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लॉकर में रखा सामान गायब तो क्या बैंक होगा जिम्मेदार ? जानें RBI के नियम और मुआवजे की शर्तें

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Bank Locker Rules: बैंक लॉकर हमारी सहूलियत के लिए होते हैं, जिसमें हम अपना सामान सुरक्षित रख सकते हैं।

लेकिन, कभी सोचा है कि अगर आपके लॉकर में रखा सामान गायब हो जाए या खराब हो जाए तो आप क्या करेंगे?

आप सोच रहे होंगे कि यह तो बैंक की जिम्मेदारी है पर ऐसा नहीं है।

कुछ मामलों में बैंक भी जिम्मेदारी लेने से मना कर देते हैं, इसलिए आपको बैंक लॉकर से जुड़े RBI के नियम के बारे में पता होना चाहिए।

दीमक ने खाए बैंक लॉकर में रखे 5 लाख रुपये

उत्तर प्रदेश के नोएडा में सिटीजन कोऑपरेटिव बैंक के एक लॉकर में दीमक ने 5 लाख रुपये खा लिए।

यह घटना तब सामने आई जब ग्राहक ने करीब तीन महीने बाद अपना लॉकर खोला।

ग्राहक ने तुरंत बैंक प्रबंधक से शिकायत की और हर्जाने की मांग की।

लेकिन, बैंक ने नियमों का हवाला देते हुए जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया।

Bank Locker Rules
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इस घटना के बाद से सवाल उठा कि बैंक लॉकर में रखे सामान की सुरक्षा की जिम्मेदारी किसकी है?

क्या बैंक ऐसे मामलों में हर्जाना देगा और अगर हां तो RBI के नियम के मुताबिक मुआवजे की शर्तें क्या है?

बैंक की जिम्मेदारी कब होगी और कब नहीं

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने 1 जनवरी 2022 से बैंक लॉकर संबंधी नियमों को सख्त किया है।

  1. मुआवजे की सीमा: अगर लॉकर में आग, चोरी, बैंक की इमारत गिरने, या कर्मचारियों की धोखाधड़ी से नुकसान होता है, तो बैंक ग्राहक को हर्जाना देगा। यह मुआवजा वार्षिक किराए का 100 गुना तक हो सकता है। उदाहरण के लिए यदि वार्षिक किराया 2 हजार रुपये है, तो मुआवजा 2 लाख रुपये तक हो सकता है।
  2. नुकसान की शर्तें: प्राकृतिक आपदा (बाढ़, भूकंप) या ग्राहक की लापरवाही की स्थिति में बैंक जिम्मेदार नहीं होगा।
Bank Locker Rules
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बैंक लॉकर से जुड़े जरूरी सरकारी नियम

Bank Locker Rules
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जानें बैंक लॉकर में क्या रख सकते हैं और क्या नहीं?

बैंक लॉकर में सामान रखने से पहले नियमों को समझना जरूरी है।

आरबीआई के अनुसार लॉकर में केवल कानूनी और सुरक्षित चीजें ही रखी जा सकती हैं और नकदी रखने से बचें।

अगर बैंक की लापरवाही से नुकसान होता है, तो ग्राहक हर्जाना पाने के लिए अधिकारिक दावा कर सकता है।

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बैंक लॉकर से जुड़ी कुछ बातें जो जानना है जरूरी

  1. नोट या करेंसी रखने पर क्या होगा?

बैंक लॉकर में नकदी रखने पर प्रतिबंध है।

यदि ग्राहक नोट रखते हैं और वह क्षतिग्रस्त हो जाएं, तो बैंक मुआवजा नहीं, देगा क्योंकि यह नियमों का उल्लंघन है।

वहीं बैंक लॉकर में नोट या करेंसी रखने से टैक्स चोरी और मनी लॉन्डरिंग की संभावना बढ़ जाती है।

इसलिए भी RBI नोट या करेंसी को बैंक लॉकर में रखने की अनुमति नहीं देता है।

  1. डॉक्यूमेंट्स या ज्वेलरी को नुकसान की स्थिति में?

लॉकर में रखे डॉक्यूमेंट्स या ज्वेलरी को दीमक नुकसान पहुंचाती है, तो यह बैंक की लापरवाही मानी जाएगी।

ऐसी स्थिति में ग्राहक मुआवजे का दावा कर सकता है।

  1. लॉकर की चाबी खोने पर प्रक्रिया

अगर लॉकर की चाबी चोरी या गुम हो गई है तो कस्टमर को तुरंत बैंक को इसकी जानकारी देनी चाहिए।

इसके लिए बैंक में एक लिखित रिक्वेस्ट लेटर देना होगा।

इसके अलावा लॉकर की चाबी खोने की रिपोर्ट नजदीकी पुलिस स्टेशन में दर्ज करानी होगी।

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पुलिस FIR और सभी डॉक्यूमेंट्स को वेरिफाई करने के बाद बैंक नई चाबी के लिए फीस जमा कराएगा।

इसके कुछ समय बाद बैंक नई चाबी जारी करने को लेकर जानकारी देगा।

अगर खोई हुई चाबी मिल जाती है, तो वह बैंक को लौटानी पड़ेगी।

  1. लॉकर धारक की मृत्यु पर नियम

बैंक लॉकर का इस्तेमाल लोग कीमती ज्वेलरी, प्रॉपर्टी या वसीयत से जुड़े जरूरी कागजात को सुरक्षित रखने के लिए करते हैं।

RBI के नियमों के मुताबिक, लॉकर ओनर की मौत के बाद उसके नॉमिनी को लॉकर एक्‍सेस करने और उसका सामान निकालने का अधिकार है।

हालांकि, नॉमिनी को लॉकर का इस्तेमाल करने के लिए बैंक में जरूरी दस्तावेजों के साथ एक आवेदन देना होगा।

नॉमिनी बैंक लॉकर को जारी रख सकता है या उसे बंद करा सकता है।

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  1. किराए और शुल्क के नियम

बैंक लॉकर का किराया उसके साइज और शहर के अनुसार तय होता है।

ये किराया महानगर, नगर, कस्बा और ग्रामीण इलाकों में अलग-अलग होता है।

आमतौर पर यह किराया 500 रूपये से शुरू होकर 20 हजार रूपये के बीच होता है।

किराए के अलावा बैंक रजिस्ट्रेशन फीस, विजिटिंग चार्ज, रेंट ओवर ड्यू चार्ज के नाम पर कुछ एक्स्ट्रा चार्ज ले सकता है।

सरकारी बैंक लॉकर का रेंट प्राइवेट बैंकों की तुलना में कम होता है।

  1. लॉकर लेने के लिए उसी बैंक में अकाउंट होना जरूरी है?

बैंक लॉकर के लिए सेम बैंक में सेविंग या करेंट अकाउंट होना बिल्कुल जरूरी नहीं है।

आप नियमों का पालन करते हुए किसी भी बैंक में लॉकर ले सकते हैं।

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  1. बैंक कब लॉकर तोड़ सकता है?

ग्राहक 3 साल तक किराया नहीं चुकाता है या 7 साल तक लॉकर निष्क्रिय रहता है, तो बैंक नोटिस जारी करने के बाद लॉकर खोल सकता है।

इस पूरी प्रक्रिया का वीडियो भी बनाया जाएगा।

अगर ग्राहक का कोई नॉमिनी या कानूनी उत्तराधिकारी बैंक से संपर्क करता है तो पूरी कागजी प्रक्रिया होने के बाद लॉकर से मिला सामान उसे वापस कर दिया जाएगा।

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