Ganesh Chaturthi Bhog: गणेश चतुर्थी का पावन पर्व हर साल भक्ति और उल्लास के साथ मनाया जाता है।
इस साल 2025 में यह पर्व 27 अगस्त, बुधवार को मनाया जा रहा है।
इस दिन घर-घर में विघ्नहर्ता गणपति बप्पा की स्थापना की जाती है और उन्हें उनके प्रिय भोग अर्पित किए जाते हैं।
इस आर्टिकल में हम जानेंगे मोदक से मोतीचूर तक बप्पा के 10 पसंदीदा भोग के बारे में,
साथ ही बताएंगे भोग बनाने से जुड़ी सारी जानकारी…
बप्पा को लगाएं ये विशेष भोग, हर संकट होगा दूर
मोदक और लड्डू के अलावा भी भगवान गणेश को कई और चीजें बेहद पसंद हैं।
इन्हें भोग में शामिल करने से जीवन के हर संकट दूर होते हैं और समृद्धि आती है।
- मोदक: ये गणेश जी का सबसे प्रिय भोग माना जाता है। यह छोटा, गोल आकार का मीठा पकवान होता है जो चावल के आटे या मैदे से बनाया जाता है। इसके अंदर नारियल, गुड़ और सूखे मेवों की मीठी भरावन होती है। इसे घी में तला या भाप में पकाया जाता है।
- मोतीचूर लड्डू: छोटे-छोटे बूंदी से बने लड्डू बप्पा को बहुत प्रिय हैं। ये लड्डू खासकर गणेश चतुर्थी के अवसर पर अर्पित किए जाते हैं।
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पूरन पोली: महाराष्ट्र में इसका विशेष स्थान है। यह मीठी रोटी चने की दाल, गुड़ और मसालों से बनाई जाती है। इसे घी लगाकर चढ़ाने से घर में शांति और खुशहाली आती है।
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खीर: मीठे के प्रेमी बप्पा को चावल या साबूदाने की खीर बहुत पसंद है। इसे चढ़ाने से परिवार में सुख, सौहार्द और प्रसन्नता बनी रहती है।
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पंचामृत / श्रीखंड: दूध, दही, घी, शहद और चीनी से बना पंचामृत या फिर दही और केसर से बना श्रीखंड गणपति जी को बहुत पसंद है। यह भोग स्वास्थ्य और सुख का प्रतीक है।
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केला: गणेश जी को केला बहुत प्रिय है। बंगाली परंपरा में उनका विवाह केले से माना जाता है।
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मालपुआ: गणपति का एक दांत टूटा होने के कारण उन्हें नरम मालपुआ खाने में आसानी होती है। इसे चढ़ाने से अशुभता दूर होती है।
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पंचमेवा: गणेश जी को पंचमेवा भी पसंद है। मान्यता है कि इससे ग्रहों के बुरे प्रभाव दूर होते हैं और जीवन की बाधाएं हटती हैं।
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गुड़: गुड़ एक पारंपरिक और शुद्ध भोग है जो बप्पा को अति प्रिय है।
- दूर्वा घास या दूब: 21 गांठों वाली दूर्वा घास गणपति को अर्पित करना बेहद शुभ माना जाता है।

मोदक vs मोतीचूर लड्डू: क्या है पौराणिक मान्यता?
दरअसल, भगवान गणेश को दोनों ही चीजें अत्यंत प्रिय हैं। लेकिन इनके पीछे की मान्यता थोड़ी अलग है।
मोदक: बप्पा का सबसे प्रिय भोग
‘मोदक’ शब्द संस्कृत के ‘मोद’ शब्द से बना है, जिसका अर्थ है ‘खुशी’।
ऐसा कहा जाता है कि गणेश जी को 21 मोदक चढ़ाने से घर-परिवार में कभी भी धन और अन्न की कमी नहीं होती।
मोदक का आकार गजानन के पेट जैसा माना जाता है, जो ज्ञान और समृद्धि का भंडार है।
मोतीचूर के लड्डू: मनोकामना पूरी करने वाला प्रसाद
मान्यता है कि मोतीचूर के लड्डू चढ़ाने से भगवान गणेश सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं और घर में सुख-समृद्धि बढ़ती है।
कई मंदिरों में और घरों में लड्डूओं का भोग लगाने की परंपरा है और यही प्रसाद के रूप में बांटा भी जाता है।
कुलमिलाकर दोनों ही भोग बप्पा को बेहद प्रिय हैं।
अगर आप पूरी पारंपरिक विधि से पूजा कर रहे हैं तो मोदक को प्राथमिकता दी जाती है।
लेकिन अगर आपके लिए मोदक बनाना मुश्किल है, तो पूरी श्रद्धा से मोतीचूर के लड्डू भी अर्पित कर सकते हैं।
बप्पा की कृपा दोनों पर समान रूप से बरसती है।

गणेश भोग लगाते समय इन बातों का रखें विशेष ध्यान: क्या करें और क्या न करें
भोग लगाने की विधि भी उतनी ही महत्वपूर्ण है जितना कि भोग itself। श्रद्धा के साथ-साथ शुद्धता का विशेष ख्याल रखना जरूरी है।
क्या करें (Do’s):
- शुद्धता बनाए रखें: भोग बनाने और चढ़ाने से पहले स्नान करके साफ वस्त्र पहनें।
- ताज़ी सामग्री: भोग बनाने के लिए हमेशा ताजे फल, अनाज, और सब्जियों का ही इस्तेमाल करें।
- सात्विक भोजन बनाएं: प्याज, लहसुन और मांसाहारी चीजों से पूरी तरह परहेज करें।
- घर का बना प्रसाद: बाहर से खरीदने के बजाय घर पर ही मोदक, लड्डू, पंचामृत आदि बनाना ज्यादा शुभ माना जाता है।
- भोग को ढककर रखें: भोग लगाने से पहले इसे धूल, मक्खियों आदि से बचाकर रखें।
- पहले भोग, फिर प्रसाद: सबसे पहले भगवान को भोग लगाएं, उसके बाद ही परिवार और मेहमानों को प्रसाद बांटें।
क्या न करें (Don’ts):
- बासी भोजन वर्जित: गणपति को कभी भी बासी या अधपका भोजन न चढ़ाएं।
- लहसुन-प्याज है वर्जित: तामसिक माने जाने वाली इन चीजों से बने व्यंजन भगवान को अर्पित नहीं किए जाते।
- दिखावे से बचें: भोग केवल दिखावे के लिए न लगाएं, बल्कि पूरे मन और सच्ची श्रद्धा से अर्पित करें।
- लोभ-लालच न रखें: भोग लगाते समय मन में किसी तरह का लालच या बुरा विचार नहीं होना चाहिए।
इस गणेश चतुर्थी पर, चाहे आप मोदक चढ़ाएं या मोतीचूर के लड्डू, महत्वपूर्ण है आपकी श्रद्धा और पवित्र भावना।
बप्पा भक्ति भाव से चढ़ाए गए हर भोग को स्वीकार करते हैं और अपने भक्तों पर सुख, शांति और समृद्धि का आशीर्वाद बरसाते हैं।
अगले 10 दिनों तक बप्पा को उनके ये पसंदीदा भोग लगाकर उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं, जिससे आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी।
गणेश चतुर्थी 2025 की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं!
गणपति बप्पा मोरया!
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