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Janmashtami 2024: MP के इस मंदिर में करोड़ों के गहनों से होता है राधा-कृष्ण का श्रृंगार

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105 year old Gopal Mandir : देशभर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व धूम-धाम से मनाया जा रहा है।

भगवान कृष्ण का जन्म भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि में हुआ था और ये महीने उन्हें विशेष प्रिय है।

मान्यता है कि लड्डू गोपाल की पूरे विधि-विधान से पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

MP के ग्वालियर में है ये प्रसिद्ध पुराना

मथुरा से लेकर द्वारका तक तमाम शहरों में भगवान श्री कृष्ण के जन्म उत्सव की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। मंदिरों में विशेष पूजा की जा रही है।

इस अवसर पर हम आपको मध्य प्रदेश के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहें हैं। जहां राधा-कृष्ण का श्रृंगार करोड़ों के गहनों से होता है।

ये हैं ग्वालियर के फूलबाग में स्थित 105 साल पुराना गोपाल मंदिर।

इस प्रसिद्ध मंदिर की स्थापना 1921 में ग्वालियर रियासत के तत्कालीन शासक माधवराव प्रथम ने करवाई थी।

उन्होंने भगवान की पूजा के लिए चांदी के बर्तन और रत्न जड़ित सोने के आभूषण बनवाए थे।

105 year old Gopal Mandir
105 year old Gopal Mandir

इनमें राधा-कृष्ण के 55 पन्ना जड़ित सात लड़ी का हार, सोने की बांसुरी जिस पर हीरे और माणिक लगे हैं।

सोने की नथ, जंजीर और पूजा के लिए चांदी के बर्तन हैं।

इस मंदिर में भगवान राधा-कृष्ण की अद्भुत प्रतिमाएं हैं। जो जन्माष्टमी के अवसर पर विशेष सजावट और पूजा-अर्चना का केंद्र बनती हैं।

यही वजह है कि जन्माष्टमी पर मंदिर में दर्शन के लिए लाखों भक्तों का तांता लगा रहता है।

सुरक्षा में 200 जवान तैनात, 50 से ज्यादा CCTV कैमरे 

श्रीराधा-कृष्ण को 100 करोड़ से ज्यादा की एंटीक ज्वेलरी पहनाई जाती है।

इन आभूषणों में बेशकीमती रत्न हीरा, पन्ना, माणिक, मोती, पुखराज और नीलम जड़े हैं।हर साल एंटीक जेवर को कड़ी सुरक्षा के बीच बैंक लॉकर से निकाला जाता है।

105 year old Gopal Mandir
105 year old Gopal Mandir

इनमें सात लड़ियों का हार, कंगन, बाजूबंद, मोतियों की माला, स्वर्ण मुकुट शामिल हैं। वहीं श्रीराधा-कृष्ण के मुकुट में लगा पन्ना अमूल्य है।

इनकी सुरक्षा के लिए 200 जवान तैनात रहते हैं। 50 से ज्यादा CCTV कैमरों से भी निगरानी रखी जाती है।

नगर निगम के जिम्मे गहनों का रखरखाव

मंदिर में विराजमान श्रीराधा-कृष्ण के विशेष श्रृंगार के लिए गहनों को सेंट्रल बैंक के लॉकर में रखा जाता है।

बता दे 1956 में मध्य प्रदेश के गठन के बाद इन एंटीक गहनों को बैंक के लॉकर में सुरक्षित रखा दिया गया।

50 साल तक लॉकर में गहने सुरक्षित रहे। फिर 2007 में सरकार ने जन्माष्टमी के दिन इन गहनों को भगवान के श्रृंगार के लिए पुनः उपयोग करने की अनुमति दी।

फिलहाल इन गहनों के रखरखाव और उन्हें बैंक से निकालने का जिम्मा नगर निगम के हाथों में है।

105 year old Gopal Mandir
105 year old Gopal Mandir

2007 से हर साल जन्माष्टमी पर गहनों को लॉकर से निकाला जाता है।

भगवान राधा-कृष्ण को इन बेशकीमती आभूषणों से सजाया जाता है और वे 24 घंटे तक इस दिव्य स्वरूप में भक्तों को दर्शन देते हैं।

भक्तों का मानना है कि इन रत्न जड़ित गहनों से सजे राधा-कृष्ण के दर्शन से उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

हर साल जन्माष्टमी पर इस दुर्लभ श्रृंगार के दर्शन करने देश ही नहीं विदेशों से भी श्रद्धालु आते हैं।

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