New Rules of F&O Trading: SEBI (Securities and Exchange Board of India) ने नए नियमों के लिए एक सर्कुलर जारी किया है, जो 20 नवंबर 2024 से प्रभावी होंगे।
ये छोटे और मंझले शेयर बाजार निवेशकों की सुरक्षा और पूंजी बाजार में स्थिरता लाने के लिए फ्यूचर्स एंड ऑप्शन (F&O) से संबंधित है।
New Rules of F&O Trading: सेबी ने F&O ट्रेडिंग के लिये किये कड़े नियम
SEBI के नए सर्कुलर के अनुसार 1 फरवरी 2025 से ऑप्शन बायर्स को अपफ्रंट प्रीमियम का भुगतान करना होगा और इंट्रा-डे पोजीशन लिमिट की भी निगरानी की जाएगी।
इसके अलावा SEBI ने डेरिवेटिव्स के लिए इंडेक्स फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट की न्यूनतम वैल्यू 15 लाख रुपये निर्धारित की है, जो कि वर्तमान समय में 5 लाख से 10 लाख रुपये के बीच होती है।
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इन बदलावों को कई चरणों में लागू किया जाएगा ताकि बाजार में सुचारू रूप से इन्हें लागू किया जा सके और ट्रेडर्स और निवेशकों को आवश्यक समय मिल सके।
इन नियमों का उद्देश्य फ्यूचर्स एंड ऑप्शन मार्केट में पारदर्शिता और सुरक्षा को बढ़ावा देना है, साथ ही बड़े अनुबंधों के लिए उच्च मूल्य निर्धारण सुनिश्चित करना है।
जिससे ट्रेडिंग का जोखिम और नियंत्रण प्रभावी रूप से प्रबंधित किया जा सके, साथ ही छोटे निवेशको की कड़ी मेहनत की कमाई का कतई नुकसान ना हो।
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New Rules of F&O Trading: F&O का मतलब क्या है ?
F&O का मतलब ‘Futures and Options’ (फ्यूचर्स और ऑप्शंस) होता है।
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ये वित्तीय बाजार के दो प्रमुख डेरिवेटिव इंस्ट्रूमेंट हैं, जो निवेशकों और ट्रेडर्स को भविष्य के किसी निश्चित मूल्य पर किसी परिसंपत्ति को खरीदने या बेचने का अधिकार या दायित्व प्रदान करते हैं।
आइए अब इन दोनों शब्दों को हम विस्तार से समझते हैं –
New Rules of F&O Trading: Futures (फ्यूचर्स) क्या है ?
- फ्यूचर्स एक प्रकार का वित्तीय अनुबंध है, जिसमें दो पक्ष एक निश्चित तिथि पर एक निश्चित मूल्य पर एक परिसंपत्ति / असेट्स / कमोडिटी (जैसे शेयर, वस्तु, करेंसी) खरीदने या बेचने के लिए सहमत होते हैं।
- यह एक द्वि-पक्षीय बाध्यकारी अनुबंध है। इसका मतलब है कि दोनों पक्षों को अनुबंध की समाप्ति तिथि पर अपनी प्रतिबद्धताओं का पालन करना होता है, चाहे बाजार का भाव कुछ भी हो।
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- यदि आप एक निवेशक हैं और आपको लगता है कि सोने की कीमत बढ़ेगी और आप आज 72,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव से 2 महीने बाद सोना खरीदने के लिए फ्यूचर्स अनुबंध करते हैं। फिर 2 महीने बाद सोने की कीमत 80,000 रुपये हो जाती है, तो आपको मुनाफा होगा, क्योंकि आप इसे अनुबंध के मुताबिक 72,000 रुपये में खरीद सकते हैं।
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New Rules of F&O Trading: Options (ऑप्शंस) क्या है ?
ऑप्शंस एक अनुबंध है जो खरीदार को एक निश्चित तिथि तक एक निश्चित मूल्य पर एक परिसंपत्ति खरीदने या बेचने का अधिकार देता है, लेकिन इसे करना उसकी बाध्यता नहीं होती।
जानें ऑप्शंस के प्रकार –
- Call (कॉल) ऑप्शन: यह आपको भविष्य में एक निश्चित कीमत पर संपत्ति / असेट्स / कमोडिटी खरीदने का अधिकार देता है।
- Put (पुट) ऑप्शन: यह आपको भविष्य में एक निश्चित कीमत पर संपत्ति बेचने का अधिकार देता है।
- इसमें खरीदार को केवल एक प्रीमियम (एक अग्रिम राशि) का भुगतान करना होता है। यदि बाजार उनकी उम्मीद के विपरीत जाता है, तो वे केवल प्रीमियम की राशि को निवेशक खोयेंगे हैं, न कि पूरे सौदे के अनुबंध का सम्पूर्ण मूल्य खोयेंगे।
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- यदि आपने एक स्टॉक पर 1000 रुपये प्रति शेयर की स्ट्राइक प्राइस वाला एक कॉल ऑप्शन खरीदा है और इसके लिए 100 रुपये प्रति शेयर का प्रीमियम चुकाया है। फिर अगर स्टॉक की कीमत 1200 रुपये हो जाती है तो आप मुनाफा कमा सकते हैं। लेकिन अगर यह 850 रुपये पर आ जाती है, तो आप ऑप्शन को एक्सरसाइज नहीं करेंगे और केवल 150 रुपये का नुकसान उठाएंगे।
New Rules of F&O Trading: F&O ट्रेडिंग के फायदे –
- जोखिम प्रबंधन (हेजिंग): निवेशक फ्यूचर्स और ऑप्शंस डेरिवेटिव इंस्ट्रूमेंट का उपयोग अपनी निवेशित पूंजी को संभावित नुकसान से बचाने के लिए कर सकते हैं।
- लीवरेज: कम पूंजी में बड़ी मात्रा में निवेश किया जा सकता है, जिससे संभावित मुनाफा बढ़ता है।
New Rules of F&O Trading: F&O ट्रेडिंग के जोखिम –
- उच्च जोखिम: चूंकि यह लीवरेज पर आधारित है, छोटे बदलाव भी बड़े लाभ या हानि में बदल सकते हैं।
- बाजार की अनिश्चितता: अगर बाजार की दिशा आपके अनुमान के विपरीत होती है, तो नुकसान हो सकता है |
विशेष ध्यान रहे : F&O ट्रेडिंग में अनुभव और गहरी समझ की जरूरत होती है। इसलिए इसे सावधानीपूर्वक और जोखिम को समझते अपनी स्वयं की रिस्क केपेसिटी को जानकार करना चाहिए।
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Disclaimer: चौथा खंभा एंटरटेनमेंट एंड मीडिया प्राइवेट लिमिटेड किसी को भी किसी भी कंपनी के शेयर में निवेश करने की सलाह नहीं देता। यह बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेश करने से पहले किसी बाजार विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।
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