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गणेश चतुर्थी पर बने कई दुर्लभ संयोग, इतने घंटे तक रहेगा गणपति स्थापना का शुभ मुहूर्त

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

गणेश चतुर्थी 2025: साल 2025 का गणेशोत्सव भक्तों के लिए एक दुर्लभ और विशेष संयोग लेकर आ रहा है।

इस साल गणेश चतुर्थी 27 अगस्त, बुधवार को पड़ रही है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, बुधवार का दिन स्वयं भगवान गणेश को समर्पित माना जाता है।

ऐसे में गणेश उत्सव की शुरुआत इसी दिन होना एक अत्यंत शुभ संयोग बन रहा है।

ऐसा दुर्लभ योग पिछले तीन साल में नहीं बना था। आखिरी बार यह संयोग साल 2022 में ही बना था।

क्या है शुभ मुहूर्त?

पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 26 अगस्त की दोपहर 1:54 बजे से शुरू होकर 27 अगस्त की दोपहर 3:44 बजे तक रहेगी।

चूंकि चतुर्थी तिथि 27 अगस्त को दिन के समय प्रबल है, इसलिए पूरे देश में मुख्य पूजन और गणपति की प्रतिष्ठा इसी दिन की जाएगी।

गणेश स्थापना का सबसे शुभ मुहूर्त 27 अगस्त की सुबह 11:10 बजे से दोपहर 1:45 बजे तक रहेगा।

मान्यता है कि भगवान गणेश का जन्म भी दोपहर में हुआ था, इसलिए इस समय स्थापना करना सर्वोत्तम माना जाता है।

क्यों है इस बार का पर्व इतना खास?

इस बार गणेश चतुर्थी के दिन कई शुभ योग बन रहे हैं।

इस दिन रवि, स्वार्थ सिद्धि और लक्ष्मी नारायण जैसे शुभ योगों का संयोग है।

ज्योतिषियों के मत में इन शुभ योगों पर गणेशजी का पूजन करने से धन, नौकरी और व्यापार में विशेष लाभ मिलता है और परिवार में खुशहाली आती है।

बुधवार को पूजन के क्या हैं फायदे?

भगवान गणेश को बुध ग्रह का स्वामी माना जाता है। इसलिए बुधवार को उनकी पूजा करने से बुध दोष शांत होता है।

इससे व्यक्ति की निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है और व्यापार-व्यवसाय में सफलता मिलती है।

विद्यार्थियों को पढ़ाई में सफलता प्राप्त होती है।

मान्यता है कि इस दिन 21 दूर्वा और मोदक अर्पित करने से भगवान गणेश की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

इस प्रकार, साल 2025 का गणेशोत्सव न केवल धार्मिक उत्साह, बल्कि ज्योतिषीय दृष्टि से भी एक अत्यंत शुभ और फलदाई अवसर साबित होने जा रहा है।

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