Sanwalia Seth Khazana: राजस्थान का प्रसिद्ध सांवलिया सेठ मंदिर एक बार फिर सुर्खियों में है।
दरअसल मंदिर के भंडार कक्ष से इस बार 22 करोड़ से ज्यादा की नगदी प्राप्त हुई है और ये गिनती अभी भी जारी है।
इस गिनती के साथ ही मंदिर के खजाने ने अब तक का रिकॉर्ड तोड़ दिया है।
भक्त चढ़ाते हैं चढ़ावा
कृष्ण जी के इस मंदिर में भक्त दूर-दूर से आते हैं और मन्नत पूरी होने पर चढ़ावा चढ़ाते हैं।
मंदिर की दान पेटी कुछ वक्त के अंतराल में खोली जाती है और चढ़ावे की गिनती की जाती है।
30 नवंबर को खुले दान पात्र, जारी है गिनती
सांवलिया सेठ मंदिर में हर महीने भंडार कक्ष की गिनती 16 से 19 करोड़ रुपए के बीच रहती है।
लेकिन इस बार 2 महीने में जाकर भंडार कक्ष की गिनती हो रही है। ऐसे में ट्रस्ट का अनुमान है कि यह आंकड़ा दुगना हो सकता है।
इस बार ये दान पेटी दिवाली की वजह से दो महीने के अंतराल में 30 नवंबर को खोली गई है और तब से अभी तक चढ़ावे की गिनती लगातार जारी है।
30 करोड़ के पार होगा आंकड़ा, ऑनलाइन ट्रांजैक्शन और सोने-चांदी के आभूषणों की गिनती बाकी
मंदिर ट्रस्ट का अनुमान है कि इस बार दान पात्र के खजाने का आंकड़ा 30 करोड़ के आसपास पहुंचेगा।
जबकि ऑनलाइन ट्रांजैक्शन और सोने-चांदी के गहनों की गिनती अभी बाकी है।
गिनती के चार चरण पूरे
अब तक भंडार कक्ष की गिनती के चार चरण पूरे हो चुके हैं, जहां यह आंकड़ा करीब 22 करोड़ रुपए पहुंच गया है।
सामान्यतः हर महीने खुलने वाले भंडार कक्ष की गिनती 4 से 5 चरणों में ही संपन्न हो जाती है, लेकिन इस बार यह गिनती आगे बढ़ेगी।
कहां है मंदिर
सांवलिया सेठ मंदिर चित्तौड़गढ़ सॆ उदयपुर की ओर राष्ट्रीय राजमार्ग पर 28 किमी दूरी पर भादसोड़ा ग्राम में स्थित है।
यह मंदिर चित्तौड़गढ़ रेलवे स्टेशन से 41 किमी एवं डबोक एयरपोर्ट से 65 किमी की दूरी पर है।
ये मंदिर कृष्ण धाम के रूप में चर्चित है।
लोग मानते हैं भगवान को बिजनेस पार्टनर
सांवलिया सेठ मंदिर को लेकर भक्तों के मन में ये विश्वास है कि वो उनके बिजनेस पार्टनर हैं।
सैलरी से लेकर बिजनेस तक में भक्त उन्हें अपना हिस्सेदार बनाते हैं।
मान्यता है कि जो भक्त खजाने में जितना दान देगा, सांवलिया सेठ उससे कई गुना ज्यादा भक्तों को वापस लौटाते हैं। इसलिए लोग अपने व्यापार को बढ़ाने के लिए सांवलिया सेठ को अपना बिजनेस पार्टनर बनाते हैं।
मीराबाई के गिरधर हैं सांवलिया सेठ
मान्यता है कि भगवान श्री सावलिया सेठ का संबंध मीरा बाई से है।
किवदंतियों के अनुसार सांवलिया सेठ मीरा बाई के वही गिरधर गोपाल है, जिनकी वह पूजा किया करती थी।