Nag Panchami 2024: सावन के महीने कई व्रत-त्यौहार मनाए जाते हैं। इन्हें में से एक त्यौहार है नाग पंचमी का जो सावन शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है।
हिंदू धर्म में नाग पंचमी का खास महत्व हैं और प्राचीन काल से ही इस दिन सांपों की पूजा करने की परंपरा है।
इस दिन विशेष तौर पर नागों की पूजा की जाती है लेकिन क्या आपको पता है कि नाग पंचमी क्यों मनाई जाती है
और इसकी शुरुआत कैसे हुई? नहीं तो आइए बताते हैं…
नाग पंचमी की पौराणिक कथा
द्वापर युग में,अर्जुन के पोते और राजा परीक्षित के पुत्र जन्मजेय ने सांपों से बदला लेने और सारे नाग वंश का विनाश करने के लिए एक यज्ञ का आयोजन किया
क्योंकि उनके पिता राजा परीक्षित की मृत्यु तक्षक नामक सर्प के काटने से हुई थी।
ऐसे में जन्मजेय के आदेश पर सभी सांपों को पकड़-पकड़ कर अग्नि में भस्म किया जा रहा था। जिसके बाद सभी सांप अपने बचाव के लिए ऋषि जरत्कारु के पुत्र आस्तिक मुनि के शरण में गए।
नागों की रक्षा के लिए आस्तिक मुनि ने राजा जनमेजय को बहुत समझा बुझाकर इस यज्ञ को रुकवाया और सांपों के जलते हुए शरीर पर दूध की धार डालकर उन्हें शीतलता प्रदान की थी।
(इसी वजह से नाग पंचमी पर सांपों को दूध चढ़ाने की परंपरा है)
जिस दिन यज्ञ रुकवाया गया। उस दिन सावन मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि थी। ऐसे में नागों ने आस्तिक मुनि से कहा कि जो भी पंचमी को सर्पों की पूजा करेगा उसे कभी भी नागदंश (सांप डसने) का भय नहीं होगा।
तभी से पंचमी तिथि के दिन नागों की पूजा होने लगी।
ऐसी मान्यता है कि इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने कालिया नाग का अहंकार तोड़ा था और उनका मर्दन किया था।
नाग पंचमी के दिन क्या न करें
नाग पंचमी का दिन बहुत पवित्र माना जाता है ऐसे में इस दिन कुछ खास काम करने की मनाही होती है।
- नाग पंचमी के दिन जमीन पर हल चलाने की मनाही होती है क्योंकि इससे जमीन के नीचे रहने वाले सांपों को चोट लग सकती है या उन्हें नुकसान पहुंच सकता है।
- इसके अलावा नाग पंचमी के दिन पेड़ों को काटने से भी बचना चाहिए क्योंकि सांप अक्सर पेड़ों पर अपना घर बनाते हैं।
- इस दिन सिलाई, कढ़ाई नहीं करनी चहिए, क्योंकि नाग पंचमी पर नुकीली और धारदार चीजों जैसे चाकू, सूई का इस्तेमाल अशुभ माना जाता है।
- इस दिन पूजा में इस्तेमाल होने वाले सामान नहीं फेंकना चाहिए जैसे रुई की बत्तियां, इस्तेमाल की हुई धूप बत्ती, इस्तेमाल की हुई अगर बत्ती, पूजा में चढ़ें फूल आदि। दरअसल, ऐसा माना जाता है कि इस सामान में सर्प देवता का वास होता है।
- नाग पंचमी के दिन लोहे का तवा इस्तेमाल करने की भी मनाही होती है।
क्यों वर्जित होता हैं तवा चढ़ाना
नागपंचमी के दिन रसोई में तवा नहीं चढ़ाया जाता हैं, मतलब इस दिन रोटी भी नहीं बनाई जाती है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, रोटी बनाने के लिए लोहे के जिस तवे का इस्तेमाल किया जाता है उसे नाग का फन माना जाता है। तवे को नाग के फन का प्रतिरूप माना गया है, इसलिए नागपंचमी के दिन चूल्हे पर तवा नहीं रखा जाता है।
इस दिन रोटी के अलावा चावल भी बनाना वर्जित माना जाता हैं, कहते हैं चावल का संबंध नाग देवता के दांतों से होता है।
नाग पंचमी शुभ मुहूर्त 2024
हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल नागपंचमी की तिथि की शुरुआत 8 अगस्त को दोपहर 12.36 बजे से होगी और समापन 9 अगस्त को सुबह 03 बजकर 14 मिनट पर होगा।
ऐसे में उदयातिथि के अनुसार 9 अगस्त, 2024 को नाग पंचमी मनाई जाएगी। इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 05.47 बजे से लेकर 8 बजकर 27 मिनट तक रहेगा।
नाग पंचमी का महत्व
शास्त्रों में नाग पंचमी का बहुत ही खास महत्व है। नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने से नाग देव प्रसन्न होते हैं।
इसके साथ ही इस दिन नागों की पूजा करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है और नाग देवता का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है।
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