Worship Flowers: हिंदु धर्म में पूजा-पाठ करने का विशेष महत्व है। रोजाना सुबह-शाम घरों में पूजा अर्चना की जाती है।
भगवान को प्रसन्न करने के लिए श्रद्धालु विशेष रूप से फूल चढ़ाते हैं।
शास्त्रों में प्रत्येक देवी-देवता के प्रिय फूलों का भी वर्णन किया गया है जिन्हें चढ़ाने से वो जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं।
वहीं कहा भी जाता है कि भगवान हीरे-मोती से नहीं बल्कि एक छोटे से फूल से प्रसन्न हो जाते हैं।
लेकिन किस भगवान को कौन सा फूल चढ़ाएं इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए। नहीं तो पूजा का पूरा फल नहीं मिलता।
1- इस फूल से प्रथम पूज्य गणेश होंगे नाराज (lord ganesh)
गणपति बप्पा को सफेद रंग का फूल अर्पित नहीं किया जाता। मान्यता के अनुसार भगवान चंद्र ने गणेश के रूप का मजाक उड़ाया था।
जिसके चलते गणेश ने सभी सफेद चीजों का बहिष्कार कर दिया था।
अगर आप सफेद रंग का फूल चढ़ाना भी चाहते हैं। तो उसमें हल्दी या सिंदूर लगाकर ही चढ़ाएं वरना भगवान गणेश आपकी पूजा स्वीकार नहीं करेंगे।
साथ ही प्रथम पूज्य गणेश को तुलसी भी अर्पित नहीं करनी चाहिए। गणपति पूजन में तुलसीदल वर्जित है।
2- भगवान शिव को न चढ़ाएं ये फूल (lord shiv)
कहते हैं भोले भंडारी तो एक बेलपत्ती चढ़ाने से ही प्रसन्न हो जाते हैं लेकिन शास्त्रों के अनुसार भगवान शिव के पूजन में आप केतकी का फूल नहीं रखें।
केतकी, चंपा और केवड़े का फूल शिवलिंग पर चढ़ाने की मनाही होती है, जिसकी वजह एक शाप है।
इसका उल्लेख शिवपुराण में किया गया है। इसके अलावा भगवान शिव को तुलसी कभी नहीं चढ़ाना चाहिए।
3-माता पार्वती को ये फूल चढ़ाने से बचें
भगवान शिव की पत्नि यानी माता पार्वती के पूजन में कभी मदार या आक का फूल नहीं चढ़ाना चाहिए।
इसके अलावा भगवान शिव को जो भी फूल प्रसन्न हैं। आप उन्हें माता पार्वती को अर्पित कर सकते हैं।
जिससे माता खुश होती हैं और भक्तों की मनोकामना पूरी होती हैं।
4- भगवान विष्णु को अर्पित ना करें ये फूल
हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार श्रीहरि विष्णु की पूजा में कभी भी लोध, माधवी और अगस्त्य के फूलों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
वहीं कनेर का फूल भी भगवान विष्णु को अर्पित नहीं करना चाहिए।
भगवान विष्णु को तुलसी और अपराजिता का फूल भी विशेष रूप से चढ़ा सकते हैं।
5- मां लक्ष्मी होंगी नाराज
देवी लक्ष्मी धन की देवी हैं इनकी पूजन के वक्त कई बातों का ध्यान रखना चाहिए वरना धनलक्ष्मी नाराज हो सकती है और आपको मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त नहीं होगा।
शास्त्रों के अनुसार देवी लक्ष्मी को हरसिंगार का फूल अर्पित नहीं करना चाहिए।
वहीं कनेर के फूलों का उपयोग लक्ष्मी पूजन के वक्त नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से माता लक्ष्मी रूठ सकती हैं।
6- भगवान राम होंगे नाराज ये फूल ना चढ़ाएं
प्रभु श्री राम की पूजा में कनेर का फूल वर्जित माना जाता है। ऐसा मान्यता है कि कनेर के फूल चढ़ाने से भगवान श्रीराम की कृपा व्यक्ति पर नहीं पड़ती।
7- बेलपत्र से सूर्य देव हो जाएंगे नाराज
सूर्य देव को भूल कर भी बेलपत्र नहीं चढ़ाएं क्योंकि बेलपत्र भगवान शिव को अति प्रिय है।
धार्मिक मान्यताओं के आधार पर सूर्य देव को कभी भी पूजा पाठ में बेलपत्र या बिल्व पत्र अर्पित नहीं करना चाहिए।
इससे सूर्य देव नाराज हो सकते हैं।
8- मां दुर्गा की पूजा में शामिल न करें केतकी
माता दुर्गा को कभी भी केतकी और धतूरे का फूल नहीं चढ़ाना चाहिए।
इसके साथ ही तगर और मदार का फूल भी मां को अर्पित नहीं करना चाहिए।
माता दुर्गा की पूजा में लाल फूल शामिल कर सकते हैं लेकिन ध्यान रखें कि हमेशा ताजे फूल अर्पित करें। सूखा हुआ फूल नहीं चढ़ाना चाहिए। मां दुर्गा को दूर्वा भी नहीं चढ़ाई जाती है।
9- श्री कृष्णा को बेलपत्र अर्पित करने से बचें
श्रीकृष्ण को वैसे पीले और नीले रंग के फूल अतिप्रिय हैं लेकिन जब आप श्रीकृष्ण का पूजन कर रहे है तो उसमें आक, बेलपत्र, कचनार का फूल अर्पित नहीं करना चाहिए।
ये फूल चढ़ाने से भगवान श्री कृष्ण की कृपा अपने भक्तों से हट जाती है।
10- बजरंगबली को अर्पित न करें कमल
शास्त्रों के अनुसार हनुमान जी को कोई भी फूल अर्पित कर सकते हैं।
विशेष रूप से हनुमान जी को गुलाब का फूल चढ़ाना चाहिए।
गुलाब के फूलों की माला से भी बजरंगबली जल्दी प्रसन्न होते हैं।
लेकिन कमल का फूल हनुमान जी की पूजा में शामिल नहीं किया जाता।
मान्यता है कि बजरंगबली को लाल या पीले रंग फूल ही अर्पित करना चाहिए। जैसे गुड़हल, गेंदा, गुलाब इत्यादि अर्पित कर सकते हैं।
11- शनिदेव को चढ़ाएं ये फूल
शनिदेव न्याय के देवता माने जाते हैं, मान्यता के अनुसार भगवान शनिदेव को आक का फूल अतिप्रिय है वहीं अपराजिता के फूल भी शनिदेव को पसंद है।
माना जाता है कि शनिवार को आक का फूल चढ़ाने से शनि की ढैय्या और साढ़ेसाती से मुक्ति मिल सकती है।
ये फूल चढ़ाने से शनि देव की कृपा होती है और बिगड़े काम बनने लगते हैं।
फूल चढ़ाते वक्त रखें इन बातों का ध्यान (Keep these things in mind while offering flowers)
किसी भी मांगलिक कार्य में देवी-देवताओं को उनके प्रिय फूल चढ़ाने का बड़ा महत्व होता है।
लेकिन फूल चढ़ाते वक्त आप कुछ बातों का ध्यान रखें। जिससे भगवान आपके चढ़ाए हुए फूल भी स्वीकार कर लेंगे।
- पूजा के दौरान कभी भी सूखे, मुरझाए, बासी या कीड़े वाले फूल नहीं रखने चाहिए।
- फूल हमेशा भगवान के सिर पर चढ़ाते हुए पैरों पर रखें।
- फूलों को हमेशा मूर्ति की तरफ करके उल्टे अर्पित करने चाहिए।
- फूल अर्पित करने के लिए अंगूठा, मध्यमा व अनामिका अंगुली का प्रयोग करना चाहिए।
- भगवान को चंपा के फूल के अलावा किसी अन्य फूल की कली नहीं चढ़ानी चाहिए। इससे दोष लगता है।
- मान्यताओं के अनुसार बेलपत्र, अगस्त्य के फूल और तुलसी कभी भी बासी नहीं होते उन्हें भगवान को दोबारा धोकर चढ़ाया जा सकता है।
- देवी पूजन के लिए लालफूल जैसे पलाश, गुड़हल, लाल कनेर के फूल चढ़ाना शुभ माना जाता है।
जानें कौन सा फूल है जो हर देवता को चढ़ा सकते हैं (Know which flower can be offered to every deity)
मान्यताओं के अनुसार गेंदा का एक ऐसा फूल है जो हर देवी देवताओं को चढ़ाया जा सकता है।
वो इसलिए क्योंकि ये पीले, लाल, केसरिया रंग में होता है।
गेंदे का फूल हर देवी देवता को पसंद होता है इसलिए हिंदू धर्म में गेंदे के फूल हर पूजापाठ में शामिल किए जाते हैं और इस फूल का बहुत महत्व होता है।