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Navratri 2025: कितनी तरह से रखा जाता है नवरात्रि का व्रत: उपवास के दौरान न करें ये गलतियां

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

Navratri Fasting Rules: शारदीय नवरात्रि का हिंदू धर्म में विशेष स्थान है।

यह पर्व भक्तों के लिए आस्था, उत्साह और नई शुरुआत का प्रतीक है।

साल 2025 में यह पर्व 22 सितंबर, सोमवार से शुरू होकर 2 अक्टूबर, गुरुवार तक चलेगा।

इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना की जाती है और लाखों भक्त पूरी श्रद्धा के साथ व्रत रखते हैं।

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मान्यता है कि सच्चे मन और सही विधि से किया गया व्रत अवश्य ही फलदायी होता है।

लेकिन व्रत का पूरा फल पाने के लिए कुछ खास नियमों का पालन करना बेहद जरूरी है।

आइए, जानते हैं कि नवरात्रि के व्रत में क्या करना चाहिए और क्या नहीं…..

व्रत में इन बातों से बनाएं दूरी, नहीं तो अधूरा रह जाएगा व्रत 

नवरात्रि का व्रत रखने का अर्थ है केवल भूखे रहना नहीं, बल्कि यह मन और शरीर की शुद्धि का एक संपूर्ण प्रक्रिया है।

इसलिए कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए:

1. नकारात्मकता है वर्जित:

इस पवित्र अवधि में क्रोध, ईर्ष्या, बुरे विचारों और नकारात्मकता से पूरी तरह दूर रहें। किसी की बुराई करने या झूठ बोलने से भी बचें। माना जाता है कि ऐसा करने से व्रत का फल कम हो जाता है।

2. सोने के स्थान का रखें ध्यान:

व्रती को नवरात्रि में पलंग या गद्दे पर सोने से परहेज करना चाहिए। इसके बजाय जमीन पर चटाई या एक पतला बिस्तर बिछाकर सोना शुभ माना जाता है।

3. फलाहार का समय:

अगर आप निर्जला व्रत नहीं रख रहे और एक समय भोजन करने का संकल्प लिया है, तो बीच में फलाहार न करें। हालाँकि, बुजुर्ग, बीमार या कमजोर लोग इस नियम में छूट ले सकते हैं।

4. अनजाने में न टूटे व्रत:

अगर आपको नवरात्रि के दौरान किसी जरूरी यात्रा पर जाना है, तो व्रत रखने से बचें। यात्रा के दौरान व्रत के नियमों का पालन करना मुश्किल हो सकता है और व्रत टूटने का डर रहता है।

साथ ही जिन लोगों को गंभीर बीमारी है या जिन्हें लगता है कि वे पूरे नौ दिन व्रत नहीं निभा पाएंगे, उन्हें व्रत नहीं रखना चाहिए। मां का भक्ति भाव ही सबसे महत्वपूर्ण है।

6. तामसिक भोजन से परहेज:

व्रत के दौरान घर में प्याज, लहसुन या किसी भी प्रकार का तामसिक भोजन नहीं बनाना चाहिए। यहाँ तक कि परिवार के अन्य सदस्यों को भी इसका ध्यान रखना चाहिए।

नमक का सही प्रयोग:

व्रत के भोजन में साधारण नमक का इस्तेमाल वर्जित है। इसकी जगह हमेशा सेंधा नमक का ही प्रयोग करें। साधारण नमक का प्रयोग व्रत भंग के समान माना जाता है।

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व्रत को फलदायी बनाने के लिए अपनाएं ये उपाय

नियमों से दूरी बनाने के साथ-साथ कुछ अच्छी आदतों को अपनाने से व्रत का लाभ और बढ़ जाता है:

1. सकारात्मक रहें:

हमेशा सत्य बोलें और अपने मन पर संयम रखें। मन में क्षमा, दया, उदारता और उत्साह जैसे भाव रखें। ब्रह्मचर्य का पालन करना भी शुभ माना जाता है।

2. कन्या पूजन अवश्य करें:

सप्तमी, अष्टमी या नवमी के दिन व्रत खोलते समय नौ कुंवारी कन्याओं को भोजन कराना (कन्या पूजन) अत्यंत शुभ और आवश्यक माना गया है। इस दिन हवन करना भी फलदायी होता है।

3. नियमित पूजा-अर्चना:

प्रतिदिन सुबह और शाम मां दुर्गा की विधिवत पूजा करें और दीपक जलाएं। पूजा-अर्चना के बाद ही कुछ भी ग्रहण करें। नौ दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की आरती करें।

4. दुर्गा सप्तशती का पाठ:

नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती का पाठ करना बहुत फलदायी माना जाता है। आप रोजाना एक-एक अध्याय का पाठ कर सकते हैं। साथ ही, मां को प्रतिदिन भोग लगाना न भूलें।

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कैसे रख सकते हैं व्रत? जानें विधि

नवरात्रि व्रत रखने की कई विधियां हैं। भक्त अपनी श्रद्धा और क्षमता के अनुसार इनमें से किसी एक को चुन सकते हैं:

  • निराहार व्रत: पूरे दिन बिना कुछ खाए-पिए रहना।
  • फलाहार व्रत: दिन में एक बार फल, मेवे, साबुदाना, सिंघाड़े का आटा, कुट्टू का आटा आदि खाना।
  • एक समय भोजन: दिन में केवल एक बार सात्विक भोजन (सेंधा नमक के साथ) ग्रहण करना।
  • जल पर व्रत: केवल पानी पीकर व्रत रखना।

नवरात्रि का व्रत आस्था और अनुशासन का महापर्व है।

इन सरल नियमों का पालन करके आप न केवल मां दुर्गा की कृपा प्राप्त कर सकते हैं, बल्कि अपने मन और शरीर को भी शुद्ध कर सकते हैं। जय माता दी!

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