Hanta Virus : इन दिनों एक नया वायरस चर्चा में है। चूहों से फैलने वाला यह वायरस लोगों की जान ले रहा है और काफी खतरनाक बताया जा रहा है।
नए संक्रमण से हुई मौत से लोगों में दहशत देखने को मिल रहा है। क्योंकि सभी को चिंता हैं कि उन्हें एक और जानलेवा वायरस से खुद को बचाना होगा।
आईए जानते हैं आख़िर हंता वायरस क्या है? इसके मुख्य लक्षण क्या है? ये कैसे संक्रमित करता है? और इससे बचाव के उपाय के बारे में
क्या है हंता वायरस ?
हंता वायरस चूहों फैलने वाली बीमारी है। यह वायरस मुख्य रूप से ग्रैंड कैन्यन राज्य में पाए जाने वाले हिरण चूहों से फैलता है। इस वायरस ने अमेरिका की चिंता बढ़ा दी है।
1 जनवरी से लेकर 1 जुलाई, 2024 तक 7 लोग हंतावायरस पल्मोनरी सिंड्रोम (HPS) की चपेट में आ चुके हैं, जिनमें से तीन की मौत हो गई। HPS सांस से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है।
हंता वायरस के मुख्य लक्षण
हंता वायरस की चपेट में आने पर आपको सांस में तकलीफ सहित कई दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। जैसे –
- बुखार
- खांसी
- सिरदर्द
- मांसपेशियों में दर्द
- जांघों-कूल्हों में दर्द
- पीठ और कंधों में में दर्द
- थकान
- ठंड लगना
- मतली
- उल्टी
- पेट की समस्या
- चक्कर आना
- ठंड लगना
हंता वायरस के गंभीर लक्षण
- छाती में जकड़न
- सांस लेने में तकलीफ
- फेफड़ों में पानी भर जाना
- रक्तचाप का कम होना
- तीव्र झटका
- संवहनी रिसाव
- किडनी फेलियर
- लो ब्लडप्रेशर, सदमा
कैसे फैलती है ये बीमारी
अगर कोई इंसान चूहों के मल-मूत्र को छूने के बाद अपने चेहरे या शरीर पर हाथ लगाता है तो हंता संक्रमित होने की आशंका बढ़ जाती है। ये वायरस दुनिया के किसी भी हिस्से में फैल सकता है।
वैसे तो हंता वायरस एक इंसान से दूसरे इंसान में नहीं फैलता है लेकिन यह एक जगह तक सीमित नहीं रहता है, जिससे यह खतरनाक बन जाता है।
रीनल सिंड्रोम (HFRS) के साथ रक्तस्रावी बुखार के लक्षण 1 से 8 हफ्ते के बाद नजर आते हैं। इसकी वजह से धुंधला नजर आने लगता है।
गंभीर मामलों में लो ब्लड प्रेशर और किडनी फेलियर जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
हंता वायरस में मृत्यु दर
सीडीसी के मुताबिक, हंता वायरस में मृत्यु दर 38% होती है। इस बीमारी का पता लगाने में एक से 8 हफ्तों का समय लग सकता है।
HPS का एक फैमिली ग्रुप होता है, जो मुख्य तौर से कृन्तकों से फैलता है और दुनियाभर में लोगों में अलग-अलग बीमारी सिंड्रोम की वजह बन सकता है।
हंता वायरस से बचाव के उपाय
हंता वायरस का कोई खास इलाज या वैक्सीन नहीं है। हालांकि कुछ सावधानियों से इस बीमारी को रोका जा सकता है। जैसे –
- रोडेंट से कम से कम संपर्क करने की कोशिश करें खासकर चूहों से
- हंतावायरस खास तौर से चूहों के मूत्र या लार के संपर्क के जरिए फैलता है
- घरों और कार्यस्थलों को साफ-सुथरा और चूहों से मुक्त रखें
- घरों में चूहों को घुसने से रोकने के लिए दरवाजे, खिड़कियां बंद कर रखें
- घरों में कीटनाशक का छिड़काव कराएं
- धूल के सीधे संपर्क से बचने के लिए दस्ताने, मास्क और चश्मा पहनें
- साफ सफाई के बाद हाथों को अच्छी तरह धो लें
हंता वायरस का सही इलाज क्या है?
हंता वायरस के निदान के लिए कोई विशिष्ट उपचार, इलाज या टीका नहीं है।
हालांकि, अगर संक्रमितों की पहचान जल्दी हो जाती है तो तो मेडिकल केयर में उसे जल्दी ठीक किया जा सकती है।
स्थिति गंभीर होने पर मरीजों को इंटुबैट (कृत्रिम तरीके से सांस देना) किया जाता है और गंभीर सांस की समस्या होने पर ऑक्सीजन थेरेपी दी जाती है।
इस बीमारी से ठीक होने में हफ्ते से लेकर महीनों लग सकते हैं।
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