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खत्म हुआ चातुर्मास! कार्तिक माह में योग निद्रा से जागेंगे भगवान विष्णु, शुरू होंगे शुभ कार्य

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

Kartik Maah 2025: हिंदू धर्म में कार्तिक माह का विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है।

इस साल यह पावन महीना 8 अक्टूबर से शुरू हो रहा है।

मान्यता है कि यह महीना भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है और इस दौरान किए गए दान-पुण्य और पूजा-अर्चना से जीवन में खुशहाली आती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

आइए जानते हैं इस माह के महत्व, नियमों और प्रमुख त्योहारों के बारे में…

कार्तिक माह का विशेष महत्व: भगवान विष्णु जागते हैं योगनिद्रा से

कार्तिक माह की शुरुआत के साथ ही ‘चातुर्मास’ खत्म हो जाता है।

चातुर्मास के दौरान भगवान विष्णु चार महीने के लिए योगनिद्रा में लीन रहते हैं।

और कार्तिक माह में ‘देवउठनी एकादशी’ के दिन वे इस निद्रा से जागते हैं।

इस दिन से ही सभी मांगलिक कार्य जैसे विवाह, गृहप्रवेश आदि फिर से शुरू हो जाते हैं।

इसलिए इस महीने को नई शुरुआत और आशीर्वाद का प्रतीक माना जाता है।

इसके अलावा, इस माह को दान-पुण्य, गंगा स्नान और दीपदान के लिए भी सबसे शुभ माना गया है।

ऐसी मान्यता है कि इस पूरे महीने भगवान विष्णु जल में निवास करते हैं, इसलिए सूर्योदय से पहले नदी या तालाब में स्नान करने से ‘अक्षय पुण्य’ की प्राप्ति होती है।

कार्तिक माह में क्या करें? इन बातों का रखें विशेष ध्यान

  1. स्नान और दान का महत्व: प्रतिदिन सूर्योदय से पहले स्नान करना चाहिए। गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करना सर्वोत्तम माना गया है। इसके साथ ही, जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और दीपक दान करने का विशेष महत्व है। माना जाता है कि इससे धन के देवता कुबेर प्रसन्न होते हैं।

  2. दीपदान करें: इस माह में दीपक जलाना बेहद फलदायी माना जाता है। सूर्यदेव के तुला राशि में रहने के कारण वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ जाती है। दीपदान करने से यह नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और वातावरण में सकारात्मकता का संचार होता है।

  3. तुलसी पूजा है जरूरी: कार्तिक माह में रोजाना तुलसी के पौधे की पूजा करें, उन्हें जल चढ़ाएं और शाम के समय घी का दीपक जलाएं। तुलसी को विष्णु प्रिया कहा जाता है, इसलिए उनकी पूजा से भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है। (ध्यान रखें: रविवार और एकादशी के दिन तुलसी में जल न चढ़ाएं और न ही उनके पत्ते तोड़ें।)

  4. गीता पाठ का लाभ: इस माह में नियमित रूप से श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवन की समस्याओं का समाधान मिलता है।

कार्तिक माह में क्या न करें? इन चीजों से बनाएं दूरी

  1. इन आहारों से परहेज: इस पवित्र माह में मांस, मदिरा, प्याज और लहसुन का सेवन वर्जित माना गया है। साथ ही, उड़द, मूंग, मसूर, चना और मटर जैसी दालें तथा बैंगन और करेला जैसी सब्जियां खाने से भी बचना चाहिए।
  2. दिन में न सोएं: कार्तिक माह में दिन के समय सोना अशुभ माना जाता है। इससे स्वास्थ्य और धन दोनों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की मान्यता है।
  3. तेल लगाने से बचें: इस महीने में शरीर पर तेल लगाना उचित नहीं माना जाता। सिर्फ नरक चतुर्दशी और कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी के दिन ही तेल का उपयोग करने की छूट है।

कार्तिक माह के प्रमुख त्योहार

इस माह में हिंदुओं के कुछ सबसे बड़े और महत्वपूर्ण त्योहार आते हैं:

  • करवा चौथ: सुहागिन महिलाओं द्वारा पति की लंबी उम्र के लिए रखा जाने वाला व्रत।
  • दीपावली: रोशनी का त्योहार, जो अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है।
  • गोवर्धन पूजा: दीपावली के अगले दिन भगवान कृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत उठाने की घटना की याद में मनाई जाती है।
  • भाई दूज: भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को समर्पित त्योहार।
  • छठ पूजा: सूर्य देवता की उपासना का महापर्व, जिसमें श्रद्धालु उन्हें अर्घ्य देते हैं।
  • देवउठनी एकादशी: वह दिन जब भगवान विष्णु योगनिद्रा से जागते हैं।
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