Kedareshwar Cave Temple: सावन का पवित्र महीना शुरु हो चुका है। इस महीने में भगवान शिव की विशेष आराधना की जाती है। ऐसे में हम आपको बताएंगे उन अद्भुत मंदिरों के बारे में, जहां भगवान शिव विराजे हैं।
महाराष्ट्र का केदारेश्वर गुफा मंदिर
केदारेश्वर गुफा मंदिर हरे-भरे पहाड़ों के बीच मौजूद है। यहां आसपास कई झरने हैं, जिनका पानी लगातार शिवालय के सामने बने कुंड में गिरता रहता है। बारिश में तो इस जगह की खूबसूरती देखने लायक होती है।
केदारेश्वर धाम महाराष्ट्र के हरिश्चंद्रगड़ किले में स्थित है, जो की कल्याण के पास अहमदनगर मे है। पहाड़ियों के बीच बने इस मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको ट्रैकिंग करनी होती है, जो आपकी यात्रा में एक नया अनुभव जोड़ती है।
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1 स्तंभ पर टिका अनोखा मंदिर
ये मंदिर अपने आप में बेहद अनोखा है। क्योंकि ये सिर्फ 1 ही स्तंभ पर टिका हुआ है। मंदिर के 3 स्तंभ गिर चुके है। मान्यता है कि ये चारों स्तंभ चार युगों (सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग और कलयुग) का प्रतीक है और हर युग की समाप्ति के साथ मंदिर का 1 स्तंभ गिर जाता है।
मंदिर के साथ ही खत्म हो जाएगा कलयुग
अभी मंदिर का 1 स्तंभ बचा हुआ है और जिस दिन ये स्तंभ गिर जाएगा उस दिन कलयुग समाप्त हो जाएगा और फिर से सतयुग की शुरुआत होगी।
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इसके अलावा ऐसी भी मान्यता हैं कि ये स्तंभ बदलते युगों के अनुसार अपनी ऊंचाई बदलते रहते हैं. जैसे-जैसे प्रत्येक युग आगे बढ़ता है।
मंदिर तक पहुंचना आसान नहीं
इस मंदिर तक पहुंचना भी आसान नहीं है, क्योंकि ये मंदिर चारों तरफ पानी से घिरा हुआ है और ये पानी बेहद ठंडा रहता है।
स्वनिर्मित मंदिर
इस मंदिर को 6ठी शताब्दी में कलचुरी राजवंश द्वारा बनवाया गया था लेकिन किले की गुफाएं 11वीं शताब्दी में मिलीं। मंदिर इसलिए भी बहुत माना जाता है, क्योंकि यहां का शिवलिंग प्राकृतिक रूप से निर्मित है। ये मंदिर किले के अंदर 4,671 फीट की ऊंचाई पर बना हुआ है।
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सावन में विशेष पूजा
वैसे तो यहां सालभर ही भक्तों का तांता लगा रहा है लेकिन सावन में विशेष रूप से श्रदालु दूर-दूर से इस मंदिर के दर्शन करने आते हैं।
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पानी में डुबकी लगाने का विशेष महत्व
इस मंदिर के पानी को चमत्कारिक माना जाता है और यहां डुबकी लगाने से विशेष फलों की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि यहां डुबकी लगाने से सारे पाप धुल जाते हैं।
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