New Rules Of PPF Account: अगर आप भी PPF में निवेश करते हैं तो ये खबर आपके काम की है।
केन्द्रीय वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलो के विभाग ने पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) खातों के लिए नए नियमों की घोषणा की है।
इस बारे में 21 अगस्त को एक सर्कुलर जारी किया गया था कि ये नए नियम 1 अक्टूबर 2024 से लागू होंगे।
विभाग की ओर से जारी सर्कुलर के मुताबिक इन नए नियमों का उद्देश्य PPF खातों के प्रबंधन को आसान बनाना है।
इनमें खासतौर से नाबालिगों, कई खाते रखने वाले व्यक्तियों और अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) के खातों से जुड़े नियम शामिल हैं।
निजी और सरकारी क्षेत्रो के बैंक और पोस्ट ऑफिस के लिये यह नये नियम की वजह से अतिरिक्त जवाबदारी बढ़ेगी।
साथ ही प्रत्येक पी पी एफ ग्राहक का वेरीफिकेशन करना अनिवार्य ही गया हैं।
इसके अनुपालन के लिये बैंको ने ग्राहकों को रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर मेसेज करना शुरू कर दिया हैं।
क्या है पीपीएफ अकाउंट
पीपीएफ स्कीम निवेशकों के बीच काफी लोकप्रिय स्कीम है।
सार्वजनिक भविष्य निधि पीपीएफ योजना 1968 में राष्ट्रीय बचत संस्थान द्वारा शुरू की गई थी।
भारत सरकार इस योजना का समर्थन करती है। इसलिए, रिटर्न की गारंटी है।
पीपीएफ योजना से अर्जित निवेश और ब्याज को आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत भी छूट दी गई है।
इसलिए, यह योजना भारत की सबसे अधिक कर बचत और लोकप्रिय धन-बचत योजनाओं में से एक है।
नाबालिगों के नाम से PPF अकाउंट पर ब्याज दर
इनमें सबसे महत्वपूर्ण बदलाव नाबालिगों के नाम पर खोले गए पीपीएफ खातों से जुड़ा है।
नए नियमों के तहत जब तक नाबालिग 18 साल का नहीं हो जाता तब तक इन खातों में पोस्ट ऑफिस सेविंग अकाउंट्स (पीओएसए) की ब्याज दर लागू होगी, जो की 4 प्रतिशत प्रतिवर्ष होगी।
वही व्यस्को के लिये PPF अकाउंट पर बयाज दर 7.10 प्रतिशत होगी |
18 साल की उम्र के बाद यह बदलाव
18 साल की उम्र पूरी करने के बाद स्टैंडर्ड पीपीएफ ब्याज दरें लागू होंगी।
यह बदलाव इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे नाबालिगों को कम उम्र में ही अधिक लाभकारी ब्याज दर का फायदा मिलेगा।
इसके अलावा, इन खातों की परिपक्वता अवधि का कैलकुलेशन उस तारीख से किया जाएगा जब नाबालिग वयस्क होता है,
यानी अब खाते मे 15 वर्ष की पहली परिपक्वता पहली बार 43 वर्ष की उम्र पूर्ण होने वाले वित्तीय वर्ष मे ही होगी।
इससे उनके लिए बड़े होने पर अपने फाइनेंस का प्रबंधन करना आसान हो जाएगा।
वही दूसरी और अवयस्को को पी पी एफ की ब्याज दर का व्यस्क होने तक नुकसान होगा, यानी 7.10 प्रतिशत प्रतिवर्ष ब्याज की जगह केवल 4 प्रतिशत प्रतिवर्ष ब्याज ही मिलेगा।
कई पीपीएफ खाते वालों के लिए यह नियम
जिन लोगों के कई पीपीएफ खाते हैं, उनके लिए नए नियम यह साफ करते हैं कि ब्याज की गणना कैसे की जाएगी।
प्रारंभिक मूल खाते में योजना की दर से ब्याज मिलता रहेगा।
बशर्ते वह 1.5 लाख रुपये की वार्षिक निवेश सीमा के भीतर रहे।
अगर सभी खातों में कुल जमा राशि इस सीमा से कम रहती है तो दूसरे खाते में मौजूद अतिरिक्त राशि को प्रारंभिक मूल खाते में मिला दिया जाएगा।
हालांकि, अगर दूसरे खाते में इस सीमा से अधिक राशि बचती है तो उसे बिना किसी ब्याज के वापस कर दिया जाएगा।
महत्वपूर्ण बात यह है कि प्रारंभिक मूल खाते और दूसरे पीपीएफ खाते के अलावा किसी भी अतिरिक्त खाते में ब्याज नहीं मिलेगा।
इस बदलाव का उद्देश्य बहुत अधिक खाते रखने को हतोत्साहित करना है।
साथ ही यह सुनिश्चित करना है कि निवेशक अपने प्रारंभिक मूल इन्वेस्टमेंट से लाभ उठा सकें।
NRI भारतीयों पर कैसे असर डालते हैं नियम?
नए दिशानिर्देश उन NRI भारतीयों (एनआरआई) के लिए भी हैं जिनके पास अभी पीपीएफ खाते हैं।
ये खाताधारक परिपक्वता तक अपने खाते बनाए रख सकते हैं।
हालांकि, उन्हें 30 सितंबर, 2024 तक केवल पीओएसए (पोस्ट ऑफिस सेविंग अकांउट) ब्याज ही मिलेगा।
इस तारीख के बाद इन खातों में कोई ब्याज नहीं मिलेगा अगर वे फॉर्म एच में उल्लिखित विशिष्ट निवास मानदंडों को पूरा नहीं करते हैं।
यह एडजस्टमेंट मुख्य रूप से उन भारतीय नागरिकों को प्रभावित करता है जो पीपीएफ खाते सक्रिय रहने के दौरान अनिवासी भारतीय बन गए।
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