Collateral Free Loans To MSME: केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मंत्री ने नई क्रेडिट रेटिंग स्कीम की घोषणा की है।
अब से MSME को 100 करोड़ रुपये तक का कोलेटरल मुक्त ऋण मिलेगा।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्रालय को पीएसयू बैंकों द्वारा नए क्रेडिट मूल्यांकन मॉडल के माध्यम से ये लोन दिया जाएगा।
एमएसएमई की शिकायतों का किया जाएगा समाधान
केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मंत्री निर्मला सीतारमण बेंगलुरु में आयोजित राष्ट्रीय एमएसएमई क्लस्टर आउटरीच कार्यक्रम में शामिल हुई।
इस दौरान उन्होंने कहा कि नई क्रेडिट गारंटी योजना की शुरुआत के बाद MSME की शिकायतों का समाधान किया जाएगा, इसे जल्द ही कैबिनेट में पेश किया जाएगा।
लंबे समय से MSME इकाइयों की यह शिकायत है कि बैंकों से कार्यशील पूंजी के लिये तो ऋण मिलता है, परन्तु उन्हें प्लांट और मशीनरी के लिए सावधि ऋण (टर्म लोन) नहीं मिलता है।
अब बजट में घोषित इस गारंटी से 100 करोड़ तक की गारंटी मिलेगी।
अगर आप बैंकों से ज्यादा कर्ज लेने जा रहे हैं, तो भी पहले 100 करोड़ तक की गारंटी मिलेगी।
इसलिए आप उस हद तक कोलेटरल मुक्त ऋण पा पाएंगे।
अगर MSME यूनिट का कुल ऋण 110 करोड़ रूपये का होता हैं, तो अगले 10 करोड़ रूपये के लिये ही सुरक्षा गिरवी और कोलेटरल देना होगी। इसके लिए आपको तीसरे पक्ष की गारंटी की भी आवश्यकता नहीं है।
नया क्रेडिट मूल्यांकन मॉडल विकसित करने से मिलेगी MSME को मदद
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बैंक एक नया क्रेडिट मूल्यांकन मॉडल विकसित करेंगे, जिससे MSME को मदद मिलेगी।
उन्होंने नई मूल्यांकन प्रणाली का लाभ बताते हुए कहा कि अब हमने इस बजट में घोषणा की है कि बैंक अपने भीतर क्रेडिट मूल्यांकन करेंगे।
प्रत्येक बैंक का अपना क्रेडिट मूल्यांकन मॉडल होगा।
इस प्रकार निजी क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों पर लगाम होगा और MSME यूनिट को दिए जाने वाले लोन जल्दी प्रोसेस होंगे।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि निजी भागीदारी के साथ ई-कॉमर्स व्यापार केंद्र भी स्थापित किए जा रहे हैं, जो अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और निर्यात-संबंधी सेवाओं को सुविधाजनक बनाएंगे।
उन्होंने कहा कि भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) की इन छह नई शाखाओं के खुलने से 20 औद्योगिक क्लस्टर कवर होंगे और इससे कर्नाटक में MSME को मजबूत करने में मदद मिलेगी।
कर्नाटक में सिडबी की शाखाओं पर असल में शून्य एनपीए के साथ रुपये 1,169 करोड़ का पोर्टफोलियो है।
सिडबी की प्रत्यक्ष वित्त सुविधाओं से न केवल कर्नाटक बल्कि पूरे देश के उद्योगों की क्षमताएं मजबूत होंगी।
चौथा खंभा के वित्तीय विश्लेषक का विश्लेषण
MSME इकाइयों को 100 करोड़ रुपये तक का कोलेटरल मुक्त ऋण देने के प्रस्ताव को कैबिनेट में भेजने की घोषणा का चौथा खंभा के वित्तीय विश्लेषक ने विश्लेषण किया।
भारत सरकार ने 7 नवंबर 2024 को एक गजट नोटिफिकेशन जारी किया है।
जिसके माध्यम से रजिस्टर्ड MSME इकाइयों वाली कंपनियों की वार्षिक टर्न ओवर 250 करोड़ से अधिक होने पर अनिवार्य रूप से TReDS (RBI की अधिसूचना द्वारा स्थापित व्यापार छूट प्रणाली प्लेटफार्म) पर ऑन बोर्ड होकर अपने व्यापार के बिल और पेमेन्ट सेटल करना होंगे।
इससे बाजार में नगद तरलता (cash liquidity) तो आएगी और इन MSME इकाइयों वाली कंपनियों को तत्काल कार्यशील पूंजी की भी आवश्यकता होगी।
जिसकी कमी यह 100 करोड़ रुपये तक का कोलेटरल मुक्त ऋण देने का निर्णय करेगा।
वहीं दूसरी ओर प्लांट और मशीनरी के लिए सावधि ऋण (टर्म लोन) भी इन MSME इकाइयों वाली कंपनियों के लिये तत्काल रूप से उपलब्ध होगा।
इस प्रकार सरकार नई स्टार्ट-अप और MSME इकाइयों वाली कंपनियों को निवेश के लिये प्रोत्साहित करना चाह रही हैं, जिससे आम जन के लिये रोजगार के अवसर भी उपलब्ध हो सकें।
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