Ratlam Mahalaxmi Mandir Khazana: रतलाम का महालक्ष्मी मंदिर अपने खजाने और नोटो की सजावट के लिए काफी मशहूर है।
इस बार भी मंदिर के दानपात्र से करीब 22 लाख कैश और सोने-चांदी के कई जेवर निकले हैं।
आइए जानते हैं मंदिर के खजाने से और कौन-कौन सी चीजें निकली हैं…
श्रीलंका का नोट, सोने की अंगूठी और चांदी के पैर
दिवाली से पहले रतलाम के महालक्ष्मी मंदिर का दानपात्र मंगलवार को दोपहर खोला गया। जिसमें से श्रीलंका का 100 रुपए का नोट निकला और साथ ही सोने-चांदी की अंगूठी और चांदी के पैर भी निकले।
इसके अलावा भारी मात्रा में कैश भी निकला जिसकी गिनती अब भी हो रही है।
दिवाली पर होती है नोटों से सजावट
मंदिर में दिवाली के मौके पर 5 दिन तक फूलों की जगह नोटों और गहनों से मंदिर की सजावट होगी।
जिसके लिए अब तक करीब 22 लाख से अधिक कीमत के नए नोट आ चुके हैं, नोटों की गिनती का सिलसिला अब भी जारी है।
तहसीलदार ऋषत्र ठाकुर के निर्देश पर नाजिर भेरुलाल मालवीय और पटवारी राजेश रावल गिनती कर रहे हैं।
नोटों के साथ निकली चिल्लर
दोपहर के समय नाजिर भेरुलाल मालवीय की उपस्थिति में पटवारियों की टीम ने दानपात्र खोला, जिसमें बड़ी मात्रा में नोट और चिल्लर निकली है।
नोटों की छंटनी कर अलग-अलग रखे जा रहे हैं।
नोटों की लड़ियां बनाकर सजावट
अब तक मंदिर में 22 लाख 41 हजार 200 रुपए के नए नोटों की एक रुपए से लेकर 500 रुपए तक नए नोटों की गडि्डयां आ चुकी हैं।
इनमें से अब तक 7 लाख 54,200 रुपए की फ्रेश नोट की गडि्डयां रखी हुई हैं। जबकि 14 लाख 87 हजार रुपयों की सजावट मंदिर परिसर में लड़ियां बनाकर की जा चुकी हैं।
सोमवार को भी कई लोग मंदिर में नोट लेकर आए थे, लेकिन नहीं लिए गए।
मंगलवार को प्रशासन की अनुमति के बाद फिर से मंदिर में सजावट के लिए नोट लेकर आने वाले लोगों का सिलसिला शुरू हो चुका है।
दिवाली के बाद श्रद्धालुओं को लौटा जाता है चढ़ावा
हर साल धनतेरस के अवसर पर मंदिर में माता लक्ष्मी के दरबार में सोने, चांदी, हीरे, मोती और नोटों की गड्डियों से कुबेर का खजाना सजाया जाता है।
मान्यता है कि यहां 5 दिन तक अपनी धन-दौलत माता के चरणों में अर्पित करने से वो दौलत और बढ़ती है।
दिवाली के बाद इस चढ़ावे को श्रद्धालुओं को लौटा दिया जाता है।