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Lupus की वजह से कभी मां नहीं बन पाएंगी Selena Gomez, जानें क्या है ये बीमारी

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Selena Gomez Pregnancy: हमेश से सुर्खियों में रहने वाली हॉलीवुड की फेमस सिंगर और एक्ट्रेस सेलेना गोमेज इस बार अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर चर्चा में हैं।

सेलेना ने चौंकाने वाला खुलासा किया कि वह कभी मां नहीं बन सकती हैं, बच्चा पैदा करने से उनकी जान को खतरा है।

सेलेना गोमेज के मां बनने का सपना टूटा

प्रसिद्ध अमेरिकन सिंगर, एक्ट्रेस, प्रोड्यूसर, और बिजनेस वुमेन सेलेना गोमेज ने सितंबर की शुरुआत में ब्लूमबर्ग बिलेनियर की सूची में अपनी जगह बनाई।

महज 32 साल की उम्र में यह बहुत बड़ा मुकाम है, जिसे लेकर देश-दुनिया में खूब चर्चा हुई।

Selena Gomez
Selena Gomez

इस खबर के कुछ दिन बाद ही सेलेना ने बड़ा खुलासा किया कि वो कभी मां नहीं बन सकती हैं।

सेलेना गोमेज ने कहा कि वो फ्यूचर में सरोगेसी से बच्चा पैदा करेंगी या किसी अनाथ बच्चों को गोद लेंगी।

जिस वक्त उन्हें अपनी मेडिकल कंडीशन का पता चला वो टूट गई थीं।

Selena Gomez
Selena Gomez

अपनी मेडिकल प्रॉब्लम्स की वजह से सेलेना बेबी कंसीव नहीं कर सकती हैं।

अगर वह ऐसा करती हैं तो न केवल उन्हें बल्कि उनके बच्चे की जान को भी खतरा हो सकता है।

जानें किस बीमारी से पीड़ित हैं सेलेना गोमेज?

सेलेना पिछले कुछ सालों से कई स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रही हैं।

2013 में उन्हें पता चला कि वह लूपस नाम की बीमारी से पीड़ित हैं।

वह 2016 में एंग्जाइटी और डिप्रेशन से जूझ चुकी हैं।

Selena Gomez
Selena Gomez

4 साल बाद साल 2017 में सेलेना ने एक किडनी ट्रांसप्लांट करवाया।

सेलेना जिस लूपस बीमारी से पीड़ित हैं, वो एक ऑटोइम्यून डिजीज।

इस बीमारी में शरीर का इम्यून सिस्टम अपने ही टिश्यूज और ऑर्गन्स पर अटैक करता है।

Selena Gomez
Selena Gomez

लूपस के कॉम्प्लिकेशन के कारण ही सेलेना का किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था।

2018 में उन्हें मेंटल प्रॉब्लम बाइपोलर डिसऑर्डर के बारे में पता चला।

इस बीमारी के बारे में उनकी डॉक्यूमेंट्री में भी जिक्र किया गया है।

दुनियाभर में 50 लाख लोग लूपस से प्रभावित

अमेरिकन लूपस फाउंडेशन के मुताबिक, पूरी दुनिया में लगभग 50 लाख लोग लूपस से किसी-न-किसी रूप से प्रभावित हैं।

सेलेना के मां न बन पाने का कारण भी यही है। यह एक ऑटोइम्यून डिजीज है।

लूपस एक ऐसी कंडीशन है, जो पूरे शरीर में इंफ्लेमेशन का कारण बनती है।

lupus autoimmune disease
lupus autoimmune disease

इस कंडीशन में हमारा इम्यून सिस्टम शरीर की रक्षा करने की बजाय उसे ही नुकसान पहुंचाने लगता है।

इसके लक्षण शरीर के किसी भी हिस्से में दिख सकते हैं।

यह इस बात पर निर्भर करता है कि ऑटोइम्यून सिस्टम शरीर के किस भाग के टिश्यूज को नुकसान पहुंचा रहा है।

लूपस के लक्षण के बारे में जानें-

लूपस पूरे शरीर में लक्षण पैदा कर सकता है, इसलिए इसके लक्षणों का अनुभव भी हर शख्स को अलग-अलग हो सकता है।

ऑटोइम्यून डिजीज होने के कारण इसके लक्षण आमतौर पर बहुत धीरे-धीरे विकसित होते हैं।

शुरुआती दिनों में इसके एक या दो लक्षण दिखाई दे सकते हैं।

इसके बाद जैसे-जैसे समय बीतता है, इसके कई लक्षण दिखाई दे सकते हैं।

शरीर के इन हिस्सों को प्रभावित करता है लूपस –
  • बल्ड सेल्स
  • स्किन
  • जॉइंट्स
  • किडनी
  • ब्रेन
  • हार्ट
  • लंग्स

लूपस में मिलते हैं इस तरह के संकेत-

  • जोड़ो और मांसपेशियों में दर्द
  • गहरी सांस लेने में सीने में दर्द
  • सिरदर्द
  • तेज बुखार
  • शरीर पर चकत्ते
  • हर समय थकान महसूस होना
  • बाल झड़ना
  • मुंह में छाले
  • सांस लेने में तकलीफ
  • हाथ, पैर या चेहरे पर सूजन
  • ग्लैंड्स में सूजन
  • कन्फूयजन
  • मेमोरी लॉस
  • ब्लड क्लॉटिंग

लूपस बन सकता है अन्य हेल्थ कंडीशंस का कारण

लूपस डिजीज के कारण शरीर में इंफ्लेमेशन बढ़ता रहता है और टिश्यूज प्रभावित होते रहते हैं।

इसके कारण कई अन्य हेल्थ कंडीशंस भी बन सकती हैं। जैसे –

  • फोटो सेंसिटिविटी
  • ड्राई आइज
  • डिप्रेशन या अन्य मेंटल कंडीशन
  • दौरे पड़ सकते हैं
  • एनीमिया
  • ऑस्टियोपोरोसिस
  • हार्ट डिजीज
  • किडनी डिजीज

लूपस क्यों होता है और इसका खतरा किसे है?

लूपस संक्रामक बीमारी नहीं है इसके बावजूद यह बीमारी किसी को भी हो सकती है।

अभी तक लूपस होने के पीछे किसी सटीक कारण का पता नहीं लगाया जा सका है।

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, शरीर में कुछ हॉर्मोन्स के रिएक्शन से लूपस डेवलप होने की अधिक आशंका हो सकती है।

किसी को लूपस डेवलप होने की कितनी आशंका है, यह इस पर भी निर्भर करता है कि कोई कितने प्रदूषित क्षेत्र में रहता है या फिर सन लाइट का एक्सपोजर कितना है।

इसके अलावा अगर कोई लंबे समय से स्मोकिंग कर रहा है, अक्सर तनाव में रहता है या कुछ ऑटोइम्यून हेल्थ कंडीशंस पहले से हैं तो इन सभी कारणों से लूपस ट्रिगर हो सकता है।

आर्थराइटिस, इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज और स्पॉन्डिलाइटिस के लिए दी जाने वाली दवाओं के कारण भी लूपस डेवलप होने का जोखिम बढ़ सकता है।

लूपस का ट्रीटमेंट क्या है?

अभी तक लूपस के इलाज के लिए खास दवाएं उपलब्ध नहीं हैं।

हालांकि कुछ दवाओं की मदद से इसके लक्षण जरूर कम किए जा सकते हैं।

lupus autoimmune disease
lupus autoimmune disease

डॉक्टर्स इलाज शुरू करने से पहले यह पता लगाने की कोशिश करते हैं कि लूपस से प्रभावित किसी शख्स के किस अंग को खतरा है।

इसके बाद वह दवाओं की मदद से नुकसान को कम करने की कोशिश करते हैं।

इसके साथ ही ऑटोइम्यून डिजीज के प्रभाव कम करने और शरीर के इंफ्लेमेशन को कम करने के लिए भी दवाएं दी जाती हैं।

लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव भी मददगार साबित हो सकते हैं। जैसे-
  • सूर्य की सीधी किरणों से बचना जरूरी है।
  • प्रतिदिन हेल्दी और बैलेंस्ड डाइट लें।
  • विटामिन D, कैल्शियम इसके लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं।
  • प्रतिदिन एक्सरसाइज करें।
  • अगर स्मोकिंग करते हैं तो छोड़ दें।

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