Kalash Hatane ke Niyam: नवरात्रि का पावन पर्व जल्द समाप्त होने वाला है और इसी के साथ हर साल की तरह मां दुर्गा अपने घर के लिए विदा हो जाएंगी।
शास्त्रों के अनुसार देवी-देवताओं की पूजा हमेशा विधि-विधान के साथ ही करनी चाहिए।
कलश स्थापना के साथ शुरू हुई 9 दिनों की पूजा की समाप्ति पर स्थापित कलश को हटाने के भी कुछ नियम हैं।
जिसे विधि के साथ नहीं किया गया तो आपकी पूजा का फल बिगड़ सकता है।
नवरात्रि की समाप्ति पर स्थापित कलश को हटाने के नियम क्या है?
कलश का नारियल फोड़ना चाहिए या नहीं?
कलश में रखीं सामग्रियों का का क्या करना चाहिए?
ये आपने जान लिया तो माता रानी की कृपा आप पर सालभर बनी रहेगी।
नवमी पर विदा होंगी मां दुर्गा
शारदीय नवरात्रि का महापर्व चल रहा है, भक्तगण माता रानी की सेवा में लगे हैं।
लेकिन, मां दुर्गा की विदाई का दिन भी नजदीक आ रहा है।
नवरात्रि के आखिरी दिन यानी नवमी पर घरों में हवन पूजन होता है।
इसके बाद कन्या पूजन के साथ माता रानी को विदाई दी जाती है।
प्रथम दिन माता रानी की कलश स्थापना के साथ पूजन शुरू किया गया था।
वहीं पूजा उठाने के भी नियम हैं, जिसका पालन करके आप 9 दिनों की पूजा का संपूर्ण फल पा सकते हैं।
नवरात्रि की समाप्ति पर पूजा में जल्दबाजी नहीं करना चाहिए।
खासकर कलश और नारियल को हटाने में सावधानी बरतनी चाहिए।
अगर आपने ऐसा नहीं किया तो देवी रुष्ट भी हो सकती हैं।
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ये गलती की तो मां दुर्गा हो सकती हैं नाराज
नवरात्रि की पूजा में कई विधान हैं जिससे देवी प्रसन्न होती हैं, वहीं गलती पर मां नाराज भी हो जाती हैं।
नवरात्रि पूजा की शुरुआत कलश पर नारियल रखने के साथ होती है और समाप्ति कलश को नदी में प्रवाहित करने से होती है।
लेकिन, पूजा समाप्त होने के बाद कलश और नारियल हटाने में अक्सर लोग गलतियां कर देते हैं।
शास्त्रों में नवरात्रि की पूजा के बाद कलश और नारियल को हटाने की विधि भी बताई गई है।
यदि इस विधि का पालन नहीं किया जाता तो इसका प्रभाव घर-परिवार और भक्त के जीवन पर नकारात्मक भी पड़ सकता है।
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सबसे पहले मांगे माफी फिर ऐसे उठाएं कलश
नवरात्रि में माता दुर्गा के नौ रूपों की पूजा कलश रखकर विधि विधान के साथ की जाती है।
वहीं कलश हटाने की विधि को लेकर बहुत से लोग गलती कर बैठते हैं।
नवमी पर हवन पूजन समाप्त करने के बाद सबसे पहले मां दुर्गा को प्रणाम करके उनसे माफी मांगे।
इसके बाद कलश से छूकर पूजा के दौरान हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगे।
कलश को उठाने से पहले उसे पांच बार हिला लेना चाहिए, इसके बाद ही कलश को उठाना चाहिए।
फिर उस कलश को नदी में प्रवाहित किया जाता है।
वहीं बहुत से लोग कलश को मां दुर्गा के साथ विसर्जित कर देते हैं।
जबकि कलश में रखी सामग्री का उपयोग कई शुभ कार्यों में किया जा सकता है।
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कलश के नारियल को हटाना का ये है सही तरीका
कलश के ऊपर एक नारियल भी रखा जाता है।
पूजा समाप्ति के बाद नारियल को गलत तरीके से नहीं हटाना चाहिए।
अगर आप ऐसा करते हैं तो आप पर नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव आ सकता है।
साथ ही नवरात्रि में की गई पूजा, व्रत का फल भी अशुभ हो सकता है।
इसलिए पूजा के बाद नारियल को लाल कपड़े में लपेटकर पूजा के स्थान पर सुरक्षित रख देना चाहिए।
बहुत से लोग अगले साल तक इसे घर की पूर्व, पश्चिम या उत्तर दिशा में लाल कपड़े में बांधकर रखते हैं।
कुछ लोग इसे घर के मंदिर में भी रखते हैं और फिर नए कलश-स्थापना के बाद पुराने नारियल को प्रवाहित कर देते हैं।
अगर आप नारियल को सुरक्षित नहीं रख सकते तो दशमी के दिन नदी में इसे प्रवाहित कर देना चाहिए।
वहीं अगर आप नारियल को नदी में प्रवाहित भी नहीं कर सकते तो आप इसे किसी कन्या या ब्राहृमण को दान कर सकतें है।
इसके अलावा आप नारियल को दशमी के बाद प्रसाद के रूप में ग्रहण कर सकते हैं।
ऐसा करने से शुभ फल की प्राप्ति होगी।
ध्यान रहें नारियल को इधर-उधर घर में भूलकर भी न रखें।
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कलश के चावल और जल का क्या करना चाहिए?
नवरात्रि के समापन पर कलश की सामग्री से कुछ सरल और कल्याणकारी उपाय किए जा सकते हैं।
जैसे कि देवी माता के उपासक और पंडित कलश में रखे जल को पूरे घर में छिड़क देते हैं।
विश्वास किया जाता है इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा और खुशहाली का संचार होता है।
इसके अलावा पूजन में कलश में रखा हुआ जल किसी ऐसी क्यारी में डाल देना चाहिए, जिसका पानी किसी पैर में न लगे।
या फिर इसे तुलसी के पौधे में भी डाला जा सकता है।
वहीं ज्योतिषाचार्य के अनुसार कलश और पूजन में जो अक्षत यानी चावल को घर के हर कोने में रख देना चाहिए और इसके पास एक दिया जला देना चाहिए।
यदि हर कोने में रख सकते हैं, उत्तर-पूर्व वाली दिशा के कोने यानी ईशान कोण में यह काम जरूर करें।
इससे घर में हमेशा बरकत होती रहेगी।
इसके अलावा चावल को पक्षियों को भी आप डाल सकते हैं।
घट-स्थापना की पूजा के समय कलश में जो उसमें सिक्का और सुपारी डाला जाता है।
उसे संभालकर तिजोरी या घर में धन रखने के स्थान पर रख देना चाहिए।
मान्यता है कि ऐसा करने से घर में कभी धन-धान्य की कमी नहीं होती है।
यदि आप कारोबारी या व्यापारी हैं, तो उसे ऑफिस या दुकान की तिजोरी या गल्ले में भी इसे रख सकते हैं।
यह उपाय मुनाफा बढ़ाने वाला साबित हो सकता है।
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