Tattoo Side Effects: आज के दौर में टैटू बनवाना एक ट्रेंड बन गया है।
कूल और स्टाइलिश दिखने के लिए लोग शरीर पर टैटू बनवाते हैं।
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है, कि टैटू कई हेल्थ इशू का कारण बन सकता है?
डॉक्टरों का कहना है कि टैटू इंक में खतरनाक केमिकल्स पाए जाते हैं और इससे HIV या ब्लड कैंसर का खतरा हो सकता है।
ऐसे में अगर आपको भी टैटू बनवा रहे हैं, तो सावधान हो जाइए।
टैटू बनवाने का शौक न बन जाए जानलेवा
स्टाइल या कूल लुक के लिए टैटू नहीं बनवाना आपके सेहत के लिए काफी खतरनाक है।
इससे स्किन इन्फेक्शन और एलर्जिक रिएक्शन हो सकता है।
वहीं टैटू बनवाने के लिए जो इंक और सुई इस्तेमाल की जाती है, उससे हेपेटाइटिस बी और सी ही नहीं HIV भी का खतरा हो सकता है।
कुछ महीने पहले उत्तर प्रदेश के 10 जिलों में 40 लोग टैटू बनवाने के बाद HIV संक्रमित हो गए।
इतना ही नहीं टैटू लीवर और ब्लड कैंसर का कारण भी बन सकता है।
टैटू और कैंसर के कनेक्शन को समझने के लिए हाल ही में एक स्टडी हुई।
ईक्लिनिकल मेडिसिन जर्नल में पब्लिश हुई स्वीडन यूनिवर्सिटी की स्टडी में रिसर्चर्स ने पाया गया कि टैटू बनवाने से लिम्फोमा यानी ब्लड कैंसर का खतरा 21% तक बढ़ जाता है। इ
सी साल जुलाई में एक और स्टडी हुई जिसमें अमेरिका में इस्तेमाल किए जाने वाले टैटू और परमानेंट मेकअप इंक के 75 सैंपल्स की जांच की गई।
जांच में रिसर्चर्स ने पाया कि 75 में से 26 सैंपल्स में इन्फेक्शन फैलाने वाले बैक्टीरिया थे।
टैटू की इंक में छिपे हैं ये खतरनाक केमिकल्स
टैटू में जिस इंक का इस्तेमाल होता है, उसमें बहुत सारे ऐसे केमिकल्स हो सकते हैं, जो कार्सिनोजेनिक हैं।
कार्सिनोजेनिक का मतलब होता है, ऐसे तत्व जो कैंसर का कारण बन सकते हैं।
कुछ टैटू इंक में अजो (Azo) नामक केमिकल हो सकता है।
यह वह केमिकल है, जिसका इस्तेमाल कार पेंट्स में किया जाता है।
2016 में ऑस्ट्रेलियन सरकार की एक रिपोर्ट में पाया गया कि टैटू में इस्तेमाल होने वाली काली रंग की स्याही में 83% पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन (PAHs) एलिमेंट था, जो कि कार्सिनोजेनिक है।
वहीं कुछ साल पहले चूहों पर की गई एक स्टडी में वैज्ञानिकों ने पाया कि जो चूहे रेड इंक के संपर्क में आए, उनमें लिवर कैंसर डेवलप हुआ।
इससे साफ है कि ये मनुष्यों के लिए भी बेहद खतरनाक है।
टैटू इंक में होते हैं ये 10 खतरनाक केमिकल्स –
- अल्कोहल
- बेरियम
- कैडमियम
- कॉपर
- कांच
- पारा
- मिनिरल्स
- निकेल
- प्लास्टिक
- वेजिटेबल डाई
स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है टैटू बनवाना
टैटू हमारी हेल्थ के लिए किसी भी तरह से फायदेमंद नहीं है, लेकिन लोग शौक के लिए इसे बनवाते हैं।
कई बार टैटू आर्टिस्ट पुरानी इंक का इस्तेमाल करते हैं, जिसमें बैक्टीरिया होते हैं और जो इन्फेक्शन का कारण बन सकते हैं।
अनप्रोफेशनल टैटू आर्टिस्ट से इन्फेक्शन का खतरा अधिक होता है, क्योंकि कई बार वह पैसा बचाने के चक्कर में पुरानी नीडल का इस्तेमाल करते हैं।
टैटू बनवाने से हो सकते हैं ये हेल्थ इशू –
- एलर्जिक रिएक्शन हो सकता है।
- स्किन इन्फेक्शन हो सकता है।
- स्किन पर ऐसे दाग पड़ सकते हैं, जो जाएं नहीं।
- हेपेटाइटिस B और C का खतरा हो सकता है।
- HIV और AIDS हो सकता है।
- स्किन और ब्लड कैंसर का खतरा रहता है।
- किडनी और लिवर को नुकसान हो सकता है।
टैटू के बाद दिखें ये लक्षण, तो तुरंत डॉक्टर से करें संपर्क
टैटू से स्किन इन्फेक्शन और एलर्जिक रिएक्शन होना संभव है।
अगर स्किन सेंसिटिव है, तो एलर्जी का खतरा बढ़ जाता है।
शरीर के जिस हिस्से पर टैटू बनवाया गया है, उसके आसपास कुछ लक्षण दिखाई दे सकते हैं।
इसमें खुजली या सूजन होना शामिल है।
दिखें ये लक्षण तो डॉक्टर को दिखाएं –
- ठंड लगना
- ठंड के साथ शरीर में कंपकंपी होना
- अचानक तेज बुखार आना
- शरीर में तेज दर्द होना
- पसीना आना
- टैटू वाली जगह पर सूजन
- टैटू वाली जगह पर तेज खुजली
- खुद से किसी तरह का घरेलू उपचार न करें।
टैटू बनवाते समय इन बातों का भी रखें ध्यान –
ध्यान रहे हमेशा ऐसी जगह से टैटू बनवाएं, जहां हाइजीन का ध्यान रखा जाता हो।
स्किन के उन भागों पर टैटू बनवाने से बचें, जहां बहुत अधिक तिल या झाइयां हों।
टैटू इंक में मौजूद खतरनाक केमिकल्स स्किन, लंग्स और लिवर में इरिटेशन पैदा कर सकते हैं।
इसके अलावा ये नर्वस सिस्टम को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं।
कुछ लोगों को टैटू बनवाने के बाद तेज धूप के संपर्क में आते ही एलर्जी हो सकती है।
कई बार ये एलर्जी सालों बाद भी हो सकती है।
टैटू से होने वाली एलर्जी के लक्षणों में खुजली, रेडनेस, सूजन और मवाद निकलना शामिल है।
जिन लोगों की स्किन सेंसिटिव है, उन्हें टैटू नहीं बनवाना चाहिए।
इसके अलावा बच्चों और गर्भवती महिलाओं को भी इससे बचना चाहिए।