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EPFO के नए नियमों ने PF निकासी को बनाया आसान, अब बिना दस्तावेज के निकाल सकते हैं PF का पूरा पैसा

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

EPFO PF Withdrawal: भारत में करोड़ों कर्मचारियों के भविष्य की सुरक्षा से जुड़े प्रोविडेंट फंड (PF) के नियमों में एक बड़ा और ऐतिहासिक बदलाव हुआ है।

13 अक्टूबर को श्रम मंत्रालय की अगुवाई में हुई सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) की बैठक में EPFO (एम्प्लॉइज प्रोविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन) ने कई ऐसे फैसले लिए हैं, जो कर्मचारियों के लिए PF की निकासी को अत्यधिक सरल और लचीला बना देंगे।

‘EPFO 3.0’ के इस डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन के तहत अब सदस्य बिना कागजी कार्यवाही के, और कई मामलों में बिना कोई कारण बताए, अपने PF खाते की 100% राशि तक निकाल सकेंगे।

आइए विस्तार से समझते हैं इन नए बदलावों को।

1. पारंपरिक नियमों की जगह सरलीकरण पर जोर

पहले PF से पैसे निकालना एक लंबी और जटिल प्रक्रिया हुआ करती थी।

आपको साबित करना पड़ता था कि पैसे निकालने की आपकी वजह वैध है, चाहे वह शादी हो, बीमारी हो या फिर घर बनाना।

इसके लिए तरह-तरह के दस्तावेज जमा करने पड़ते थे और कई बार छोटी-सी गलती के कारण क्लेम खारिब हो जाता था।

EPFO ने इस पुरानी व्यवस्था को पूरी तरह से बदल दिया है।

क्या बदला?

  • 13 नियमों की जगह 3 श्रेणियाँ: पहले आंशिक निकासी के लिए 13 तरह के जटिल नियम थे। अब इन्हें घटाकर मुख्य रूप से 3 श्रेणियों – शिक्षा, विवाह और अन्य विशिष्ट जरूरतों – में बाँट दिया गया है।
  • निकासी की सीमा में वृद्धि: पहले शिक्षा के लिए सिर्फ 3 बार और शादी के लिए भी सीमित मौके थे। नए नियमों के तहत अब शिक्षा के उद्देश्य से 10 बार और शादी के लिए 5 बार आंशिक निकासी की जा सकती है। इससे लोगों को लंबे समय तक वित्तीय सहायता मिल सकेगी।

2. सबसे बड़ा बदलाव: बिना कारण बताए 100% निकासी की सुविधा

यह सबसे चर्चित और कर्मचारी-हितैषी बदलाव है।

पहले, अगर आप बेरोजगार हो जाते थे या कोई गंभीर संकट आता था, तब भी आपको PF निकालने के लिए प्रमाण देना पड़ता था।

अब इस शर्त को पूरी तरह से हटा दिया गया है।

कैसे मिलेगा फायदा?

  • आर्थिक संकट में राहत: अब यदि कोई सदस्य अस्थायी आर्थिक मुश्किलों का सामना कर रहा है, चाहे वह नौकरी जाने के कारण हो या कोई अन्य, तो वह बिना किसी कारण के विवरण के अपने PF खाते से पूरी राशि निकाल सकता है।
  • दस्तावेजों का झंझट खत्म: इस प्रक्रिया में अब उन दस्तावेजों की जरूरत नहीं होगी, जो आपातकाल या संकट को साबित करते हों। इससे प्रक्रिया तेज और तनावमुक्त हो गई है।

3. न्यूनतम सेवा अवधि घटी

PF के लाभ लेने के लिए जरूरी न्यूनतम सेवा अवधि (Minimum Service Period) को सरल बनाया गया है।

पहले अलग-अलग उद्देश्यों के लिए अलग-अलग सेवा अवधि की शर्तें थीं, जिससे भ्रम की स्थिति बनी रहती थी।

नया नियम क्या है?

  • अब सिर्फ 12 महीने की न्यूनतम सेवा पूरी करने के बाद ही सदस्य अपनी जरूरतों के हिसाब से आंशिक निकासी के लिए आवेदन कर सकते हैं। यह एकरूपता सदस्यों के लिए बहुत सुविधाजनक साबित होगी।

4. भविष्य की सुरक्षा: 25% न्यूनतम बैलेंस का प्रावधान

यह एक समझदारी भरा कदम है। जहां एक ओर पूरी राशि निकालने की सुविधा दी गई है, वहीं यह सुनिश्चित करने का भी प्रयास किया गया है कि सदस्य का रिटायरमेंट फंड पूरी तरह से खाली न हो।

नए नियम के तहत, खाते में कम से कम 25% राशि हमेशा बची रहेगी।

इसके क्या फायदे हैं?

  • कंपाउंड इंटरेस्ट का लाभ: इस 25% बची हुई राशि पर EPFO द्वारा घोषित ब्याज दर (वर्तमान में 8.25%) मिलती रहेगी। इससे लंबे समय में एक अच्छी-खासी रकम जमा हो जाती है।
  • रिटायरमेंट फंड का निर्माण: यह प्रावधान यह सुनिश्चित करेगा कि कर्मचारी अपनी वर्तमान जरूरतों के चलते भविष्य के लिए बचत को पूरी तरह से न खत्म कर दें।

5. EPFO 3.0: डिजिटल क्रांति से तेज और पारदर्शी प्रक्रिया

ये सभी बदलाव EPFO के ‘EPFO 3.0’ डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन फ्रेमवर्क का हिस्सा हैं।

इसका लक्ष्य 30 करोड़ से अधिक खाताधारकों को तेज, पारदर्शी और सुविधाजनक सेवाएं प्रदान करना है।

डिजिटल सुविधाएं:

  • ऑटोमैटिक क्लेम सेटलमेंट: PF निकासी की प्रक्रिया को पूरी तरह से स्वचालित बनाने की योजना है। इससे मानवीय हस्तक्षेप कम होगा और क्लेम का निपटारा रिकॉर्ड समय में हो सकेगा।
  • डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट (DLC): EPFO ने इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) के साथ मिलकर EPS-95 पेंशनभोगियों के लिए डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट जमा करने की सुविधा शुरू की है। इससे विशेषकर ग्रामीण और बुजुर्ग पेंशनर्स को जीवन प्रमाणपत्र देने के लिए अब घर से बाहर नहीं निकलना पड़ेगा। यह सेवा मुफ्त है।
  • बेहतर फंड मैनेजमेंट: EPFO ने फंड के बेहतर प्रबंधन और रिटर्न के लिए चार फंड मैनेजर्स की नियुक्ति की है, जिसका सीधा फायदा सदस्यों को मिलेगा।

6. विश्वास योजना: जुर्माने का बोझ हुआ कम

नियोक्ताओं के लिए, EPFO ने ‘विश्वास योजना’ (Vishwas Scheme) शुरू की है।

इसके तहत, देरी से PF जमा करने पर लगने वाले जुर्माने की दर को घटाकर 1% प्रति माह कर दिया गया है।

इसका उद्देश्य लंबित मामलों को शीघ्र निपटाने और नियोक्ताओं को राहत प्रदान करना है।

EPFO के ये नए नियम भारतीय कर्मचारियों के लिए एक नए युग की शुरुआत हैं।

ये बदलाव न केवल वित्तीय लचीलापन प्रदान करते हैं, बल्कि डिजिटल इंडिया के विजन के अनुरूप सार्वजनिक सेवाओं को अधिक नागरिक-केंद्रित बनाते हैं।

अब कोई भी सदस्य यह निश्चिंत होकर कि उसकी गाढ़ी कमाई उसके सबसे मुश्किल समय में उसके काम आ सकती है, जिससे वह बेहतर तरीके से भविष्य की योजना बना सकता है।

EPFO 3.0 का यह सफर निश्चित रूप से एक सराहनीय कदम है जो कर्मचारियों और नियोक्ताओं दोनों के लिए ‘विश्वास’ पैदा करेगा।

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