले दिन 31 अक्टूबर को दोपहर 03 .52 मिनट पर होगा।

छोटी दिवाली के दिन मृत्यु के देवता यमराज के नाम का चौमुखा दीपक जलाया जाता है।

इस दिन उबटन लगाने की भी परंपरा है।

माना जाता है कि इस तिथि को भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर नाम के दैत्य का वध किया था।

3. दिवाली, लक्ष्मी पूजा- 31 अक्टूबर (Diwali 2024, Lakshmi Pujan)

31 अक्टूबर को दीपावली का त्योहार मनाया जाएगा। अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर को दोपहर 2:42 दिन से शुरू होगी और इसी दिन लक्ष्मी पूजा होगी।

इस दिन लक्ष्मी-गणेश, कुबेर के साथ ही कुलदेवता, पितृ देवता और वास्तु देवताओं के साथ पंचदेवों का पूजन करना लाभकारी माना गया है।

मां लक्ष्मी पूजा मुहूर्त – शाम 05.36 मिनट से शाम 06.16 मिनट तक पूजा का शुभ मुहूर्त रहेगा।

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मान्यता है कि देवताओं और दानवों ने मिलकर इस दिन समुद्र मंथन किया था और इस मंथन से कार्तिक मास की अमावस्या पर देवी लक्ष्मी प्रकट हुई थी।

एक अन्य मान्यता ये है कि इस तिथि पर भगवान राम 14 वर्ष का वनवास खत्म करके अयोध्या वापस लौटे थे। तब लोगों ने राम के स्वागत के लिए दीपक जलाए थे।

4. कार्तिक अमावस्या- 1 नवंबर (Kartik Amavasya 2024)

शुक्रवार, 1 नवंबर को भी कार्तिक मास की अमावस्या रहेगी। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान-पुण्य करना चाहिए।

दोपहर में पितरों के लिए धूप-ध्यान भी करें। इस दिन शाम को कार्तिक अमावस्या तिथि खत्म हो जाएगी।

5. गोवर्धन पूजा- 2 नवंबर (Govardhan Puja 2024)

गोवर्धन पूजा शनिवार 02 नवंबर को की जाएगी। इसके साथ ही अन्नकूट, बलि पूजा और गौ क्रीड़ा आदि उत्सव मनाए जाएंगे।

पूजा का शुभ मुहूर्त

गोवर्धन पूजा प्रातःकाल मुहूर्त – सुबह 06 बजकर 34 मिनट से सुबह 08 बजकर 46 मिनट तक

गोवर्धन पूजा सायाह्न काल मुहूर्त – दोपहर 03 बजकर 23 मिनट से शाम 05 बजकर 35 मिनट तक

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इस दिन मथुरा स्थित गोवर्धन पर्वत की पूजा करने की परंपरा है। द्वापर युग में श्रीकृष्ण ने ब्रज के लोगों से कंस की नहीं, गोवर्धन पर्वत की पूजा करने के लिए कहा था, तब से ही इस पर्वत की पूजा की जा रही है।

6. भाईदूज, चित्रगुप्त पूजा, यम द्वितीया- 3 नवंबर (Bhaidooj 2024, Chitragupta Puja)

पंचांग के आधार पर इस साल भाई दूज का त्योहार 3 नवंबर 2024, रविवार को मनाया जाएगा।

इसे यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है। इसके साथ चित्रगुप्त पूजा भी की जाएगी।

भाई दूज का शुभ मुहूर्त

दोपहर 01 बजकर 10 से दोपहर 03 बजकर 22 मिनट तक

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ये पर्व यमुना और यमराज से संबंधित है। माना जाता है कि इस तिथि पर यमराज अपनी बहन यमुना से मिलने जाते हैं।

मान्यता है कि इस तिथि पर जो भाई अपनी बहन के घर भोजन करता है, यमराज-यमुना की कृपा से उसकी सभी परेशानियां दूर होती हैं और भाग्य का साथ मिलता है।

दीपोत्सव के दौरान रोजाना करें ये काम

  1. मुख्य द्वार पर दीपक जलाएं

वैसे तो घर में रोजाना शाम को दीपक जलाना चाहिए लेकिन दीपोत्सव के दौरान घर के बाहर दीपक जरूर जलाएं।

2. रंगोली बनाएं

रंगोली शुभता का प्रतीक है। ऐसे में दीपोत्सव के दौरान घर के बाहर की जगह को साफ करके रंगोली जरूर बनाएं।

3. तुलसी पूजा करें

दीपोत्सव के दौरान रोजाना सूर्यास्त के बाद तुलसी के पास दीपक जलाएं और तुलसी को रोजना सुबह जल चढ़ाएं।

4. बंदनवार लगाएं

दीपोत्सव के पहले दिन यानी धनतेरस (29 अक्टूबर) की सुबह घर के मुख्य द्वार पर बंदनवार जरूर बांधें। बंदनवार आम, अशोक के पत्तों और फूलों से बनाई जाती है।

मान्यता है कि बंदनवार घर में नकारात्मक ऊर्जा को आने से रोकती है। बंदनवार की वजह से घर का वातावरण सकारात्मक, पवित्र बना रहता है।

5. घर में गंगाजल छिड़कें

घर में पवित्रता और सकारात्मकता बनाए रखने के लिए गंगाजल का छिड़काव करें।

6. पंचदेवों की पूजा

हर शुभ काम की शुरुआत से पहले पंचदेव की पूजा की जाती है। इनमें भगवान गणेश, शिव, विष्णु, सूर्य और देवी दुर्गा शामिल हैं। गणेश जी को दूर्वा, शिव जी को बिल्व पत्र, विष्णु जी को तुलसी, सूर्य को जल और देवी दुर्गा लाल फूल चढ़ाएं।

7. घर के मंदिर में रोज पूजा-आरती करें

घर के मंदिर में रोज पूजा-आरती करें और दीपक जलाएं। साथ ही अपने इष्टदेव के मंत्रों का जप करें। मंत्र जप से मन शांत रहता है और मंत्रों की ध्वनी से घर में पवित्रता बनी रहती है।

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