Avoid Purchase in Pitru Paksha: हिंदू धर्म में पितृ पक्ष, जिसे श्राद्ध पक्ष भी कहा जाता है, का विशेष महत्व है।
इस साल पितृ पक्ष 7 सितंबर से शुरू होकर 21 सितंबर, पितृमोक्ष अमावस्या तक चलेगा।
इस दौरान लोग अपने पूर्वजों (पितरों) की आत्मा की शांति के लिए तर्पण, श्राद्ध और दान जैसे कर्म करते हैं।
मान्यता है कि इस दौरान कुछ विशेष चीजें खरीदने से पितर नाराज हो सकते हैं, जिसके कारण जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
ये हैं वो 9 चीजें जिन्हें खरीदने से मना किया जाता है
पितृ पक्ष के दौरान किसी भी तरह के शुभ कार्य जैसे शादी, गृह प्रवेश आदि वर्जित माने गए हैं।
इसी तरह, कुछ विशेष वस्तुओं की खरीदारी से भी बचने की सलाह दी जाती है।
ऐसा माना जाता है कि इन चीजों को खरीदने से पितरों का आशीर्वाद नहीं मिलता और उलटे उनकी नाराजगी झेलनी पड़ सकती है।
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सरसों का तेल: मान्यता है कि इस दौरान सरसों का तेल खरीदने से शनि देव की कृपदृष्टि हो सकती है और जीवन में संकट आ सकते हैं। सलाह दी जाती है कि पितृ पक्ष शुरू होने से पहले ही तेल खरीद लेना चाहिए।
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झाड़ू: झाड़ू को धन की देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। पितृ पक्ष में नई झाड़ू खरीदना अशुभ माना जाता है और इसे आर्थिक नुकसान का कारण बताया गया है।
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नमक: श्राद्ध पक्ष के दौरान नमक खरीदने की भी मनाही है। अगर श्राद्ध कर्म या दान के लिए नमक की आवश्यकता है, तो उसे पहले ही खरीद लेना चाहिए।
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नया घर: पितृ पक्ष के दौरान जमीन या मकान जैसी बड़ी संपत्ति की खरीदारी करने से बचना चाहिए। इसे अशुभ माना जाता है।
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नई गाड़ी: इस अवधि में नई वाहन जैसे कार, बाइक आदि खरीदने से भी परहेज करना चाहिए।
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जमीन: किसी भी तरह की जमीन या प्लॉट की खरीद-बिक्री इस समय नहीं करनी चाहिए।
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नए कपड़े: पितृ पक्ष में नए कपड़े खरीदना और पहनना टालना चाहिए। यह शुभ नहीं माना जाता।
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सोना-चांदी: इस दौरान सोने-चांदी के गहने या बिस्तर आदि खरीदने से मना किया जाता है।
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नए जूते: नए जूते-चप्पल खरीदने से भी बचना चाहिए।
इन चीजों को खरीदने के नुकसान क्या हैं?
मान्यताओं के अनुसार, पितृ पक्ष में उपरोक्त चीजें खरीदने से निम्नलिखित नुकसान हो सकते हैं:
- पितर नाराज हो सकते हैं और उनका आशीर्वाद नहीं मिलता।
- जीवन में आर्थिक नुकसान और संकटों का सामना करना पड़ सकता है।
- नौकरी और व्यवसाय में रुकावटें आ सकती हैं।
- स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं और पारिवारिक कलह हो सकती है।
- इन चीजों की खरीदारी को ‘त्रिदोष’ का कारण माना जाता है।
पितृ पक्ष में क्या करें? उपाय
- इस अवधि में स्नान, दान और तर्पण पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
- ब्राह्मणों या जरूरतमंद लोगों को भोजन कराना और दान देना अत्यंत शुभ माना जाता है।
- पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए सोमवार का व्रत रखा जा सकता है।
- अपने पूर्वजों का श्राद्ध और पिंडदान अवश्य करें। जिन्हें अपने पितरों की तिथि याद नहीं है, वे 21 सितंबर को सर्वपितृ अमावस्या के दिन श्राद्ध कर्म कर सकते हैं।
इन बातों का ध्यान रखकर आप पितृ पक्ष का पूरा लाभ उठा सकते हैं और अपने पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।