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राधा-कृष्ण विवाह को लेकर क्यों छिड़ी प्रदीप मिश्रा और प्रेमानंद महाराज में जंग?

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 12 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

Pradeep Mishra and Premanand Maharaj Fight: सीहोर के प्रसिद्ध कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा और वृंदावन में रहने वाले श्रीजी (राधा रानी) के परमभक्त प्रेमानंद महाराज की जुबानी जंग तेज होती जा रही है।

दोनों तरफ से आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। यहां तक कि प्रेमानंद महाराज अब तू तड़ाक पर आ गए हैं।

आखिर क्या है ये सारा मामला आइए जानते हैं…

राधा-कृष्ण के विवाह पर प्रदीप मिश्रा ने की थी टिप्पणी (Radha-Krishna Wedding)
हाल ही में कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा का एक वीडियो काफी वायरल हुआ जिसमें उन्होंने ये बताया था कि- श्री कृष्ण की पत्नियों में राधा का नाम नहीं है।

राधा के पति का नाम अनय घोष, उनकी सास का नाम जटिला और ननद का नाम कुटिला था।

राधा जी का विवाह छाता में हुआ था। राधा जी बरसाना की नहीं, रावल की रहने वाली थीं।

बरसाना में तो राधा जी के पिता की कचहरी थी, जहां वह साल भर में एक बार आती थीं।

pradeep mishra
pradeep mishra

भड़के प्रेमानंद महाराज कहा- तुझे नर्क से कोई नहीं बचा सकता
प्रदीप मिश्रा के इसी बयान पर राधा रानी के परमभक्त प्रेमानंद महाराज भड़क गए और उन्होंने कहा- तुझे नर्क जाने से कोई नहीं बचा सकता।

हमें गाली दो तो चलेगा। लेकिन तुम हमारे इष्ट, हमारे गुरु, हमारे धर्म के खिलाफ बोलेगे, उनका अपमान करोगे, तो हम ये बर्दाश्त नहीं करेंगे। हम स्वयं को न्योछावर कर देंगे, तुम्हें बोलने लायक नहीं छोड़ेंगे।

तुम्हें पता ही क्या है लाडली जी के बारे में? तुम जानते ही क्या हो? अगर तुम किसी संत के चरण रज का पान करके बात करते तो तुम्हारे मुख से कभी ऐसी वाणी नहीं निकलती।

जैसा वेद कहते हैं, राधा और श्रीकृष्ण अलग नहीं हैं। तुझे तो शर्म आनी चाहिए। जिसके यश का गान करके जीता है,

जिसका यश खाता है, जिसका यश गाकर तुझे नमस्कार और प्रणाम मिलता है, उसकी मर्यादा को तू नहीं जानता।

श्रीजी की अवहेलना की बात करता है। कहते हैं कि वे इस बरसाने में नहीं हैं। अभी सामना पड़ा नहीं संतों से।

चार लोगों को घेरकर उनसे पैर पुजवाता है, तो समझ लिया कि तू बड़ा भागवताचार्य है।

रही बात श्रीजी बरसाने की हैं या नहीं, तो तुमने कितने ग्रंथों का अध्ययन किया है?

चार श्लोक पढ़ क्या लिए, भागवत प्रवक्ता बन गए। तुम नर्क में जाओगे, वृंदावन की भूमि से गरज कर यह कह रहा हूं।

मामले ने तूल पकड़ा, ब्रज में विरोध शुरू
इस मामले ने देखते ही देखते बड़ा रूप ले लिया और राधा-कृष्ण की नगरी ब्रज में इसे लेकर प्रदर्शन शुरू हो गया।

ब्रज तीर्थ देवालय न्यास के पदाधिकारियों ने प्रदीप मिश्रा के खिलाफ SSP शैलेश पांडेय को शिकायत पत्र भी सौंपा।

लोग बोले- प्रदीप मिश्रा ने राधा रानी को भगवान कृष्ण की पत्नी नहीं कहा। मथुरा पुलिस में भी इस बात की शिकायत की गई है।

Premanand Maharaj
Premanand Maharaj

प्रदीप मिश्रा ने दी सफाई- 14 साल पुराना है वीडियो
विवाद बढ़ता देख प्रदीप मिश्रा ने खंडवा के ओंकारेश्वर में अपनी कथा के दौरान ही बिना प्रेमानंद महाराज का नाम लिए कहा है कि जिन्होंने अपशब्द कहे हैं, उन्होंने पूरा वीडिया सुना ही नहीं।

हमारा आधा अधूरा वीडिया काटकर चलाया गया है जो 14 साल पहले हमने कमलापुर में कही थी, उस पूरी कथा को निकालकर सुनना, उसमें हमने भगवान श्री कृष्ण और राधा जी के विवाह का वर्णन भी किया है।

जब मीरा को नहीं छोड़ा तो हमें कैसे छोड़ेंगे
आगे पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि बदनाम करने वालों ने तो परमभक्त मीरा को भी नहीं छोड़ा तो हमें क्या छोड़ेंगे।

जो लोग अपशब्द कहते हैं, वे अपशब्द कहते रहेंगे, भगवान शिव की कथा चलती रहेगी।

राधा रानी तो हमारी मां हैं। बृज के लोग भोले हैं, उनको बहकाया जा रहा है।

pradeep mishra
pradeep mishra

जिसे सबूत चाहिए कुबरेश्वर धाम आ जाएं
पंडित प्रदीप मिश्रा ने ये भी कहा कि राधा रानी प्रसंग पर उन्होंने जो भी कहा वो शास्त्रों के अनुसार ही कहा।

और जिस-जिस महाराज को इस बात का प्रमाण चाहिए वो कुबरेश्वर धाम आ जाएं। राधा रानी की आड़ में उन्हें बदनाम करने की कोशिश हो रही है।

इतने बड़े विद्ववान संत है माननीय प्रेमानंद जी महाराज। उनके चरणों को दंडवत करता हूं।

अगर वो एक फोन कर देते कि प्रदीप तुझे आना है। उनका ये दास दंडवत करता करता उनके चरणों में पहुंचता और उनसे बात करता।

मैं उन्हें प्रणाम करता हूं, जिनकी जिव्या पर इस बांवरे का नाम तो आया, कैसे भी आया, कल्याण तो हो गया।

जिन्होंने मेरी आधी वीडियो चलाई, उन्हें मेरी राधा रानी देख लेगी
मैं एक-एक ब्रजवासी को नमन करता हूं। अगर मेरी वाणी से कोई चोट लगी हो तो मुझे क्षमा करिएगा।

मैंने प्रमाण से कहा है और प्रमाण अपने पास रखूंगा। सत्य पर जिया हूं और सत्य पर जिऊंगा।

जिन्होंने मेरी आधी वीडियो चलाई है उन्हें तो मेरी राधा रानी देख लेगी। मेरे भोलेनाथ देख लेंगे।

राधा रानी की आड़ में जो शिव महापुराण पर लांछन लगा रहे हैं। जो विद्रोही, जो विधर्मी, जो सनातन धर्म को अच्छा नहीं देख सकते। वो बदनाम करने में लगे है।

पुराणों में राधा-कृष्ण का विवाह

पुराणों में इस बात का जिक्र है कि ब्रह्मजी ने नारद जी के कहने पर राधा जी का गंधर्व विवाह श्री कृष्ण से कराया था।

इस विवाह के बारे में सिर्फ ब्रह्माजी, नारद जी, राधाजी और सिर्फ कृष्ण ही जानते हैं, सिवा उस विवाह को को नहीं जानता था।

Radha-Krishna wedding
Radha-Krishna wedding

गंधर्व विवाह में वर और वधु अग्नि को साक्षी मानकर एक दूसरे को पति-पत्नी मानते हैं। फिर चाहे वे ब्रह्म विवाह के नियमों के विरुद्ध ही क्यूं न हो, यानी दोनों अलग जाति और समुदाय से हों या दूसरे किसी कारण से विवाह नहीं हो पा रहा हो। इसमें माता-पिता या परिवार का भी होना जरूरी नहीं बताया गया है।

ब्रज में आज भी वो मंदिर मौजूद है जहां राधा-कृष्ण का विवाह हुआ था।

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