Hariyali Amavasya : भगवान शिव को समर्पित सावन के महीने की सभी तिथियों का विशेष महत्व होता है।
ऐसी ही एक तिथि है श्रावण माह की अमावस्या। जिसे हरियाली अमावस्या भी कहा जाता है।
हरियाली अमावस्या का धार्मिक महत्व अनेक पुराणों और शास्त्रों में वर्णित है। यह दिन पर्यावरण संरक्षण और धार्मिक क्रियाओं का प्रतीक है।
आईए जानतें हैं हरियाली अमावस्या की पूजा विधि और स्नान-दान के शुभ मुहूर्त के बारे में
हरियाली अमावस्या : स्नान-दान का शुभ मुहूर्त
सावन अमावस्या तिथि 3 अगस्त 2024 को दोपहर 3 बजकर 53 मिनट पर शुरू होगी और 4 अगस्त 2024 को शाम 4 बजकर 45 मिनट पर समाप्त होगी।
इसीलिए इस साल सावन अमावस्या 4 अगस्त 2024 को मनाई जाएगी।
स्नान-दान के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 4 बजकर 20 मिनट से सुबह 5 बजकर 20 मिनट तक है।
अभिजित मुहूर्त दोपहर 12 बजे से दोपहर 12 बजकर 54 मिनट तक है।
अमृत काल मुहूर्त सुबह 6 बजकर 39 मिनट से सुबह 8 बजकर 21 मिनट तक रहेगा।
हरियाली अमावस्या भारतीय परंपराओं में महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखती है।
इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा होती है। साथ ही पौधरोपण कर प्रकृति संरक्षण को प्रोत्साहित किया जाता है।
हरियाली अमावस्या पर जलाए पितरों के लिए दीपक
वैसे तो हर माह की अमावस्या तिथि पितरों को समर्पित है। लेकिन शास्त्रों में सावन मास की अमावस्या तिथि का महत्व अधिक बताया गया है।
इस तिथि पर हरिद्वार, नासिक, गया, उज्जैन जैसे पौराणिक महत्व वाले तीर्थों की नदियों में स्नान और दान करने पर जन्मों-जन्मांतर के पाप धुल जाते हैं और सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है।
पूर्वजों के अलावा देवता, ऋषियों का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है।
वहीं हरियाली अमावस्या पर पितरों के लिए धूप-ध्यान, तर्पण, पिंडदान और दान-पुण्य के अलावा पौधारोपण भी करना चाहिए, इससे जीवन में खुशहाली आती है।
4 अगस्त को 07 बजकर 10 मिनट पर सूर्यास्त होगा और उसके बाद जब अंधेरा होने लगे तो आप अपने पितरों के लिए दीपक जलाएं।
ऐसे मिलेगा महादेव को आशीर्वाद
सावन अमावस्या पर देवों का देव महादेव का रुद्राभिषेक करना चाहिए। बिल्व पत्र, हार-फूल, अकवन का फूल, धतूरा से उनका श्रृंगार करें।
ऐसा करने पर व्यक्ति को मोक्ष का रास्ता आसान हो जाता है।
वहीं सावन अमावस्या के दिन घी के दीपक में केसर और लौंग के 2 दाने डालकर जलाने से माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने और आर्थिक तंगी दूर करने में मदद मिलती है।
इस दिन तुलसी में घी का दीपक लगाकर विष्णु जी के मंत्रों का जाप करने से भी लाभ मिलता है।
हरियाली अमावस्या पर क्या करें
- हरियाली अमावस्या पर पौधे लगाएं इससे ग्रह दोष दूर होते हैं और पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।
- इस दिन घर के प्रत्येक कोने की सफाई और पूजा से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- हरियाली अमावस्या को पितरों की पूजा और तर्पण करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है।
- इस दिन व्रत रखकर उपवासी रहना और भगवान की पूजा करना धार्मिक परंपरा का हिस्सा है। व्रत के दौरान फल-फूल, दूध और हल्के भोजन का सेवन किया जाता है।
- हरियाली अमावस्या के दिन दान करने से पुण्य प्राप्त होता है। इस दिन खासकर तिल, मूंग दाल और हरी वस्तुएं दान करने की परंपरा है।
हरियाली अमावस्या पर क्या ना करें
- हरियाली अमावस्या के दिन मांसाहार और शराब का सेवन करना निषिद्ध है नहीं तो पुण्य प्राप्ति में बाधा आती है।
- इस दिन झगड़े और विवादों से बचना चाहिए। धार्मिक दृष्टि से इस दिन शांति और सामंजस्य बनाए रखना महत्वपूर्ण है।
- हरियाली अमावस्या के दिन कठिन कार्यों और लंबी यात्रा से बचना चाहिए। यह दिन विश्राम और पूजा के लिए होता है।
- इस दिन आपको पेड़-पौधों को हानि ना पहुंचाए। यदि आप ऐसा करते हैं, तो ग्रह दोष या पितृ दोष का भागी बन सकते हैं।
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