Guru Pushya October 2024 : ज्योतिष शास्त्र मे कुल 27 नक्षत्रो के क्रम मे 8वां नक्षत्र पुष्य नक्षत्र आता हैं, यही पुष्य नक्षत्र जब रविबार के दिन आता हैं, तों रविपुष्य योग का निर्माण होता हैं।
इसी प्रकार पुष्य नक्षत्र यदि गुरुवार के दिन आता हैं तों गुरु–पुष्य योग का निर्माण करता हैं, इस संयोग को गुरु पुष्य नक्षत्र योग अथवा गुरु पुष्य अमृत योग के नाम से भी जाना जाता हैं।
गुरु पुष्य नक्षत्र संयोग के राजा देव गुरु वृहस्पति होते हैं, तथा गुरु पुष्य नक्षत्र के मंत्री न्यायप्रिय शनि होते हैं|
देव गुरु वृहस्पति का जन्म भी पुष्य नक्षत्र में ही हुआ हैं, इसकी राशि कर्क है, जिसके स्वामी चंद्रमा हैं। इसका प्रतीक गाय का थन है। यह बेहद शुभ और कल्याणकारी नक्षत्र माना जाता है,
आइए इस महत्वपूर्ण गुरु पुष्य योग के बारे मे और अधिक विस्तृत रूप से जानते हैं :-
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार वर्ष 2024 में धनतेरस और दिवाली के पहले आने वाला पुष्य नक्षत्र बहुत ही खास और शुभ माना जाता है।
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार इस वर्ष 24 अक्टूबर, दिन गुरुवार को गुरु-पुष्य नक्षत्र बेहद शुभ संयोग बन रहा है, जो कि कार्तिक माह में पड़ता है।
ज्योतिष के अनुसार ऐसा विलक्षण संयोग आज से करीब 752 वर्ष पूर्व निर्मित हुआ था, इसलिए इस 24 अक्टूबर 2024 वार गुरूवार को गुरु पुष्य योग के साथ महालक्ष्मी योग, अमुत सिद्धि योग, पारिजात योग, बुधादित्य योग और पर्वत योग जैसे विशेष महत्व वाले योगो का निर्माण हों रहा हैं।
बृहस्पति को शुभता, ज्ञान और बुद्धिमत्ता का प्रतीक माना जाता है। वहीं शनि स्थिरता के कारक हैं।
इसी कारण इन दोनों के प्रभाव से पुष्य नक्षत्र शुभ और चिरस्थायी हो जाता है।
इस दिन शुरू किया गया काम बहुत ही शुभ माना जाता है, जो लंबे समय तक टिका रहता है।
गुरु पुष्य योग को बहुत ही शुभ मुहूर्त माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गुरु पुष्य योग में सोना, चांदी, रत्न और आभूषण खरीदना शुभ माना जाता है।
ऐसा माना जाता है कि सोने को शुद्ध, पवित्र और अक्षय धातु के रूप में माना जाता है, ऐसे में सोना खरीदने से जीवन में सुख-समृद्धि में स्थिरता बनी रहती है।
साथ ही इस योग में जमीन-जायदाद, घर, वाहन खरीदना भी शुभ माना जाता है।
गुरु पुष्य योग में खरीदी गई चीजें अक्षय मानी जाती हैं। इस कारण गुरु पुष्य योग को खरीदारी के लिए सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है।
इस नक्षत्र को चंद्रमा और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त है। बृहस्पति और शनि के प्रभाव, चंद्रमा और मां लक्ष्मी के आशीर्वाद से इस नक्षत्र में किए गए हर काम में सफलता मिलती है और स्थायी उन्नति होती है।
विशेष रूप से खरीदारी के लिए यह नक्षत्र बेहद शुभ होता है।
अक्टूबर 2024 में गुरु पुष्य के योग कौन से है :
– 24 अक्टूबर को पूरे दिन पुष्य नक्षत्र रहने वाला है।
– पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का अतिशुभ संयोग बना है।
– अमृत सिद्धि योग भी इस समय पूरे दिन रहेगा।
गुरु पुष्य योग मुहूर्त (Guru Pushya Yog Muhurt)
24 अक्टूबर को सुबह 11.38 बजे से 25 अक्टूबर को दोपहर 12.35 बजे तक पुष्य नक्षत्र का योग रहेगा।
इस दिन सोना खरीदने का विशेष महत्व है। इस योग का फल स्थायी और अक्षय होता है।
इसके प्रभाव से लंबे समय तक काम में सकारात्मक फल मिलता है। आइये जानते हैं इस दिन खरीदारी का मुहूर्त क्या है।
गुरु पुष्य नक्षत्र खरीदारी मुहूर्त (Kharidari Muhurt)
सोने–चांदी के आभूषण और वाहन खरीदने का मुहूर्त सुबह 11.43 से दोपहर 12.28 तक
लाभ चौघड़ियां: दोपहर 12.05 से दोपहर 01.29 तक
शुभ चौघड़ियां: शाम 04.18 से 05. 42 मिनट तक
(नोटः दृक पंचांग में गुरु पुष्य योग का समय 24 अक्टूबर को सुबह 6.38 बजे से 25 अक्टूबर 6.38 बजे तक बताया गया है। इसके अलावा कुछ कैलेंडर में इसका समय 06:15 से अगले दिन 25 अक्टूबर को प्रात: 07:40 बजे तक भी बताया गया है।)
शुभ काम के लिए मुहूर्त (Auspicious Work Time)
शुभ कार्य के लिए 24 अक्टूबर को दोपहर 12 बजे से 1:30 बजे और शाम 4:30 से रात 9 बजे तक सबसे अच्छा योग बन रहा है।
24 अक्टूबर को दिनभर सर्वार्थ सिद्धि के साथ अमृतसिद्धि योग शुभता प्रदान करेगा।
गुरु पुष्य योग में क्या खरीदें
पुष्य नक्षत्र में शुभ के लिए खरीदारी की परंपरा है। इसलिए पुष्य नक्षत्र में चल-अचल संपत्ति जैसे सोने, चांदी के आभूषण, सिक्के, महालक्ष्मी की प्रतिमा, इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिकल्स, कपड़ा, बर्तन, फर्नीचर, मशीनरी, बाइक-कार, उद्योग के लिए जमीन, प्लॉट की खरीदी सबसे ज्यादा शुभ मानी गई है।
इस दिन दीपावाली की साज-सज्जा की चीजें भी खरीद सकते हैं। साथ ही पुष्य नक्षत्र निवेश के लिए भी सबसे शुभ होता है। इस समय कोई नया काम शुरू करने पर अक्षय फल मिलता है।
गुरु–पुष्य नक्षत्र के दिन क्या–क्या करें :
- नए व्यापार की शुरुआत गुरु पुष्य नक्षत्र के दिन करना सर्वश्रेष्ठ माना गया है।
- गुरु पुष्य के दिन श्री विष्णु तथा माता लक्ष्मी का पूजन करने तथा श्रीयंत्र खरीदने से भी समृद्धि आती है।
- यदि तंत्र-मंत्र की सिद्धि करना चाहते हैं तो गुरु पुष्य नक्षत्र का दिन शुभ है, इसमें निश्चित सफलता मिलती है।
- इस दिन छोटे शिशुओं का उपनयन संस्कार करना उचित रहता है।
- गाय को गुरु पुष्य नक्षत्र के दिन गुड़ खिलाने से आर्थिक लाभ होता है।
- अगर किसी के जन्म कुंडली में गुरु दोष हो तो, गुरु पुष्य नक्षत्र का दिन गुरु दोष के दुष्प्रभाव को दूर करने के लिए सबसे उत्तम माना गया है।
- गुरु पुष्य नक्षत्र के दिन भूमि/जमीन/प्लॉट, घर/भवन और दुपहिया तथा चारपहिया वाहन खरीदना शुभ माना गया है।
- इस दिन अपनी दुकान में दक्षिणावर्ती शंख रखने से व्यापार में निरंतर बढ़ोत्तरी होती है, तथा धनागमन का रास्ता खुलता है।
- गुरु पुष्य नक्षत्र पर चांदी का एक चौकोर टुकड़ा खरीद लें और उसका पूजन करने से चल रहा आर्थिक संकट दूर होता है।
- गुरु पुष्य नक्षत्र के दिन छोटे बच्चों को विद्याभ्यास के लिए गुरुकुल में भेजना चाहिए।
- गुरु पुष्य नक्षत्र के दिन सोने के छोटे या बड़े आभूषण खरीदने से घर में समृद्धि बनी रहती है।
पुष्य नक्षत्र में इनकी खरीदी का स्थायी लाभ
अचल संपत्तिः मकान, प्लॉट, फ्लैट, कृषि भूमि और व्यावसायिक संपत्ति।
चल संपत्तिः आभूषणों में सोना, चांदी, हीरा, प्लेटिनम के आभूषण।
ऑटोमोबाइलः चार पहिया वाहन, दोपहिया वाहन, इलेक्ट्रिक दोपहिया-चार पहिया वाहन।
इलेक्ट्रॉनिक सामानः मोबाइल, टैब, फ्रिज, टीवी, वॉशिंग मशीन, लैपटॉप, माइक्रोवेव ओवन आदि।
गुरु पुष्य नक्षत्र योग में राशि अनुसार क्या खरीदें
गुरु पुष्य नक्षत्र योग के मंगलकारी होने की वजह से गुरु पुष्य अमृत योग के नाम से भी जानते हैं। इस दिन यदि राशि के अनुसार खरीदारी की जाय तो और भी शुभ फल मिलते हैं।
इस योग की महत्ता को देखते हुए मिनी धनतेरस भी कहते हैं। बिजनेस के बड़े सौदों के लिए भी यह दिन फायदेमंद रहेगा। आइये जानते हैं इस दिन राशि अनुसार क्या खरीदें
- मेष : भूमि, वाहन खरीदना शुभ।
- वृषभ : आभूषण और वस्त्र खरीदें, धन में वृद्धि होगी।
- मिथुन : व्यापारिक सौदे, शेयर बाजार और निवेश करें।
- कर्क : घर की सजावट और प्रॉपर्टी में निवेश करें।
- सिंह : इलेक्ट्रॉनिक्स और सोने-चांदी के आभूषण लाभकारी होंगे।
- कन्या : घर या प्रॉपर्टी खरीदने के लिए समय शुभ है।
- तुला : व्यापार में निवेश और अन्य वस्तुओं की खरीदारी करें।
- वृश्चिक : वाहन या शेयर खरीदें।
- धनु : भूमि, वाहन और सोने के आभूषणों की खरीदारी करें।
- मकर : प्रॉपर्टी निवेश, व्यवसायिक विस्तार के लिए उत्तम समय है।
- कुम्भ : इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और वाहन, व्यवसाय में निवेश करें।
- मीन : सोने-चांदी की खरीदी, नए व्यवसाय की शुरुआत लाभकारी।
गुरु पुष्य नक्षत्र में क्या ना खरीदें
- गुरु पुष्य योग में सुई या कोई धारदार वस्तुएं न खरीदें।
- पुरानी या सेकंड हैंड वस्तुएं न खरीदें और न ही काले कपड़े खरीदें।
- गुरु पुष्य योग में चमड़े की वस्तु न खरीदें।
- मिक्सर जैसी वस्तुओं से भी दूर रहें।
- जूते, चप्पल, सैंडल आदि भी न खरीदें, प्लास्टिक या कांच की वस्तुएं खरीदने से भी बचें।
- नकली सजावटी सामान भी न खरीदें।
- बाथरूम या टॉयलेट संबंधी सामान भी नहीं खरीदना चाहिए।
- बर्तन को खाली घर न ले जाएं, उसमें खाने की कोई वस्तु रख लें।
बड़े व्यापारिक सौदों और शेयर बाजार पर गुरु पुष्य नक्षत्र का प्रभाव
बिजनेस के बड़े सौदों के लिए भी 24 अक्टूबर गुरु पुष्य योग फायदेमंद रहेगा। पुष्य नक्षत्र के स्वामी शनि और इसके देवता बृहस्पति होते हैं। ये दोनों ग्रह वर्तमान में अच्छी स्थिति में है।
पुष्य नक्षत्र पर कर्क राशि में मंगल और चंद्र साथ आ रहे हैं। इन ग्रहों के प्रभाव से सोना-चांदी, मशीनरी और रियल एस्टेट में बड़े निवेश होने की उम्मीद है।
इस शुभ योग में किए गए इंवेस्टमेंट से आने वाले दिनों में बड़ा फायदा होने की संभावना है।
ग्रह-स्थिति के मुताबिक शेयर मार्केट में गिरावट होने की आशंका है। ऐसे समय में गुरु पुष्य योग में किया गया निवेश आने वाले दिनों में बड़ा फायदा दे सकता है।
पुष्य नक्षत्र में किए गए काम दोषमुक्त होते हैं और जल्दी ही सफल हो जाते हैं। पुष्य अंध नक्षत्र भी है। इस नक्षत्र में खोई हुई चीज जल्दी मिल भी जाती है।
इसे अमरेज्य भी कहा जाता है, यानी वो नक्षत्र जो जीवन में स्थिरता और अमरता लाता है। इस दौरान लंबे समय तक चलने वाले स्थायी काम करने चाहिए।
साथ ही लक्ष्मीनारायण, सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि योग छोटी से बड़ी हर तरह की खरीदी के लिए इस समय को शुभ और फलदायी बना रहा है। दीपावली से पहले आने से इसका और महत्व बढ़ गया है।
Disclaimer: यह लेख और सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।
यहां यह बताना जरूरी है कि लेखक एवं चौथा खम्भा एन्टरटेनमेंट एंड मीडिया प्राइवेट लिमिटेड किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।
किसी भी जानकारी या मान्यता को व्यवहार में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लेंकर ही अपनाए एवं पाठक अपनी स्वयं की जिम्मेदारी पर ही व्यवहार में लाये।
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