Karwa Chauth Thali: करवा चौथ के लिए सुहागन महिलाएं काफी पहले से तैयारियां शुरू कर देती हैं।
खासकर गहनों और कपड़ों पर तो महिलाएं महीनों पहले से काम शुरू कर देती है और हो भी क्यों न ये दिन महिलाओं के लिए होता ही इतना खास है।
मगर इन सबसे ज्यादा जरूरी चीज है करवा चौथ की पूजा की थाली, जिसका सही से तैयार होना बहुत जरूरी है। क्योंकि अगर इस थाली में किसी चीज की कमी रह गई तो करवा चौथ की पूजा अधूरी रह जाएगी।
तो आइए जानते हैं कि करवा चौथ की पूजा की थाली में किन-किन चीजों का होना जरूरी है…
करवा चौथ की थाली (Karwa Chauth Thali Samagri List)
- चांद को अर्घ्य देने के लिए तांबे का लोटा,
- फल-फूल,
- सुहाग से जुड़ा सामान,
- करवा माता की फोटो,
- सींक,
- 2 करवे (एक मिट्टी का, एक धातु का),
- छलनी,
- आटे का दीया,
- पीने के लिए जल,
- मिठाई और सूखे मेवे
- रोली,
- चंदन,
- कुमकुम,
- अक्षत,
- सिंदूर
थाली में 2 करवे जरूरी
करवा चौथ की थाली सजाते समय उसमें 2 करवे रखने चाहिए। एक करवा मिट्टी का और दूसरा धातु का। माना जाता है कि एक करवा सुहागन का और दूसरा करवा माता का होता है।
सींक क्यों जरूरी
माता की शक्ति का प्रतीक मानी जाने वाली सींक के बिना करवा चौथ की थाली अधूरी है।
करवाचौथ में 14 सींके बाजार से खरीद लें। दो करवे में 7 सींके लगाकर पूजा करें।
करवा चौथ पर फेरी रस्म
करवा चौथ की शाम को महिलाएं श्रृंगार करके एक जगह एकत्रित होती हैं और फिर फेरी की रस्म करती हैं।
इस रस्म के दौरान महिलाएं गोल घेरा बनाकर बैठती हैं और अपनी-अपनी पूजा की थाली एक-दूसरे को देकर पूरे घेरे में घुमाती हैं।
इस दौरान एक बुज़ुर्ग महिला करवा चौथ की कथा सुनाती है।
करवा चौथ पूजा मुहूर्त (Chand Puja Muhurat)
करवा चौथ की पूजा शाम को 05.46 मिनट से लेकर शाम 07.02 मिनट के बीच होगी। इस दौरान आप चंद्रमा को अर्घ्य दे सकते हैं।
माना जा रहा है कि इस तिथि पर चंद्रमा रोहिणी नक्षत्र में होगा, जिसके चलते यह दिन बेहद शुभ माना जा रहा है।
करवा चौथ 2024 पर चांद निकलने का समय (Karwa Chauth Moonrise Time 2024)
करवा चौथ पर चांद निकलने का समय शाम 7 बजकर 54 मिनट का है।
करवा चौथ की पूजा-विधि (Karwa Chauth Puja Vidhi)
करवा चौथ की पूजा के लिए शाम के समय एक मिट्टी की वेदी पर सभी देवताओं की स्थापना करें।
मंदिर में दीपक जलाएं और करवा माता के साथ-साथ भगवान शिव, पार्वती जी, कार्तिकेय जी और गणेश भगवान की विधि-विधान पूजा करें।
रोली-टीका और फल-फूल, मिठाई चढ़ाने के बाद करवा चौथ की कथा सुनें।
चांद निकलने पर चांद की पूजा करें। इस दिन चांद को छलनी से देखा जाता है। साथ ही दर्शन के समय चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है।
इसके बाद उसी छलनी से अपने पति का चेहरा देखें और फिर पति के हाथों से पानी पीकर अपना व्रत खोलें।
पूजा में हुई गलतियों के लिए करवा माता से क्षमा याचना करें और फिर घर के बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद लें।
पूजा में उपयोग की गई शृंगार की सामग्री और करवा को सास या किसी सुहागिन स्त्री को दे दें और उनका भी आशीर्वाद लें।
आखिर में सात्विक भोजन खाकर व्रत खोलें।