Ganesh Chaturthi Chandrama Story: 7 सितंबर से पूरे देश में धूमधाम से गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जा रहा है।
इस दिन को लेकर लोगों में काफी उत्साह होता है
लेकिन क्या आपको पता है कि इस दिन चंद्रमा का दर्शन करने की मनाही होती है।
और अगर आपने गलती से भी ऐसा किया तो आप पर झूठा कलंक मतलब किसी तरह का गलत आरोप लग सकता है।
आइए जानते हैं इसकी पूरी कथा…
चंद्रदेव ने उड़ाया था गणेश जी का मजाक
पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बार भगवान गणेश अपने आसन यानी चूहे पर बैठकर अपना मनपसंद भोग खा रहे थे।
इस दौरान चंद्र देव वहां से गुजरे और भगवान गणेश को भोग खाता देख हंसने लग लगे
और तो और उन्होंने गणेश जी के पेट और सूंड का भी मजाक उड़ाया।
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गणेश जी ने दिया श्राप
इस पर भगवान गणेश को बहुत गुस्सा आया और उन्होंने चंद्र देव को शाप देते हुए कहा कि तुम्हें अपने रूप का बहुत घमंड है।
इसलिए मैं तुम्हें शाप देता हूं कि तुम अपना रूप खो दोगे. वहीं, तुम्हारी सारी कलाएं भी नष्ट हो जाएंगी। जो व्यक्ति तुम्हें देखेगा, उस पर भी कलंक (आरोप) लगेगा।
जिस दिन यह घटना हुई उस दिन भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी थी।
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चंद्र देव ने मांगी माफी
शाप मिलते ही चंद्रदेव दुखी हो गए और गणेशजी से क्षमा मांगने लगे।
फिर अन्य देवताओं के समझाने पर गणेशजी का क्रोध शांत हुआ और उन्होंने शाप का प्रभाव कम कर दिया और कहा कि,
अब से केवल भाद्र मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी पर चंद्रमा देखने वाले को कलंक लगेगा।
तब से गणेशजी का यह शाप चंद्रमा के साथ चला आ रहा है और चतुर्थी की रात चंद्र दर्शन निषेध होता है।
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श्रीकृष्ण पर भी लगा था झूठा कलंक
इस शाप का प्रभाव कितना शक्तिशाली है ये आप इस बात से भी समझ सकते हैं कि श्रीकृष्ण पर भी इस शाप की वजह से झूठा आरोप लगा था।
कथाओं के अनुसार, भगवान श्री कृष्ण पर भी स्यमंतक नाम की बहुमूल्य मणि की चोरी का आरोप लगा था।
क्योंकि उन्होंने भी कलंक चतुर्थी के दिन गलती से चंद्र देव के दर्शन कर किए थे।
हालांकि, बाद में सच्चाई सामने आ गई थी और श्रीकृष्ण दोषमुक्त हो गए।
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कलंक से बचने के लिए करें ये उपाय
1. धार्मिक मान्यता है कोई भी कार्य ईश्वर की मर्जी के बिना नहीं होता है। गणेश चतुर्थी के रोज गलती से चांद दिखने के पीछे भी गणेशजी की ही कोई लीला होगी। इस लीला को सही भी वही करेंगे। इसलिए यदि ऐसी गलती हो जाए तो गणेश जी का व्रत रखें।
2. हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार दान-पुण्य करें, जरूरतमंदों और गरीबों की मदद करें। इससे गणेश जी प्रसन्न होंगे और आप पर मिथ्या कलंक नहीं लगेगा।
3. गणेश चतुर्थी के रोज गलती से चांद दिख जाए तो ‘सिंह: प्रसेनमवधीत्सिंहो जाम्बवता हत:। सुकुमारक मारोदीस्तव ह्येष स्यमन्तकर:॥’ मंत्र का जाप करें।
मान्यता है कि इस मंत्र के जाप से चंद्रदर्शन का दोष समाप्त हो जाता है।
4. जाम्बवंत, भगवान श्रीकृष्ण और स्यमंतक मणि की कथा सुनें या इसका पाठ करें।
5. गणेश चतुर्थी के रोज गलती से चांद दिखने पर उसी समय यानी तत्काल किसी फल, जैसे केला, अनार, नाशपाती, सेब आदि गणेश जी की पूजा करें।
5 प्रकार के फल से पूजा करना और भी प्रभावशाली उपाय माना गया है।
6. गलती से चांद दिखने पर गणेश की पूजा के बाद, चंद्रमा को दिखाते हुए किसी गरीब या ज़रूरतमंद व्यक्ति को फल और सोना-चांदी का दान करें।
7. एक बार गलती से चौथ का चांद दिखने से हर माह की द्वितीया तिथि के दिन चांद देखने व्यक्ति पर झूठे आरोप नहीं लगते हैं।
8. गणेश चतुर्थी के रोज गलती से चांद दिखने पर 27 बुधवार गणेश मंदिर जाएं और उनकी पूजा-अर्चना करें।
9. चांद दिख जानें पर उसी रोज गणेश चतुर्थी पूजन करें और भगवान गणेश को दूर्वा की 21 गांठ चढ़ाएं। इसे सर्वोत्तम उपाय माना गया है।
10. इसके अलावा कलंक से मुक्ति पाने के लिए गणेश चतुर्थी के दिन व्रत भी करना चाहिए।
11. इसके अलावा जो व्यक्ति नियमित रूप से पूरे भाद्रमास में चंद्रमा के दर्शन करता है उसको भी यह दोष नहीं लगता है।
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