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Diwali 2025: 20 अक्टूबर को ही मनाई जाएगी दिवाली, इस बार 6 दिनों तक चलेगा दीप पर्व

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

Diwali On 20 October: इस साल दीवाली की तिथि को लेकर चल रहे मतभेदों के बीच इंदौर के ज्योतिष एवं धर्मशास्त्र के विद्वानों ने एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है।

शासकीय संस्कृत महाविद्यालय, रामबाग में आयोजित एक विशेष बैठक में सर्वसम्मति से यह तय किया गया कि 20 अक्टूबर, सोमवार के दिन दीपावली का महापर्व मनाना शास्त्रों के अनुकूल और सबसे शुभ रहेगा।

बैठक में उपस्थित विद्वानों ने ज्योतिषीय गणना और धर्मशास्त्रीय नियमों के आधार पर इस निष्कर्ष पर पहुंचे।

क्यों 20 अक्टूबर को है विशेष महत्व?

बैठक में मध्य प्रदेश ज्योतिष एवं विद्वत परिषद के अध्यक्ष आचार्य रामचंद्र शर्मा ‘वैदिक’ और डॉ. विनायक पाण्डेय ने अपने पक्ष में तर्क दिया।

उन्होंने स्पष्ट किया कि 20 अक्टूबर को अमावस्या तिथि प्रदोषकाल में समाप्त हो रही है।

चूंकि दीपावली की मुख्य रात्रि पर लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त प्रदोषकाल के दौरान ही माना जाता है, इसलिए इस दिन पूजा करना सबसे उचित है।

आचार्य शर्मा ने कहा कि हालांकि शास्त्रों में दोनों दिन पूजन के पक्ष मिलते हैं, लेकिन 20 अक्टूबर का दिन पूर्ण रूप से शास्त्र सम्मत है।

ज्योतिष विद्यापीठ परिषद के संयोजक योगेंद्र महंत और डॉ. संतोष भार्गव ने “एक तिथि-एक पर्व-एक उत्सव” का नारा देते हुए सभी समाजजनों से 20 अक्टूबर को एकजुट होकर दीपावली मनाने का आग्रह किया।

इससे पर्व की एकरूपता बनी रहती है।

इस बार छह दिनों तक चलेगा दीप पर्व

आचार्य रामचंद्र शर्मा ‘वैदिक’ ने बताया कि इस बार दीपावली के पर्व का फैलाव 6 दिनों तक रहेगा, जिसमें सभी महत्वपूर्ण योगों का समावेश है।

पंचांग के अनुसार त्योहारों का क्रम इस प्रकार रहेगा:

  1. 18 अक्टूबर: धनतेरस
  2. 19 अक्टूबर: रूप चतुर्दशी (छोटी दीवाली)
  3. 20 अक्टूबर: दीपावली व लक्ष्मी पूजा (मुख्य पर्व)
  4. 21 अक्टूबर: स्नान, दान, पुण्य की अमावस्या
  5. 22 अक्टूबर: गोवर्धन पूजा, अन्नकूट
  6. 23 अक्टूबर: भाई दूज

इस तरह, यह पर्व पांच के बजाय छह दिनों का एक लंबा और पावन उत्सव बन गया है।

ऑनलाइन मोड में भी जताई सहमति

इस बैठक में शहर के कई प्रमुख मंदिरों के पुजारियों और धार्मिक संस्थानों के प्रतिनिधियों ने भी ऑनलाइन सहभागिता की और 20 अक्टूबर को दीपावली मनाने पर अपनी सहमति दी।

इनमें खजराना के मुख्य पुजारी अशोक भट्ट, रणजीत हनुमान मंदिर के पुजारी दीपेश व्यास, पंचकुइया के महंत रामगोपालदास महाराज, बिजासन मंदिर के अशोकवन गोस्वामी और बड़ा गणपति मंदिर के अशोक दाधीच जैसे गणमान्य लोग शामिल थे।

बैठक का संचालन आचार्य गोपालदास बैरागी ने किया, जबकि स्वागत भाषण महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. विमला गोयल ने दिया।

अंत में डॉ. अभिषेक पाण्डेय ने सभी का आभार व्यक्त किया।

इस प्रकार, इंदौर के विद्वानों के इस सामूहिक निर्णय ने इस बार दीवाली की तिथि को लेकर चल रहे भ्रम को काफी हद तक दूर कर दिया है और लोगों के लिए मार्गदर्शन का काम किया है।

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