HMPV Virus In India: चीन में फैले कोरोना वायरस जैसे HMPV (Human Metapneumovirus) का खतरा भारत में बढ़ता जा रहा है।
देश में इसका तीसरा केस गुजरात से सामने आया है। अहमदाबाद में 2 महीने का बच्चा HMPV पॉजिटिव मिला है।
इससे पहले कर्नाटक में HMPV वायरस के दो केस मिल चुके हैं।
3 महीने की बच्ची और 8 महीने के बच्चे में इस संक्रमण की पुष्टि हुई थी।
इसके बाद लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि क्या चीन से फैला यह वायरस कोरोना की तरह पूरी दुनिया में फैल सकता है?
क्या इस बीमारी का कोई इलाज या वैक्सीन है?
HMPV वायरस कैसे फैलता है और इसके लक्षण क्या हैं?
जानेंगे HMPV वायरस और इससे जुड़े सभी सवालों के बारे में-
चीनी वायरस HMPV का भारत में तीसरा केस
चीन में फैले कोरोना जैसे वायरस HMPV का तीसरा केस गुजरात में मिल है।
अहमदाबाद में 2 महीने का बच्चा इससे संक्रमित पाया गया।
इससे पहले सोमवार को ही कर्नाटक में 3 महीने की बच्ची और 8 महीने के बच्चे में यही वायरस मिला था।
कर्नाटक के दोनों केस के बारे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया था कि बच्चे रुटीन जांच के लिए अस्पताल पहुंचे थे।
टेस्ट कराने पर उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई।
हालांकि, कर्नाटक के स्वास्थ्य विभाग ने साफ किया कि बच्चों के सैंपल निजी अस्पताल में जांचे गए और उन्होंने सरकारी लैब में जांच नहीं कराई।
वहीं गुजरात के ऑरेंज हॉस्पिटल के डॉ. नीरव पटेल ने कहा कि अहमदाबाद में दो महीने के बच्चे की तबीयत खराब होने पर 15 दिन पहले उसे हॉस्पिटल में एडमिट करवाया गया था।
बच्चे को सर्दी और तेज बुखार था, शुरुआत में उसे पांच दिनों तक वेंटिलेटर पर भी रखा गया था।
इसके बाद हुई कई जांचों में बच्चे के वायरस से संक्रमित होने की बात सामने आई।
HMPV से छोटे बच्चों को सबसे ज्यादा खतरा
HMPV वायरस का सबसे ज्यादा असर छोटे बच्चों पर देखा जा रहा है।
इनमें 2 साल से कम उम्र के बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।
इससे संक्रमित होने पर मरीजों में कोविड-19 जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
चीन में HMPV के बढ़ते मामलों के बीच इमरजेंसी जैसे हालात बनने की बात कही गई है।
चीन के पड़ोसी देशों ने WHO से इस बारे में सही अपडेट जारी करने की मांग की है।
लेकिन, अब तक विश्व स्वास्थ्य संगठन ने HMPV वायरस को लेकर कोई अपडेट जारी नहीं किया है।
वहीं भारत सरकार ने 4 जनवरी को जॉइंट मॉनीटरिंग ग्रुप की बैठक की थी।
सरकार का कहना है कि देश सांस से जुड़ी बीमारियों के मामलों में किसी भी बढ़त से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।
चीन में फ्लू के बढ़ते मामलों की वजह RSV और HMPV इस मौसम में इन्फ्लुएंजा के सामान्य वायरस हैं।
भारत में ICMR और IDSP के जरिए इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (ILI) और इन्फ्लूएंजा के लिए गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी (SARI) के लिए मजबूत निगरानी सिस्टम मौजूद है।
दोनों एजेंसियों के आंकड़ों से पता चलता है कि ILI और SARI मामलों में कोई असामान्य बढ़त नहीं हुई है।
हालांकि, यह भी कहा गया कि एहतियात के तौर पर ICMR, HMPV की टेस्टिंग करने वाली लैब की संख्या बढ़ाएगा और पूरे साल इसके मामलों पर नजर रखेगा।
HMPV वायरस क्या और कैसे फैलता है?
HMPV एक RNA वायरस है, जो आमतौर पर सर्दी जैसे लक्षण पैदा करता है।
इसका जोखिम ठंड के मौसम में ज्यादा होता है।
HMPV वायरस खांसने और छींकने से फैलता है।
यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है।
संक्रमित व्यक्ति से हाथ मिलाने, वायरस से संक्रमित किसी वस्तु को छूने से भी यह फैल सकता है।
इसके लक्षण संक्रमित होने के बाद 3 से 5 दिनों में दिखने लगते हैं।
इसका सबसे कॉमन लक्षण खांसी और बुखार है।
शुरुआत में इसके लक्षण सामान्य वायरल जैसे ही दिखते हैं।
लेकिन, वायरस का असर अगर ज्यादा है तो निमोनिया और ब्रोंकाइटिस होने का खतरा भी हो सकता है।
HMPV वायरस के लक्षण
- खांसी
- बुखार
- नाक बहना
- गला खराब होना
- घरघराहट
- सांस की तकलीफ
- रैशेज
क्या कोरोना की तरह HMPV भी पूरी दुनिया में फैलेगा
HMPV यह कोई नया वायरस नहीं है, इसे कम-से-कम 50 साल पुराना वायरस माना जाता है।
सबसे पहले नीदरलैंड में साल 2001 में इसका पता लगाया गया था।
पिछले साल भी चीन में इसके फैलने की खबर आई थी।
साल 2023 में नीदरलैंड, ब्रिटेन, फिनलैंड, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और अमेरिका जैसे देशों में भी इस वायरस का पता चला था।
इस वायरस का अभी तक कोई ऐसा वैरिएंट देखने को नहीं मिला है, जो कोरोना की तरह विस्फोटक अंदाज में फैलता है।
सबसे जरुरी बात HMPV वायरस (Paramyxoviridae Family) और कोरोना वायरस (Coronaviridae Family) दोनों अलग फैमिली का हिस्सा हैं।
इसके बावजूद इनमें कई चीजें मेल खाती हैं, जैसे दोनों वायरस मुख्य रूप से श्वसन तंत्र को प्रभावित करते हैं।
दोनों वायरस के लक्षण एक जैसे हैं और इनसे सबसे अधिक खतरा बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को होता है।
वहीं दोनों ही वायरस में बचाव के लिए हाथ साफ रखना, मास्क पहनना और सोशल डिस्टेंसिंग महत्वपूर्ण उपाय हैं।
क्या इस बीमारी का कोई इलाज या वैक्सीन है?
HMPV वायरस के लिए अभी तक कोई एंटीवायरल दवा नहीं बनी है।
हालांकि, ज्यादातर लोगों पर इसका बहुत सामान्य असर होता है।
इसलिए घर पर रहकर ही इसके लक्षणों को मैनेज किया जा सकता है।
जिन लोगों में गंभीर लक्षण विकसित होते हैं, उन्हें ऑक्सीजन थेरेपी, IV ड्रिप और कॉर्टिकास्टेरॉइड (स्टेरॉयड्स का एक रूप) दिए जाते हैं।
वहीं इस वायरस से निपटने के लिए अभी तक कोई वैक्सीन विकसित नहीं की गई है।
असल में HMPV वायरस के कारण अभी तक ऐसी स्थितियां नहीं बनी हैं कि इसके लिए कोई वैक्सीन बनाने की जरूरत पड़े।
इससे बचाव का तरीका है जागरुक रहना, भारत के नागरिकों के लिए केंद्र सरकार ने एडवाइजरी की है जिसमें बताया गया है क्या करें और क्या ना करें?
केंद्र सरकार की एडवाइजरी – क्या करें
- खांसते या छींकते समय अपने मुंह और नाक को रूमाल या टिशू पेपर से ढकें।
- अपने हाथों को लगातार साबुन और पानी या अल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर से धोएं।
- भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचें।
- अगर आपको बुखार, खांसी और छींक आ रही है तो सार्वजनिक स्थानों से दूर रहें।
- संक्रमण को कम करने के लिए कमरों में वेंटिलेशन की व्यवस्था करें।
- अगर आप बीमार हैं तो घर पर रहें और दूसरों से न मिलें।
- खूब पानी पिएं और पौष्टिक भोजन करें।
केंद्र सरकार की एडवाइजरी – क्या न करें
- टिशू पेपर और रूमाल का दोबारा इस्तेमाल।
- बीमार लोगों के साथ नजदीकी संपर्क, तौलिये, आदि का इस्तेमाल ।
- बार-बार आंख, नाक और मुंह को छूना।
- सार्वजनिक स्थानों पर थूकना।
- चिकित्सक से परामर्श किए बिना खुद से दवा लेना।