Onam 2025: ओणम (Onam) केरल का सबसे महत्वपूर्ण और खुशियों भरा त्योहार है।
यह त्योहार न केवल फसल की कटाई का प्रतीक है, बल्कि यह एकता, समानता और उदारता के मूल्यों को भी दर्शाता है।
सभी धर्म और समुदाय के लोग इसे बड़े ही उत्साह और धूमधाम से मनाते हैं।
इस साल ओणम का त्योहार 26 अगस्त से शुरू होकर 5 सितंबर तक चलेगा।
इन दस दिनों के उत्सव का सबसे महत्वपूर्ण दिन 5 सितंबर है, जिसे थिरुवोणम (Thiruvonam) कहा जाता है।
ओणम का महत्व
ओणम का त्योहार भाद्रपद या आश्विन माह में मनाया जाता है। यह नई फसल के आगमन का प्रतीक है।
इस दौरान लोग अपने घरों को फूलों की रंगोली (पूक्कलम) से सजाते हैं, नाव दौड़ (वल्लम कली), पारंपरिक नृत्य (कथकली, पुलिकली) और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
यह वह समय है जब परिवार के सदस्य दूर-दूर से एक-दूसरे से मिलने घर आते हैं और एकजुटता की भावना को मजबूत करते हैं।
Onam Celebration 2025 | ICM Thiruvananthapuram 📷
A grand celebration of tradition, unity & joy by MBA 1st, 2nd, 3rd year), DICM & HDCM students pic.twitter.com/KNoxXVOxoJ— ICM Thiruvananthapuram (@ICMTVM21644) September 2, 2025
ओणम क्यों मनाया जाता है? राजा बलि की पौराणिक कथा
ओणम का त्योहार महान दानवीर राजा बलि की स्मृति में मनाया जाता है।
पौराणिक कथा के अनुसार, राजा बलि एक महान और दानी असुर राजा थे।
उनकी इतनी प्रसिद्धि और शक्ति बढ़ी कि उन्होंने तीनों लोकों (पृथ्वी, आकाश और पाताल) पर अपना अधिकार जमा लिया।
जब वह अपना 100वां यज्ञ कर रहे थे, तो देवताओं के राजा इंद्र घबरा गए और मदद के लिए भगवान विष्णु के पास पहुंचे।
भगवान विष्णु ने इंद्र की चिंता देखकर एक योजना बनाई।
उन्होंने एक बौने ब्राह्मण (वामन) का रूप धारण किया और राजा बलि के यज्ञ स्थल पर पहुंचे।
राजा बलि अपनी दानवीरता के लिए जाने जाते थे।
उन्होंने वामन रूपी भगवान विष्णु से कहा कि वे जो भी मांगना चाहें, मांग सकते हैं।
वामन रूप में भगवान विष्णु ने मांगे तीन पग जमीन
भगवान वामन ने राजा बलि से केवल तीन पग जमीन दान में मांगी। राजा बलि ने हां कर दी, भले ही उनके गुरु शुक्राचार्य ने उन्हें चेतावनी दी थी।
तब भगवान वामन ने अपना विराट रूप धारण किया।
उन्होंने एक पग में संपूर्ण पृथ्वी और दूसरे पग में आकाश नाप लिया। फिर उन्होंने पूछा कि तीसरा पग कहां रखें।
अपना वचन निभाते हुए, राजा बलि ने विनम्रता से अपना सिर आगे कर दिया।
भगवान विष्णु ने तीसरा पग उनके सिर पर रखा, जिससे वह पाताल लोक में चले गए।

Onam is the celebration of Bali Maharaj’s devotion and sacrifice to Lord Vishnu who came as Vāmana Avatar. 🔥 Hare Kṛṣṇa pic.twitter.com/vsI4pnka6a
— Senāpati Bhakta (@bhaktSenapati) September 4, 2025
ओणम पर प्रजा से मिलने आते हैं राजा बलि
राजा बलि की दानशीलता और सत्यनिष्ठा से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने उन्हें पाताल लोक का स्वामी बना दिया और साथ ही यह वरदान दिया कि उन्हें साल में एक बार अपनी प्रजा से मिलने के लिए धरती पर आने की अनुमति होगी।
मान्यता है कि ओणम का दिन वही है जब राजा बलि अपनी प्रजा के बीच आते हैं और उन्हें आशीर्वाद देते हैं।

ओणम साध्या: केरल का स्वादिष्ट महाभोज
ओणम के दसवें दिन (थिरुवोणम) पर, राजा बलि के स्वागत में एक विशेष शाकाहारी भोजन तैयार किया जाता है, जिसे ओणम साध्या (Onam Sadhya) कहते हैं।
यह केवल भोजन नहीं, बल्कि एक पवित्र अनुष्ठान है जो केरल की संस्कृति की झलक दिखाता है।
इसे केले के ताजे हरे पत्ते पर परोसा जाता है और लोग इसे हाथ से खाते हैं।
Experience Onam Sadhya in its most authentic form – a symphony of flavours, aromas, and traditions, brought together on the banana leaf. A festive celebration of Kerala, curated with warmth and crafted with care.
📆 05th September 2025
📍 Tiqri | Lunch pic.twitter.com/XKaCm6y4lp— TajSantacruzMumbai (@TajSantacruz_) September 4, 2025
एक पारंपरिक साध्या थाली में 24 से 26 विभिन्न प्रकार के व्यंजन शामिल होते हैं, जिनमें मुख्य रूप से शामिल हैं:
- सांभर: दाल और सब्जियों से बना एक खट्टा-मीठा व्यंजन।
- अवियल: नारियल और दही में पकी मिश्रित सब्जियां।
- थोरन: नारियल और मसालों के साथ बनी सूखी सब्जी।
- रसम: एक काली मिर्च और टमाटर का रस।
- परिप्पु करी: दाल की करी।
- पायसम: चावल, दूध और गुड़ से बनी एक मीठी खीर।
- पप्पडम (पापड़), अचार और केले के चिप्स।
यह भोजन विभिन्न स्वादों – मीठा, खट्टा, नमकीन और कड़वे का एक सही मेल है।
यह केवल भोजन नहीं, बल्कि एक पवित्र अनुष्ठान है जो केरल की संस्कृति की झलक दिखाता है।