Packaged Water Risk: बदलते दौर के साथ डिब्बाबंद पानी डेली लाइफस्टाइल का हिस्सा बन चुका है।
हम इसके इतने आदी हो चुके है कि सारे नुकसान जानने के बाद भी हम इसे लगातार पीते रहते हैं।
मगर अब पैकेज्ड वॉटर को लेकर जो रिपोर्ट सामने आई है उसके बाद आप इस पानी को पीने से पहले 10 बार सोचेंगे…
तो आइए जानते हैं क्या है इस रिपोर्ट में…
हाई रिस्क फूड कैटेगरी में शामिल
हाल ही में भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने बोतल वाले पानी यानी मिनरल वाटर के नाम पर बिकने वाले पानी को उच्च जोखिम वाली खाद्य श्रेणी (High Risk Food Catagory) कैटेगरी में रखा है।
इसका मतलब है कि मिनरल वाटर के नाम पर जो पानी बिक रहा है वो हमारे सेहत के लिए काफी हानिकारक है।
FSSAI द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार कई उत्पाद भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) प्रमाणन के भीतर नहीं होता है।
‘पैकेज्ड ड्रिंकिंग वॉटर और मिनरल वाटर’ भी भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा तय मापदंड के भीतर नहीं आता है।
इस वजह से इसे ‘उच्च जोखिम वाले खाद्य श्रेणियों’ में शामिल किया गया है।
अब हर साल कराना होगा रिस्क बेस इंस्पेक्शन
FSSAI ने फैसला लिया है कि मिनरल वाटर का निरीक्षण थर्ड पार्टी के ऑडिट पैरामीटर के अधीन होगा।
इसके अलावा FSSAI ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि पैकेज्ड ड्रिंकिंग वॉटर को लेकर रेगुलर ने रिस्क बेस इंस्पेक्शन पॉलिसी मे बदलाव किया है।
FSSAI की रिपोर्ट के बाद अब पैकेज्ड और मिनिरल वॉटर निर्माताओं की मुश्किल बढ़ गई है।
दरअसल, उन्हें अब रिस्क बेस इंस्पेक्शन से गुजरना होगा जो हर साल होगा।
बोतल बंद पानी के नुकसान (side effect of plastic water bottle).
कुछ वक्त पहले ही प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज में एक रिसर्च प्रकाशित हुई थी।
इसके मुताबिक रोजाना बोतल बंद पानी पीना, जहर पीने के समान है और इससे सेहत पर बुरा असर पड़ता है।
क्या कहती है रिसर्च
प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज में पब्लिश हुई रिपोर्ट के अनुसार, 1 लीटर पानी वाली प्लास्टिक की बोतल में एक लाख से ज्यादा नैनो प्लास्टिक अणु मिले हैं।
यह अणु ब्लड फ्लो, कोशिकाओं और दिमाग में प्रवेश कर सकते हैं और हेल्थ पर बुरा असर डाल सकते हैं।
एक्सपर्ट्स के अनुसार, प्लास्टिक की बोतल के पानी में बिस्फेनॉल-ए (बीपीए) और फेथलेट्स जैसे रसायन होते हैं और जब यह बोतल का पानी धूप या गर्मी के संपर्क में आता है, तो यह रसायन पानी में घुल जाते हैं।
जब हम इस पानी का सेवन करते हैं तो शरीर को कई गंभीर नुकसान पहुंच सकते हैं, क्योंकि प्लास्टिक कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन और क्लोराइड से बना होता है।
प्लास्टिक की बोतल के नुकसान
हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ की रिसर्च के अनुसार, पॉली कार्बोनेट की बोतलें दिल के रोग और डायबिटीज के खतरे को कई गुना बढ़ा सकती हैं, क्योंकि इसमें केमिकल बिस्फेनॉल-ए पाया जाता है।
एक्सपर्ट्स के अनुसार, प्लास्टिक की बोतल से नियमित रूप से पानी पीने से प्रजनन क्षमता पर भी असर पड़ता है। इसका पानी हार्मोन इंबैलेंस कर सकते हैं और माइक्रो प्लास्टिक से दूषित पानी कोशिकाओं में सूजन को बढ़ा सकता है।
बोतल बंद पानी का नियमित रूप से सेवन करने से कैंसर जैसी बीमारी का खतरा भी बढ़ सकता है।