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Somvati Amavasya 2024: पितृ पक्ष से पहले ऐसे करें पितरों को प्रसन्न, 2 दिन रहेगी अमावस्या

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 12 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

Somvati Amavasya 2024: हिंदू धर्म में हर अमावस्या का बहुत खास महत्व है। इस दिन अगर आप कुछ खास उपाय करके अपने पितरों को प्रसन्न कर सकते हैं।

इस बार भाद्रपद महीने में पड़ने वाली अमावस्या सोमवार 1 सितंबर को पड़ रही है, जिस वजह से इसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है।

इस दिन पवित्र नदी में स्नान, व्रत, पूजा और दान जरूर करना चाहिए।

2 दिन रहेगा अमावस्या का प्रभाव

भाद्रपद महीने की सोमवती अमावस्या का विशेष महत्व इसलिए भी है कि इस बार 2 दिन तक अमावस्या रहेगी।

2 सितंबर 2024, सोमवार और 3 सितंबर 2024, मंगलवार दोनों ही दिन अमावस्या रहेगी।

ऐसे में इस बार सोमवती अमावस्या और भौमवती अमावस्या दोनों का ही फल प्राप्त होगा।

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Amavasya
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अमावस्या तिथि

पंचाग के अनुसार, भाद्रपद की अमावस्या तिथि 2 सितंबर को सुबह 5:21 बजे से शुरू होकर 3 सितंबर को सुबह 7:24 बजे तक है।

क्योंकि 2 सितंबर को सूर्योदय सुबह 06:00 बजे हो रहा है। ऐसे में उदयातिथि के आधार पर भाद्रपद अमावस्या 2 सितंबर सोमवार को है, जिसे सोमवती अमावस्या कहा जाएगा.

वहीं दूसरे दिन 3 सितंबर मंगलवार को भी सूर्योदय सुबह 06:00 बजे हो रहा है और उस दिन अमावस्या तिथि सूर्योदय के बाद 7:24 बजे तक रहेगी।

ऐसे में भाद्रपद अमावस्या की उदयातिथि मंगलवार को भी प्राप्त हो रही है, जिसे भौमवती अमावस्या कहा जाएगा

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अमावस्‍या पर शुभ योग

सोमवती अमावस्या 2024

अमावस्‍या के दोनों दिन शुभ योग बन रहे हैं। इस कारण इन दोनों दिन दान-पुण्‍य करना बहुत लाभ देगा।

भाद्रपद अमावस्‍या के पहले दिन सोमवती अमावस्‍या पर शिव योग और सिद्ध योग रहेगा।

शिव योग सुबह से शाम 06:20 बजे तक रहेगा। वहीं सिद्ध योग शाम 06:20 बजे से रात तक रहेगा।

भौमवती अमावस्या 2024

वहीं भाद्रपद अमावस्‍या के दूसरे दिन 3 सितंबर 2024 को भौमवती अमावस्‍या के दिन भी 2 शुभ योग रहेंगे।

सिद्ध योग सुबह से लेकर शाम 07:05 बजे तक रहेगा और साध्‍य योग शाम 07:05 बजे से 4 सितंबर को रात 08:03 बजे तक रहेगा।

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Amavasya
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सोमवती अमावस्या 2024 मुहूर्त

ब्रह्म मुहूर्त: प्रात: 04:29 बजे से प्रात: 05:15 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त: दिन में 11:55 बजे से दोपहर 12:46 बजे तक
श्राद्ध का समय: दिन में 11:30 बजे से दोपहर 03:30 बजे तक

सोमवती अमावस्या पर पितरों को ऐसे करे प्रसन्न

1. सोमवती अमावस्या के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और फिर सूर्य देव की पूजा करें।

2. फिर अपने पितरों का आह्वान करें और फिर जल, काले तिल, सफेद फूल से उनके लिए तर्पण करें, यह जल पाकर वे तृप्त होंगे, जिससे उनकी नाराजगी दूर होगी और वे आपको आशीर्वाद देंगे।

2. सोमवती अमावस्या पर आप अपने पितरों का श्राद्ध भी कर सकते हैं। पितृ दोष की शांति के लिए त्रिपिंडी श्राद्ध करते हैं। इससे पितर खुश होकर आशीर्वाद देते हैं।

3. सोमवती अमावस्या के अवसर पर पितरों को खुश करने के लिए शाम के समय में दक्षिण दिशा में सरसो के तेल का ​दीपक जलाएं।

4. सोमवती अमावस्या के दिन सुबह आप जो भोजन बनाएं, उसमें से कुछ हिस्सा पितरों को जरूर अर्पित करें। पितरों को वह भोजन गाय, कौआ, कुत्ता आदि के माध्यम से पहुंचता है. इसे पाकर वे तृप्त होते हैं। इसे पंचबलि कर्म कहा जाता है।

5. अमावस्या के दिन पितरों को खुश करने के लिए सफेद वस्त्र का दान कर सकते हैं, इसके अलावा किसी गरीब ब्राह्मण को अनाज, फल आदि का दान करना चाहिए।

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shri Sanwaliya Seth Temple

सोमवती अमावस्या पर क्या करें Somvati Amavasya Upay 2024

  • अमावस्या के दिन गंगा या अन्य पवित्र नदियों में स्नान जरूर करना चाहिए। ऐसा न हो सके तो घर में ही पानी में गंगा जल डालकर स्नान करें।
  • इस दिन दान करने का भी विशेष महत्व होता है। अमावस्या पर गरीबों या जरूरतमंदों को जरूरी सामान दान करें।
  • सोमवती अमावस्या पर अपने पितरों का तर्पण और पिंडदान करें।
  • इस दिन पितृ गायत्री मंत्र या पूर्वजों को समर्पित मंत्रों का जाप करना चाहिए।
  • इस दिन अधिकतर समय धार्मिक कार्यों और पूजा-पाठ आदि में व्यतीत करना चाहिए।
  • इस दिन मंदिर या धार्मिक स्थान पर जाएं और भगवान विष्णु की पूजा जरूर करें।

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सोमवती अमावस्या पर क्या नहीं करें

  • इस दिन मांसाहारी भोजन या शराब का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • इस दिन चना, मसूर दाल, सरसों का साग और मूली खाना वर्जित है।
  • इस दिन किसी भी जानवर को परेशान न करें।
  • इस दिन किसी का अपमान न करें और न ही कड़वी बातें कहें।
  • इस दिन कोई भी शुभ कार्य या मांगलिक कार्य जैसे शादी या सगाई आदि न करें।

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