Ganpati Sthapana Muhurat: 7 सितंबर से पूरे देश में गणेश चतुर्थी पर्व की शुरुआत हो जाएगी।
हर जगह ये त्यौहार बेहद धूमधाम से मनाया जाता है।
लेकिन क्या आपको पता है कि इस बार गणपति स्थापना के लिए 3 मुहूर्त है।
जानें कब कब हैं मुहूर्त
गणेश चतुर्थी का पर्व हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से लेकर अगले 10 दिनों तक मनाया जाता है।
इस बार स्थापना के लिए 3 मुहूर्त होंगे
सुबह 07.36 – सुबह 09.10
दोपहर 11.03 – दोपहर 01.34
वैसे ये मुहूर्त काफी शुभ माना जा रहा है क्योंकि गणेशजी का जन्म दोपहर के समय ही हुआ था
इसके अलावा शाम 5 बजे से शाम 7:00 तक का मुहूर्त रहेगा
इस समय भूलकर भी न करें गणेशजी की स्थापना
राहुकाल में गणेशजी की मूर्ति स्थापना भूलकर भी न करें। राहुकाल में कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित है।
7 सितंबर शनिवार के दिन राहुकाल का समय सुबह 9 बजकर 10 मिनट से 10 बजकर 45 मिनट तक।
इस दिशा में ही करें गणेशजी की स्थापना
गणेशजी की स्थापना के लिए पूर्व दिशा या उत्तर पूर्व दिशा को बहुत ही शुभ माना गया है।
इसलिए इन दिशाओं में ही गणेशजी की मूर्ति की स्थापना करें।
गणेश चतुर्थी तिथि
चतुर्थी तिथि का आरंभ – 6 सितंबर, दोपहर 3 बजकर 1 मिनट से आरंभ
चतुर्थी तिथि का समापन – 7 सितंबर, शाम 5 बजकर 36 मिनट पर समापन
उदया तिथि के अनुसार 7 सितंबर, शनिवार को गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाएगा।
गणेश चतुर्थी पूजन सामग्री लिस्ट
भगवान गणेश के पूजन के लिए गणेशजी की प्रतिमा ले, ये मिट्टी, स्वर्ण, चांदी, पीतल आदि की हो सकती है।
सामग्री में हल्दी, कुमकुम, सुपारी, सिंदूर, गुलाल, लौंग, लाल रंग का वस्त्र, जनेऊ का जोड़ा, दूर्वा, कपूर, दीप, धूप, पंचामृत, मौली, फल, पंचमेवा, गंगाजल, कलश, फल, नारियल, लाल चंदन, मोदक हैं।
अष्टगंध, दही, शहद, गाय का घी, शक्कर, गणेशजी के लिए फूल की माला, केले के पत्ते, गुलाब जल, दीपक बाती, चांदी का सिक्का।
गणेशजी मूर्ति स्थापना की विधि
- सुबह जल्दी उठकर स्नान कर ले और मंदिर की पहले से ही अच्छे से साफ सफाई और साज सजावट करें।
- गणेशजी की मूर्ति की स्थापना से पहले मंडप बनाए। मंडप को फूलों से सजाए, लाल रंग के फूलों का प्रयोग करें।
- मंडप के पास ही कलश की स्थापना करें। इसके लिए एक कलश में गंगाजल, रोली, चावल, चांदी का सिक्का उसमें डाल दें।
- इसमें आम के पत्तों का पल्लव डालकर उसपर एक नारियल लाल कपड़े से बांधकर रख दें।
- मूर्ति की स्थापना से पहले गणेशजी की मूर्ति का पंचामृत से स्नान कराएं।
- फिर गणेशजी को वस्त्र अर्पित करें। उनका अच्छे से श्रृंगार करें। मूर्ति स्थापना के बाद तीन बार आचमन करें।
- गणेशजी को सबसे पहले जनेऊ, चंदन, सुपारी, फल और पीले और लाल रंग के फूल मिठाई अर्पित करें।
- साथ ही भगवान गणेशजी को 21 दूर्वा चढ़ाए। गणेशजी को कम से कम 21 मोदक का भोग जरूर लगाए।