Diwali Laxmi Puja Vidhi: दिवाली का त्योहार केवल रोशनी और खुशियों का ही नहीं, बल्कि आध्यात्मिक और आर्थिक समृद्धि का भी प्रतीक है।
हिंदू धर्म में इस दिन मां लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर जी की विशेष पूजा का विधान है।
मान्यता है कि इस दिन सही विधि और श्रद्धा से पूजा करने पर धन की देवी मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों पर कृपा बरसाती हैं।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि पूजा में कुछ छोटी-छोटी चूक आपकी मेहनत पर पानी फेर सकती है?
कुछ ऐसी चीजें हैं जिन्हें मां लक्ष्मी को अर्पित करना अशुभ माना गया है।
इस लेख में हम आपको दिवाली की लक्ष्मी पूजा की तैयारी का तरीका बताएंगे…
दिवाली लक्ष्मी पूजा 2025: तिथि और शुभ मुहूर्त
साल 2025 में दिवाली का पर्व 20 अक्टूबर, सोमवार को मनाया जाएगा।
इस दिन लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त रात 07:08 बजे से शुरू होकर 08:18 बजे तक रहेगा।
इस एक घंटे दस मिनट के अवधि को ‘प्रदोष काल’ कहा जाता है जो लक्ष्मी पूजा के लिए सर्वोत्तम माना जाता है।
लक्ष्मी पूजा की पूरी सामग्री लिस्ट (Laxmi Puja Samagri List)
पूजा को सफल और पूर्ण बनाने के लिए नीचे दी गई सामग्री जरूर तैयार रखें:
- मूर्तियां/चित्र: मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्ति या चित्र। कोशिश करें कि लक्ष्मी जी की वह मूर्ति लें जिसमें वे भगवान विष्णु के चरणों के पास विराजमान हों। साथ ही कुबेर देवता की प्रतिमा भी रखना शुभ रहेगा।
- आसन: पूजा के लिए एक नया चौकी या बाजोट। उस पर लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाएं।
- कलश: तांबे या पीतल का कलश। इसमें जल भरकर, उसमें एक सिक्का, सुपारी और हल्दी डालें। कलश के मुंह पर आम के पत्तों का तोरण लगाएं और ऊपर एक नारियल रखें।
- दीपक: एक बड़ा दीपक (अखंड ज्योत के लिए) और घी/तेल के लिए अन्य दीपक।
- चावल: अक्षत (अखंड चावल) तिलक और आसन के लिए।
- फूल: लाल रंग के फूल विशेष रूप से शुभ माने जाते हैं। अगर मिल सके तो कमल का फूल जरूर लाएं क्योंकि मां लक्ष्मी कमल पर ही विराजमान हैं।
प्रसाद/भोग:
- खील-बताशे: खील (धान का लावा) अन्न का प्रतीक है और सफेद बताशे शुक्र ग्रह को मजबूत करते हैं।
- खीर: मां लक्ष्मी को खीर बहुत प्रिय है।
- मखाना: जल में उगने के कारण यह शुद्ध माना जाता है।
- सिंघाड़ा (वॉटर चेस्टनट): यह भी मां लक्ष्मी का प्रिय फल है।
- नारियल (श्रीफल): नारियल का लड्डू या पूरा नारियल चढ़ाएं।
- पान का बीड़ा: शहद लगाकर पान चढ़ाना शुभ माना जाता है।
- मिठाई, फल, गन्ना आदि।
विशेष वस्तुएं:
- दक्षिणावर्ती शंख: इसे लक्ष्मी जी का भाई माना जाता है। इसकी पूजा से घर में समृद्धि आती है।
- श्रीयंत्र: यह लक्ष्मी का ही एक रूप है, पूजा में इसे जरूर रखें।
- लक्ष्मी जी के चरण: सोने या चांदी के बने चरण चिन्ह। इन्हें रखने से मां की कृपा स्थिर रहती है।
अन्य सामग्री: गंगाजल, रोली, मौली (कलावा), इत्र, धूपबत्ती, कपूर, सुपारी, लौंग, इलायची, सिक्के, पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, शक्कर)।
दिवाली लक्ष्मी पूजा की संक्षिप्त विधि (Diwali Puja Vidhi)
- स्नान और शुद्धि: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। घर की अच्छे से सफाई करें और पूजा स्थल को गंगाजल छिड़क कर पवित्र करें।
- स्थापना: चौकी पर लाल/पीला कपड़ा बिछाएं। उस पर चावल रखकर उसका आसन बनाएं। फिर उस पर गणेश जी और लक्ष्मी जी की मूर्तियां स्थापित करें। दाईं ओर जल से भरा कलश रखें।
- दीप प्रज्ज्वलन: चावल की एक ढेरी पर घी का दीपक जलाएं।
- संकल्प: पूजा शुरू करने से पहले संकल्प लें कि आप देवी-देवताओं की पूजा समस्त विधि-विधान से कर रहे हैं।
- आवाहन और ध्यान: सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा करें। फिर मां लक्ष्मी का ध्यान करते हुए उनका आवाहन करें।
- तिलक और अर्पण: सभी देवताओं को रोली, अक्षत, फूल, धूप, दीप दिखाएं। फिर उन्हें विभिन्न प्रसाद अर्पित करें।
- आरती और मंत्र जाप: पूजा के अंत में गणेश जी और लक्ष्मी जी की आरती करें। “ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नम:” मंत्र का जाप करें।
- क्षमा याचना: पूजा में हुई किसी भी अनजानी भूल के लिए मां लक्ष्मी से क्षमा मांगें।
- दीपदान: पूजा के बाद घर के मुख्य द्वार, खिड़कियों, कमरों और तिजोरी आदि में दीपक जलाएं।
मां लक्ष्मी को कभी न चढ़ाएं ये चीजें
पूजा में सही चीजें चढ़ाना उतना ही जरूरी है जितना कि गलत चीजों से परहेज करना।
कुछ चीजें ऐसी हैं जिन्हें मां लक्ष्मी को चढ़ाना अशुभ माना जाता है।
ऐसा करने से मां नाराज हो सकती हैं और आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है।
- आक या कनेर के फूल: भगवान शिव को आक (मदार) का फूल बहुत प्रिय है, लेकिन इसे मां लक्ष्मी को कभी न चढ़ाएं। इसी तरह कनेर के फूल भी लक्ष्मी पूजा के लिए वर्जित माने गए हैं।
- सफेद रंग के कुछ फूल: चंपा, रातरानी और मोगरा जैसे सफेद और सुगंधित फूल भी मां लक्ष्मी को नहीं चढ़ाने चाहिए। मान्यता है कि ये फूल शिव जी और अन्य देवताओं को समर्पित हैं।
- तुलसी दल: भगवान विष्णु की पूजा में तुलसी का होना अनिवार्य है, लेकिन मां लक्ष्मी की अलग से पूजा करते समय तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। शास्त्रों में लक्ष्मी जी और तुलसी जी में वैर बताया गया है।
- नमक का दान शाम को न करें: मान्यता है कि शाम के समय अगर कोई आपसे नमक मांगे तो उसे नमक न दें। ऐसा करने से घर से लक्ष्मी चली जाती हैं। हालांकि, पूजा के प्रसाद में नमक का इस्तेमाल हो सकता है।
- शुक्रवार को पैसों का लेन-देन न करें: शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी का दिन माना जाता है। इस दिन किसी को पैसे उधार देना या लेना, चीनी या चांदी का दान देना अशुभ माना जाता है। इससे घर की आर्थिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
ध्यान रखने योग्य अन्य महत्वपूर्ण बातें
- देर तक न सोएं: जो लोग सुबह देर तक सोते रहते हैं, उनसे मां लक्ष्मी रुष्ट हो जाती हैं। दिवाली के दिन तो विशेष रूप से सूर्योदय से पहले उठ जाना चाहिए।
- झाड़ू को सम्मान दें: झाड़ू को लक्ष्मी जी का रूप माना जाता है। दिवाली के दिन झाड़ू को कभी भी खुले में या अपमानजनक स्थिति में न रखें।
- गणेश जी को न भूलें: लक्ष्मी पूजा में सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा करना अनिवार्य है क्योंकि वे विघ्नहर्ता हैं। बिना उनकी पूजा के कोई भी पूजा सफल नहीं होती।
दिवाली की पूजा में थोड़ी सी सावधानी और पूरी श्रद्धा से किया गया प्रयास आपके घर में सुख-समृद्धि और मां लक्ष्मी की कृपा लाने में सक्षम है।
इन नियमों का पालन करके आप एक संपूर्ण और फलदायी लक्ष्मी पूजा कर सकते हैं। आप सभी को दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं!